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Meerut News: प्रजापति समाज का बड़ा एलान, 30 नवबंर को करेंगे प्रदर्शन
Meerut News: संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दारा सिंह प्रजापति ने आज धरना-प्रदर्शन की घोषणा करते हुए बताया कि हमारा यह धरना-प्रदर्शन अराजनैतिक है।
Meerut News: प्रजापति/ कुम्हार जाति को अनुसूचित जाति में शामिल कराने की मांग को लेकर ३० नवम्बर को प्रजापति समाज ने चौधरी चरण सिंह पार्क,कमिश्नरी चौराहा पर विशाल धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दारा सिंह प्रजापति (Dara Singh Prajapati) ने आज धरना-प्रदर्शन की घोषणा करते हुए बताया कि हमारा यह धरना-प्रदर्शन अराजनैतिक है। धरना-प्रदर्शन में हमने समाज सभी लोंगो को बुलावा भेजा है चाहे वह किसी भी दल के हों। उन्होंने कहा कि धरना-प्रदर्शन में मेरठ व सहारनपुर मंडल व आसपास के मंडलों से जुड़े प्रजापति समाज के लोग शामिल होंगे। दारा सिंह प्रजापति ने बताया कि संविधान में कुम्हार जाति को शिल्पकार अनुसूचित जाति की सूची में शामिल कर लिया गया, लेकिन सियासी दलों ने प्रजापति समाज की हमेशा ही अनदेखी की है, ऐसे में समाज आज भी सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, राजनैतिक रूप से पिछड़ा हुआ है।
दारा सिंह प्रजाति ने कहा कि योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने हमें अनुसूचित जाति का दर्ज दिलाने की बात की थी। लेकिन लखनऊ (Lucknow) में प्रजापति सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमें केवल मिट्टी के दीपक दिखाने का काम किया। उन्होंने केवल हमें मिट्टी का सपना दिखाया। लखनऊ में प्रजापति सम्मेलन में प्रजापति समाज के बड़े लोंगो को वरियता दी गई। मुख्यमंत्री की नजर में आम कुम्हार प्रजापति नही है। हमारा समाज उसी को वोट देगा जो हमारे हक की बात करेगा।
दारा सिंह प्रजापति ने कहा कि हमारी छह मागें हैं जिसको लेकर विशाल धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया गया है। इन मांगों में पहली और प्रमुख मांग कुम्हार/ प्रजापति समाज को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अनुसूचित जाति शामिल किये जाने की है। इसके अलावा पिछड़े वर्ग की अलग से जातीय गणना कराई जाये,पिछले तीन वर्षो में हुई प्रजापति समाज के निर्दोष लोंगो की चार दर्जन से अधिक हत्याओं की निष्पक्ष जांच की जाए। तथा हमलावरों को सख्त सजा दी जाए और मृतकों के आश्रितों को समुचित मुआवजे के साथ सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।
कुम्हार समाज की अलग से राजनीतिक हिस्सेदारी तय हो। रेन्द्र व राज्यों की सरकारें राजकीय सेवाओं में कुम्हारों के लिए अलग से हिस्सेदारी करना सुनिश्चित करें। पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित २७ फीसदी आरक्षण में से प्रजापति/ कुम्हार सहित अन्य पिछड़ी जातियों की जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का बंटवारा किया जाए। ताकि इसका लाभ सबकों समुचित रुप से मिल सके।