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Meerut News: अधिकारियों पर भड़के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा बोले अधिकारी आराम तलब हो गए हैं जिले पर पड़े रहते हैं

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में प्रदेश के ऊर्जा अतिरिक्त स्रोत और जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा योजना समीति की समीक्षा बैठक के दौरान कई विभागों की बेहद खराब स्थिति देखकर अधिकारियों पर भड़क गये।

Sushil Kumar
Report Sushil KumarPublished By Divyanshu Rao
Published on: 9 Sep 2021 1:57 PM GMT
Meerut News
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ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की तस्वीर(डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक) 

Meerut News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) जिले में प्रदेश के ऊर्जा अतिरिक्त स्रोत और जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा योजना समीति की समीक्षा बैठक के दौरान कई विभागों की बेहद खराब स्थिति देखकर अधिकारियों पर भड़क गये। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा अधिकारियों से योजना कार्यों से संबंधित सवाल किए जिस पर कई अधिकारी गोल हो गए। प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों का लापरवाह रवैया सामने आने पर कहा कि अधिकारी आरामतलब हो गए हैं। जिले पर पड़े रहते हैं।

यह अपनी योजनाओं का भौतिक सत्यापन करने के लिए कार्यालयों से बाहर नहीं निकलते हैं। ऐसे अधिकारियों की गाड़ियों में जीपीएस लगवा कर जांच कराई जाए। उन्होंने आगे कहा कि सभी अधिकारियों के वाहनों में जीपीएस लगवाए जाएं ताकि पता चल सके कि ये भौतिक सत्यापन के लिए जाते हैं या फिर नहीं। प्रभारी मंत्री ने साथ ही जिलाधिकारी के बालाजी को इन विभागों की योजनाओं का सत्यापन कराने के लिए भी कहा।

ऊर्जा मंत्री सबसे पहले जिले के विकास भवन सभागार पहुंचे

प्रदेश के ऊर्जा और जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा सबसे पहले जिले के विकास भवन सभागार पहुंचे। यहां बैठक से पहले मुख्य विकास अधिकारी कक्ष में अधिकारियों के साथ वह गोपनीय बैठक की। इसके बाद वह जिला योजना समिति की बैठक में शामिल हुए।

बैठक करते ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कई विभागों का कार्य ठीक नहीं

विकास भवन सभागार में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिले के प्रभारी व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी हर योजनाओं का लाभ आम जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि पिछली जिला योजना समिति की बैठक में भी कई विभागों का कार्य ठीक नहीं था। इस बैठक में भी कुछ विभागों की लापरवाही लगातार सामने आई है। बैठक में प्रभारी मंत्री ने परियोजना निदेशक ग्रामीण, जिला पंचायत राज अधिकारी, यूपी नडा, एमडीए उपाध्यक्ष आदि अधिकारियों को लताड़ लगाई।

मंत्री के सवाल का जिला पंचायत अधिकारी नहीं दे पाईं कोई जवाब

उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव से कई प्रश्न पूछे। उन्होंने पूछा कि आपने कितने गांवों का दौरा किया। इस पर जिला पंचायत राज अधिकारी जवाब नहीं दे सकी। मंत्री श्रीकांत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सभी गांवों में होने वाले जलभराव सहित अन्य रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। वहीं डीआरडीए पीडी मोतीलाल व्यास से पूछा कि जब ग्रामीण आवास की किश्त देते हो तो क्या भौतिक सत्यापन करते हो। इस पर वह भी कुछ जवाब नहीं दे पाए।

पीडीडीआरडीए अधिकारियों ने ग्रामीण इलाकों में बने मकानों का भौतिक सत्यापन तक नहीं किया

इसके बाद राज्यमंत्री पीडीडीआरडीए पर भी भड़क गए। दरअसल, पीडीडीआरडीए अधिकारियों ने ग्रामीण इलाकों में बन रहे मकानों का भौतिक सत्यापन नहीं किया। जनपद की सड़कों की हालत पर उन्होंने लोक निर्माण विभाग से 15 सितंबर से सभी सड़को को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए। जिला योजना की बैठक में कुल 387 करोड़ रुपए के प्रस्तावों पर सहमति व्यक्त की गई। बैठक में मुख्य रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी, राज्यसभा सदस्य विजय पाल तोमर, विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल, सत्यवीर त्यागी, संगीत सोम आदि मौजूद रहे।

Divyanshu Rao

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