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Meerut News: तो क्या वरुण गांधी BJP से दूर हो रहे हैं?

Meerut News: बीजेपी सांसद वरुण गांधी एक बार फिर अपनी अलग राय को लेकर चर्चा में है ...

Sushil Kumar
Report Sushil KumarPublished By Ragini Sinha
Published on: 7 Sept 2021 10:58 PM IST (Updated on: 8 Sept 2021 7:11 AM IST)
Bjp mp varun gandhi
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तो क्या वरुण गांधी BJP से दूर हो रहे हैं? (Social media)

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे बीजेपी सांसद वरुण गांधी एक बार फिर चर्चा में है। इस बार उन्होंने मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत को लेकर पार्टी की राय से अलग राय जाहिर की है। इसको लेकर उन्होंने ट्वीट किया है। उन्होंने ट्विट करके किसानों का समर्थन किया और उन्हें अपना ही खून बताते हुए कहा कि सम्मान के साथ उनकी बात सुनी जानी चाहिए। बता दें कि मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत में किसान नेताओं ने ऐलान किया कि वे अगले चुनाव में बीजेपी का विरोध करेंगे। अगर केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती है, तो 2024 के लोकसभा चुनाव तक आंदोलन करते रहेंगे।

वीडियो फर्जी नहीं है तो SDM कार्रवाई होनी चाहिए

इससे पहले वरुण गांधी ने हरियाणा के उस SDM का वीडियो भी ट्विट किया था, जिसमें वह अधिकारी किसानों का सर फोड़ने के निर्देश दे रहे थे। वरुण ने लिखा था अगर वीडियो संपादित या फर्जी नहीं है, तो कार्रवाई होनी चाहिए। वरुण के ये बयान भाजपा से बढ़ती उनकी दूरी की ओर इशारा कर रहे हैं। BJP से इतर अपनी राय रखने के पीछे वरुण की मंशा कुछ भी हो। किसान आंदोलन का वरुण द्वारा खुलकर समर्थन करने के पीछे राजनीतिक पंडित जमीनी सच्चाई भी मानते हैं।

वरुण ने सिस्टम पर अल्पसंख्यकों के विकास में फेल होने का आरोप लगाया

दरअसल, उत्तर प्रदेश से ही सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे वरुण गांधी उत्तर प्रदेश की जमीनी हकीकत का अंदाजा हो रहा है। उनको मुजफ्फरनगर की महापंचायत में उमड़े किसानों के सैलाब को देखकर लग रहा है कि किसान आंदोलन भाजपा विरोधी हवा बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। वैसे वरुण गांधी इससे पहले भी भाजपा के लिए सिरदर्द बढ़ाने वाले बयान देकर सुर्खियां बटोर चुके हैं। कुछ दिन पहले वह रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण देने के संबंध में लिखे अपने एक लेख में बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने लिखा था कि आतिथ्य सत्कार और शरण देने की अपनी परंपरा का पालन करते हुए हमें शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए।जिन इलाकों में बड़ी संख्या में शरणार्थी हों, वहां तनाव और भेदभाव कम करने के लिए स्थानीय निकायों को आगे बढ़कर मकान मालिकों और स्थानीय एसोसिएशन को इनके प्रति संवेदनशील बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।हमें म्यांमारी रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण जरूर देनी चाहिए,लेकिन इससे पहले वैध सुरक्षा चिंताओं का आकलन भी करना चाहिए।फरवरी 2017 में इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में वरुण नेसिस्टम पर अल्पसंख्यकों के विकास में फेल होने का आरोप भी लगाया। वरुण गांधी ने इस कार्यक्रम में रोहित वेमुला के सुसाइड का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि रोहित वेमुला का सुसाइड नोट पढ़कर उन्हें रोना आ गया।किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर कहा कि देश में कर्ज वसूली में भेदभाव किया जा रहा है।अमीरों को तो रियायत दे दी जाती है, लेकिन गरीब को जान देनी पड़ती है।

वरुण कैबिनेट विस्तार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं

बीजेपी सांसद वरुण गांधी भाजपा से इतर अपनी राय के कारण सुर्खियों में रहे हैं। राजनीतिक पंडित यह भी कयास लगा रहे हैं कि वरुण के ये बयान भाजपा से बढ़ती उनकी दूरी की ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि, बीजेपी में वरुण के विरोधी यह कहकर उनके बयानों को हवा में उड़ाते दिखते हैं कि यूपी में तवज्जो नहीं मिलने के कारण वरुण अपनी भड़ास पार्टी से इतर यदा-कदा बयान देकर निकालते रहते हैं। बीजेपी के अंदरुनी सूत्रों की माने तो वरुण जुलाई में हुए कैबिनेट विस्तार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं। पहली सरकार में उनकी मां मंत्री थीं पर इस बार उनको भी बाहर रखा गया है। सो, उन्होंने सही मौका देख कर नाराजगी जाहिर कर दी है।

Ragini Sinha

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