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Meerut News: कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि का दीक्षांत समारोह, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल बोली, कृषि विज्ञान हमारी कृषि प्रणाली और अर्थव्यवस्था की रीढ़

Meerut News: सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि का चतुर्दश दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कृषि विज्ञान हमारी कृषि प्रणाली और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

Sushil Kumar
Report Sushil KumarPublished By Deepak Kumar
Published on: 22 Dec 2021 1:43 PM GMT
Meerut News In Hindi
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Meerut: कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि के दीक्षांत समारोह। 

Meerut News: सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (Sardar Vallabhbhai Patel University of Agriculture and Technology) का चतुर्दश दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandi Ben Patel) ने कहा कि कृषि विज्ञान हमारी कृषि प्रणाली और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा के अंतर्गत विश्वविद्यालय स्तर पर उद्यमिता विकास कर छात्रों को विभिन्न प्रशिक्षणों के द्वारा स्वावलंबी बनाया जा रहा है जिससे छात्र शिक्षा पूर्ण करने के बाद नौकरी करने वाले ना बनकर, नौकरी देने का काम कर पाए। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय दुगुनी करने पर कार्य कर रही है। कार्यक्रम में विवि की ओर से 275 डिग्रियां व 7 मेडल प्रदान किए गए।


कृषि विज्ञान हमारी कृषि प्रणाली और अर्थव्यवस्था की रीढ़ : आनंदी बेन पटेल

कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल (Governor AnandiBen Patel) ने कहा की कृषि विज्ञान हमारी कृषि प्रणाली और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में कृषि के योगदान को और अधिक कैसे प्रभावी बनाया जाए। इस विषय पर आप सभी नौजवानों को सोचना होगा। पिछले कुछ वर्षों में भारत में ऐसे एग्रीटेक स्टार्ट अप की संख्या में वृद्धि देखी गई है जो न केवल तकनीकी को और सुदृढ बना रहे हैं। बल्कि किसान को अपने जीवन को बेहतर बनाने में भी मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने प्रयागराज की पावन भूमि पर महिलाओं को जरूरी कौशल प्रोत्साहन और संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में स्वयं सहायता समूह को 1000 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की है, जो महिलाओं को जमीनी स्तर पर महिला सशक्तिकरण का अनूठा प्रयास है। इससे स्वयं सहायता समूह की लगभग 16 लाख महिला सदस्यों को फायदा होगा।


राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor AnandiBen Patel) ने कहा कि मैं आपसे एक बात साझा करना चाहूंगी कि खेत में जो किसान काम करते हैं वह भी वैज्ञानिक है। उनके अनुभव आधारित ज्ञान का लाभ कृषि विश्वविद्यालय (agricultural university) के विद्यार्थियों को उनके पास जाकर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह देखा है कि बहुत से किसानों ने अपने अनुभव और परंपरा के ज्ञान से ऐसे-ऐसे उन्नत बीज तैयार किए हैं जिनसे बेहतरीन फसलें मिल सकती हैं।

प्रदेश सरकार लगातार कृषि शिक्षा पर दे रही जोर

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor AnandiBen Patel) ने कहा कि विद्यार्थी जीवन से ही स्वरोजगार के गुर सिखाए जाने की व्यवस्था स्टार्टअप नीति में की गई है। विश्वविद्यालयों और विद्यालयों में नवाचार और उद्यमिता विकास के पाठ्यक्रम शामिल किए जाने की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार लगातार कृषि शिक्षा पर जोर दे रही है जिससे कि कृषि किसानों की आय दोगुनी करने में अपना वांछित योगदान कर सके। कृषि शिक्षा के अंतर्गत विश्वविद्यालय स्तर पर उद्यमिता विकास पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है जिसमें छात्रों को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षकों द्वारा स्वावलंबी बनाने के लिए शिक्षित किया जा रहा है, ताकि छात्र शिक्षा पूर्ण करने के बाद नौकरी करने वाले ना बन कर नौकरी देने का काम कर पाए।


राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मुरादाबाद के बिलारी तहसील के एक छोटे से गांव के 77 वर्षीय प्रगतिशील किसान रघुपति सिंह का जिक्र करते हुए कहा उन्हें बीजों के संरक्षण और संवर्धन के लिए किसी पंडित के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया की एक ऐसी वैरायटी को संरक्षण देने का काम किया है जो 50 साल पुरानी हो गई थी। उन्होंने एक नींबू का बीज तैयार किया जो संतरे जितना बड़ा है और स्वाद नींबू का ही है। उन्होंने लौकी का ऐसा बीज तैयार किया है जिससे 3 फुट तक की लौकी होती है। इसी प्रकार चना, बैंगन, करेला, भिंडी व काशीफल के बीजों का शोधन और अनेक उन्नतशील प्रजातियों का विकास भी किया है। उन्होंने कहा कि किसी वैज्ञानिक और कृषि स्नातक उनके अनुभवों का लाभ उठाएं और किसको तक यह जानकारी पहुंचाएं।

