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Meerut News: मेरठ में बोले राकेश टिकैत, पुजारी का वस्त्र धारण किए हुए हैं लेकिन यह पूजा पाठ वाले नहीं,बली वाले पुजारी हैं
Meerut News: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बिना किसी नाम लिए आज कहा कि यह लोग पुजारी का वस्त्र धारण किए हुए हैं लेकिन यह पूजा पाठ वाले नहीं,बली वाले पुजारी हैं।
Meerut News: भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (National spokesperson Rakesh Tikait) ने बिना किसी नाम लिए आज कहा कि यह लोग पुजारी का वस्त्र धारण किए हुए हैं लेकिन यह पूजा पाठ वाले नहीं,बली वाले पुजारी हैं। इनका काम तोड़फोड़ की राजनीति करना है। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से राकेश टिकैत (National spokesperson Rakesh Tikait) के अलावा योगेंद्र यादव, युद्धवीर सिंह, शिवकुमार शर्मा ,जोगिंदर सिंह उग्राहा, हन्नान मोल्ला, आदि किसान नेता रविवार को मेरठ में थे।
इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि किसान विरोधियों को सजा दें। नेताओं ने कहा कि हम किसी का समर्थन और विरोध नहीं करते है लेकिन जनता सब जानती है। योगेंद्र यादव ने कहा हमारा यह दायित्व नहीं है कि हम किसी पार्टी को किसानों के हितैषी होने का सर्टिफिकेट दें। पर वर्तमान में जो परिस्थितियां पैदा हुईं थीं उसके चलते भाजपा को सजा देने की अपील की जा रही है क्योंकि यह पार्टी वोट, सीट और सत्ता की भाषा ही समझती है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसी पार्टी के नहीं होते वे सबके होते है: राकेश टिकैत
संवाददाताओं के साथ बातचीत में राकेश टिकैत (National spokesperson Rakesh Tikait) ने कहा कि पिछले एक महीने से एक बिरादरी को इस क्षेत्र में टारगेट करके भाजपा अपना प्रचार कर रही है, यह एक संत और सूबे के मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसी पार्टी के नहीं होते वे सबके होते है। टिकैत (National spokesperson Rakesh Tikait) ने कहा कि हिंदुत्व का सर्टिफिकेट देने का ठेका भाजपा के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि मुज़फ्फरनगर मॉडल अब नहीं चलेगा। इस चुनाव में तरह-तरह की बातें हो रही है, जनता सब देख रही है। जनता किसी के भी बहकावे में आने वाली नहीं है। टिकैत (National spokesperson Rakesh Tikait) ने कहा कि इस बार पश्चिम उत्तर प्रदेश में हिंदू, मुस्लिम और जिन्ना का मैच नहीं होने देंगे।
आंदोलन में 48 हजार किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए: योगेंद्र
योगेंद्र यादव ने कहा 9 दिसंबर को आंदोलन वापस लिया गया था। जिन मुद्दों पर सहमति बनी थी उनमें से एक भी पूरी नहीं हुई है। इसी मजबूरी के कारण यूपी मिशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। योगेंद्र यादव ने कहा कि मुख्य रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कमेटी के गठन की मांग थी। आंदोलन में 48 हजार किसानों पर मुकदमे दर्ज हुऐ थे। उसे वापस लेने की मांग भी पूरी नहीं हुई है। इसके अलावा बिजली की दरों में बढ़ोतरी और गन्ना मिलों का भुगतान का भी मामला है।
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