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Russia Ukraine War: यूक्रेन से सुरक्षित लौटे छात्रों के घरों में खुशी की लहर, फंसे हुए बच्चों के परिजनों ने लगायी सरकार से गुहार
Russia Ukraine War : यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र सुरक्षित अपने वतन और परिवार के पास पहुंच गए हैं। बच्चों को देख परिजनों में खुशी की लहर है।
Russia Ukraine War : पिछले पांच दिनों से यूक्रेन में फंसे बच्चों में कुछ बच्चे सकुशल घर लौट आए हैं। जबकि अभी भी मेरठ के करीब 28 छात्रों के फंसे होने की सूचना मिली है। ऐसे में जिनके बच्चे सकुशल लौट आए हैं, उनके परिजनों ने राहत की सांस ली। साथ ही उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया, लेकिन जिनके बच्चे अभी भी वहां फंसे हुए हैं, उनके परिजनों की चिंता अपने बच्चों को लेकर लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे परिजन विभिन्न माध्यमों से लगातार सरकार से अपने बच्चों को वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं।
जल्द भारत लौट आएंगे यूक्रेन में फंसे छात्र
मेरठ मंडल के कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि वहां फंसे छात्र और भारतीय जल्द ही देश वापस आने वाले हैं। हुमायूंनगर निवासी आईए खान का बेटा अजीम इवानों से पांचवे सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहा है। वह चार दिन पहले यूक्रेन पहुंचा था। परिवार ने बेटे की चार दिन से न आवाज सुनी और न ही वीडियो कॉल पर चेहरा देखा। पूरा परिवार चिंतित है। अजीम की सलमानती के लिए पूरा परिवार रात-दिन दुआ कर रहे हैं। सरस्वती विहार निवासी विनोद दिल्ली एमसीडी में लिपिक पद पर तैनात हैं। उनकी बेटी काजल वर्मा भी अभी भी यूक्रेन में फंसी है। विनोद क अनुसार उनकी बेटी समेत २३ बच्चे यूक्रेन के दितीय चेक प्वाइंट पर फंसे थे। अब वो वापस अपने अपने हॉस्टलों में चले गए हैं। सैनिक की निगरानी कर रहे हैं। ब्लैक आऊट कर दिया है। ऐसे में बच्चे परेशान हैं।
छात्रों ने परिजनों को बताया यूक्रेन का हाल
इस बीच मेरठ के सरधना में रोहटा थाना क्षेत्र के मिर्जापुर निवासी इजहार पुत्र इदरीश त्यागी और मेरठ के एरा गार्डन निवासी अमन जो कि पिछले तीन पांच दिन से यूक्रेन में फंसे हुए थे। उनके वापस घर लौटने की संभावना है। इन छात्रों ने अपने परिजनों को फोन पर बताया है कि वह सुरक्षित सोमवार देर रात बुडापेस्ट के होटल में पहुंच गए है। इस दौरान हंगरी पुलिस ने दोनों छात्रों का बहुत सहयोग किया।
हंगरी पुलिस द्वारा रहने व खाने पीने का था इंतजाम
शनिवार को चोप रेलवे स्टेशन पर पहले जाने को लेकर यूक्रेन के स्थानीय व अन्यों मे विवाद हो गया था। हालांकि, इस बीच दोनों को वीजा मिल गया था। इसके बाद दोनों छात्र टैक्सी से हंगरी बार्डर पहुंचे थे और टैक्सी से उतर गए थे। क्योंकि, टैक्सी यूक्रेन की थी। वहां से करीब सात किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंच गए थे। यहां पर हंगरी पुलिस द्वारा रहने व खाने पीने के इंतजाम थे। इजहार ने बताया कि उन्हे भारतीय दूतावास के वालिंटियर ने बताया कि शाम करीब पांच बजे भारत के लिए फ्लाइट मिल सकती है।