देश की आबादी 2050 तक लगभग 150 करोड़ होने की संभावनाः डॉक्टर रमेश चंद

मुख्य अतिथि नीति आयोग सदस्य डॉक्टर रमेश चंद (NITI Aayog Member Dr. Ramesh Chand) ने अपने संबोधन में कहा कि विकासशील देश ही विश्व का 80 प्रतिशत भोजन उत्पादित करते हैं। भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक है जिसने गत वर्ष 296.65 मिलियन टन खाद्यान्न, बागवानी 319.50 मिलियन टन उत्पादन एवं 198.40 मिलियन टन दूध, 8.6 मिलियन टन मास 14 .10 मिलियन टन मत्स्य तथा 114 .40 बिलियन अंडों का उत्पादन किया है। सदस्य नीति आयोग (NITI Aayog Member Dr. Ramesh Chand) ने कहा कि भारत की कृषि लाखों किसानों की गाथा है जोकि 130 करोड़ मानव तथा 50 करोड़ पशुधन को समाहित किए हुए हैं। एक अनुमान के अनुसार राष्ट्रीय आबादी 2050 तक लगभग 150 करोड़ होने की संभावना है। अतः प्रति व्यक्ति खाद की आपूर्ति की मांग को पूरा करने के लिए प्रति इकाई क्षेत्रफल में कम लागत व समय के साथ उत्पादकता को बढ़ाने की आवश्यकता है। जिसको पूरा करने की चुनौती हमारे भविष्य के किसी वैज्ञानिकों एवं हमारे अन्नदाताओं की भी है। उन्होंने कहा मुझे पूर्ण विश्वास है कि हम सब मिलकर इस चुनौती को स्वीकार करेंगे और अपने प्रयासों से इसे पूरा करने में खरे उतरेंगे।


दीक्षांत समारोह (convocation) में बोलते हुए कुलपति डॉक्टर आरके मित्तल (Vice Chancellor Dr RK Mittal) ने कहा कि यह विश्वविद्यालय शिक्षा शोध और प्रसार के कार्यों को गति प्रदान करने के लिए सदा प्रयास कर रहा है। अभी हाल ही में 12 अग्रणी संस्थानों से अनुबंध किए गए हैं। शोध निदेशालय के अंतर्गत विभिन्न वित्त पोषित संस्थाओं द्वारा 4777 लाख की कुल 32 शोध परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं जिसमें गत वर्ष राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (National Agricultural Development Scheme) अंतर्गत कुल 1342 लाख की 9 परियोजनाएं सम्मिलित है। कुलपति डॉक्टर आरके मित्तल (Vice Chancellor Dr RK Mittal) ने कहा कि विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट शिक्षा एवं शोध के लिए एक अच्छे पुस्तकालय का होना आवश्यक है। इसके लिए विश्वविद्यालय में 57,400 वर्ग फिट में आधुनिक केंद्रीय पुस्तकालय की स्थापना मुख्यमंत्री की गई थी और इस पुस्तकालय में फर्नीचर किताबें एवं पत्रिकाओं के क्रय के लिए 83.33 लाख रुपये की धनराशि शासन द्वारा इस वर्ष निर्गत की गई है।


समारोह में विद्यार्थियों को प्रदान किए 7 मेडल

कुलसचिव डॉ. डीके सिंह (Registrar Dr. DK Singh) ने बताया कि समारोह में कुलाधिपति महोदया व कुलपति द्वारा कुल 167 स्नातक, 93 परास्नातक एवं 15 पीएचडी की उपाधियां वितरित की गई। उपाधि प्राप्तकर्ताओ में 19.64 प्रतिशत छात्राएं एवं 80.36 प्रतिशत छात्र रहे। समारोह में 07 मेडल प्रदान किए गए, जिसमें बीएससी (कृषि) के छात्र यशराज को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, दिशा अग्रवाल को कुलपति स्वर्ण पदक, अनन्या सिंह को कुलपति रजत पदक एवं संस्कृति सिंह को कुलपति कांस्य पदक प्रदान किये गए। इसी प्रकार बीटेक बायोटेकनोलाजी के छात्र दिव्यांशु तिवारी को कुलपति स्वर्ण पदक, नयन्शी पाठक को कुलपति रजत एवं शिव कांत मिश्रा को कुलपति कांस्य पदक प्रदान किये गये तथा सदस्य नीति आयोग डॉ. रमेश चन्द्र को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. डीके सिंह, प्रबंध परिषद के सदस्य मनोहर सिंह तोमर, निखिल त्यागी, वित्त नियंत्रक लक्ष्मी मिश्रा, सुमन त्यागी एवं विद्युत परिषद के सदस्य तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति आदि उपस्थित रहे।

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