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UP Assembly: Modi के खिलाफ विपक्ष एकजुट होने को मजबूर! कांग्रेस ने कहा- जनता को मोदी सरकार से दिलाना है मुक्ति
UP Assembly: मेरठ से जुड़े प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव चौधरी यशपाल सिंह कहते हैं कि जनता मोदी शासन से बुरी तरह त्रस्त हो चुकी है। ऐसे में सरकार में बदलाव जरुरी हो गया।
UP Assembly: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) से पहले मोदी के खिलाफ विपक्ष की एकता की कोशिशें फिर से परवान चढ़ने लगी है। राजनीति पर बारीकी से नजर रखने वालों के अनुसार विपक्ष की कोशिश पहले एकजुटता पर सैद्धांतिक सहमति बनाने की है। पार्टियों के सैद्धांतिक रूप से सहमत होने के बाद विपक्षी साझेदारी का दूसरा चरण उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद शुरू होगा।
दरअसल,शुक्रवार को अगले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मकसद से विपक्ष के 18 नेताओं के साथ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी की वर्चुअल मीटिंग (Sonia Gandhi Virtual Meeting) हुई थी। इस मीटिंग के बाद विपक्षी एकता को एक सफल कोशिश माना जा रहा हैं, क्योंकि मीटिंग के अंदर से जो छनकर बाहर आई हैं उसे यह साफ हो गया है कि कांग्रेस के साथ-साथ प्रादेशिक क्षत्रपों को भी अपने अस्तित्व के लिए खतरा नजर आने लगा है।
यही खतरा मोदी विरोधियों को मोदी के खिलाफ एकजुट होने के लिए मजबूर कर रहा है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण सोनिया गांधी की बुलाई बैठक में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के साथ-साथ सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी का मौजूद होना है। गौरतलब है कि दोनों पार्टियों के नेता नजर मिलाने को तैयार नहीं होते थे, लेकिन सोनिया गांधी की बुलाई गई बैठक में साथ बैठकर आगे के चुनाव की रणनीति बना रहे थे।
सोनिया गांधी ने बैठक में कहा कि हर पार्टी की कुछ मजबूरियां हैं और बाध्यताएं हैं लेकिन उन सबको छोड़ कर उन्हें एकजुट होना होगा। गौरतलब है कि इससे पहले राहुल गांधी,ममता बनर्जी के अलावा कई नेता विपक्षी पार्टियों के साथ अपने-अपने तरीके से बैठक कर चुके हैं। लेकिन उनकी सारी बैठकें संसद की रणनीति बनाने अथवा कोई तात्कालिक एजेंडा होता था। यह पहला मौका है, जब किसी विपक्षी पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव का जिक्र किया है।
सोनिया गांधी की विपक्ष के नेताओं के साथ हुई ताजा बैठक के बाद राजनीतिक गलियारों में इस पर खूब चर्चा चल रही है कि अगले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार (Modi Sarkar) के ख़िलाफ़ विपक्ष तैयारी में तीन साल पहले ही जुट गया है। कांग्रेस के नेता तो सोनिया की इस बैठक के बाद काफी उत्साहित दिख रहे हैं। मेरठ से जुड़े प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव चौधरी यशपाल सिंह कहते हैं कि जनता मोदी शासन से बुरी तरह त्रस्त हो चुकी है। ऐसे में सरकार में बदलाव जरुरी हो गया।
विपक्ष की एकजुटता में नेतृत्व को लेकर उठ रहे सवाल पर कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता ने कहा कि राहुल का नेतृत्व समूचे विपक्ष को स्वीकार होगा या नहीं, मायने नही रखता है। इस समय हमारे समाने सबस बड़ी मुद्दा मोदी से सरकार से आजिज आ चुकी देश की जनता को मोदी सरकार से मुक्ति दिलाना है।जहां तक कांग्रेस की बात है तो सत्ता में आने के लिए बहुमत का आंकड़ा 272 का है, तो कांग्रेस जब तक 272 का आधा यानी 136 के आस-पास सीटें नहीं जीत लेती, तब तक गठबंधन के नेतृत्व का दांव नहीं खेलेगी।