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Meerut News: दो लाख किसानों के बावजूद फसल बीमा योजना में एक भी नहीं मिला पात्र, जानिए वजह

मेरठ (Meerut) जनपद किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रास नहीं आ रही है। साल दर साल फसल बीमा कराने वाले किसान घट रहे हैं। वर्तमान में आलम यह है कि यहां दो लाख से अधिक किसान होने के बाद भी वर्तमान में योजना का एक भी पात्र नहीं है।

Sushil Kumar
Report Sushil KumarPublished By Ashiki
Published on: 27 Aug 2021 10:46 AM GMT
Meerut News
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कांसेप्ट इमेज (Photo- Social Media)

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ (Meerut) जनपद किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना रास नहीं आ रही है। साल दर साल फसल बीमा कराने वाले किसान घट रहे हैं। वर्तमान में आलम यह है कि यहां दो लाख से अधिक किसान होने के बाद भी वर्तमान में योजना का एक भी पात्र नहीं है। कारण साफ है कि बीमा कंपनी करोड़ों की प्रीमियम राशि वसूलकर फसली नुकसान होने की सूरत में किसानों को बहुत थोड़ा क्लेम देकर पीछा छुड़ा लेती हैं। अब सरकार ने भी फसल बीमा की अनिवार्यता खत्म कर इसे स्वैच्छिक कर दिया है।

उप कृषि निर्देशक ब्रिजेश चंद्र कहते हैं, प्रधानमंत्री बीमा योजना को स्वैच्छिक कर दिया है। कई बार किसानों को योजना का लाभ भी नहीं मिल पाता। यही वजह है कि जनपद में योजना का लाभ लेने वालों की संख्या लगभग शून्य ही है। केंद्र सरकार ने पिछले साल योजना को स्वैच्छिक कर दिया था। दरअसल, किसानों की शिकायत थी कि फसल का नुकसान होने पर बीमा कंपनियां सुनवाई नहीं करती हैं और किसानों के साथ ठगी करती हैं। किसानों को बीमा कराने के बाद भी योजना का लाभ नहीं मिल पाता है।

यहां बता दें कि सरकार ने प्राकृतिक आपदा के समय किसान को नुकसान से बचाने के लिए पीएम फसल बीमा योजना शुरू की गई है। पिछले तीन साल में जिले में योजना के तहत बीमा कराने वाले किसानों की संख्या कम रही है। वर्ष 2020 तक बढ़ते हुए कुल 1280 किसानों ने योजना के तहत बीमा कराया हुआ है। इस पर सरकार ने योजना में किसानों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया है। खास बात यह है कि योजना के अंतर्गत खरीफ की फसल के लिए किसान को दो प्रतिशत प्रीमियम जमा करना पड़ेगा। इसके बाद फसल प्राकृतिक आपदा से बर्बाद होने पर 72 घंटे के अंदर किसान को क्लेम मिलेगा।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दम तोड़ने के सवाल पर कृषि अधिकारी बंगले झांकने लगते हैं।

Ashiki

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