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UP Election 2022: PM मोदी के इस बयान पर RLD नेता ने कसा तंज,बोले-जुमलेबाजी करते हैं प्रधानमंत्री

पूर्व सिंचाई मंत्री ने कहा कि साल 2017 में बीजेपी के घोषणा पत्र में लिखित रूप में बेसहारा पशुओं के संरक्षण का वादा किया गया था, 2022 घोषणा पत्र में इस पर कुछ लिखा ही नहीं, फिर भी प्रधानमंत्री मोदी जनता से कह रहे हैं कि उनके शब्दों को वह लिख कर रख ले।

Sushil Kumar
Report Sushil KumarPublished By Divyanshu Rao
Published on: 22 Feb 2022 7:26 PM IST
UP Election 2022
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डॉ.मैराजुउद्दीन और पीएम मोदी की तस्वीर 

UP Election 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तर प्रदेश के उन्नाव में दो दिन पहले एक चुनावी रैली में उत्तर प्रदेश के लोंगो को 10 मार्च के बाद छुट्टा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के वादें पर तंज कसते हुए राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व सिंचाई मंत्री डॉ.मैराजुउद्दीन ने आज कहा कि आखिर कब तक हमारे माननीय प्रधानमंत्रीजी जुमलेबाजी कर लोंगो को बहलाते रहेंगे।

आज न्यूजट्रैक से बातचीत में पूर्व सिंचाई मंत्री ने कहा कि साल 2017 में बीजेपी के घोषणा पत्र में लिखित रूप में बेसहारा पशुओं के संरक्षण का वादा किया गया था, 2022 घोषणा पत्र में इस पर कुछ लिखा ही नहीं, फिर भी प्रधानमंत्री मोदी जनता से कह रहे हैं कि उनके शब्दों को वह लिख कर रख ले।

डॉ.मैराजपउद्दीन कहते हैं,अब यह जुमलेबाजी नही है तो और क्या है कि प्रधानमंत्री अब लिख कर रखने की बात कर रहे हैं लेकिन बीजेपी के घोषणा पत्र में क्यों नहीं लिखा हुआ है। दूसरी बात यह कि प्रधानमंत्रीजी 10 मार्च के बाद छुट्टा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए नई व्यवस्था बनाई जाने की बात कह रहे हैं लेकिन व्यवस्था क्या होगी इसका उनके भाषणों में कोई अता-पता नही है। यही नही राज्य में लावारिस पशुओं की वजह से लोगों की जान गई है।

डॉ.मैराजुउद्दीन और जयंत चौधरी की तस्वीर

फसल बर्बाद हो गई है। यह समस्या आज की नहीं है औऱ न आज विकराल हुई है। कई साल से यह समस्या इस कदर विकराल है कि किसान बर्बाद हो रहा है। बहुत से किसान रातों को सोना भूल गए हैं, आवारा पशुओं को खदेड़ने में लगे हैं। प्रधानमंत्री यह नहीं बता रहे है कि बीजेपी ने इनसे निजात दिलाने का वादा 2017 में किया था, योगी सरकार ने कदम उठाए भी फिर भी यह समस्या विकराल क्यों बनी रही? क्या वे कदम दिखावे थे?

बकौल डॉ.मैराजुउद्दीन, लावारिस पशुओं का आतंक पश्चिम उत्तर प्रदेश अवध और पूर्वी उत्तर प्रदेश इलाकों में ज्यादा देखने को मिलेगा। खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के सीमांत जिलों में जिलों में स्थिति ज्यादा भीषण है।सरकार की ओर से व्यवस्थाओं के दावे तो किए गए हैं, लेकिन सड़कों पर घूमते आवारा पशु उन व्यवस्थाओं की पोल खोल रहे हैं।

2019 के चुनाव में और उसके बाद हर साल यूपी के किसान चिल्ला रहे थे कि बेसहारा पशुओं ने खेती बर्बाद कर दी है। वे रात रात भर जाग रहे हैं लेकिन इसका समाधान नहीं निकल सका। किसान कर्ज़ लेकर और खेती की सीमित कमाई से पैसा बचाकर खेतों को तार से घेरने में पचीस से पचास हज़ार तक खर्च करने लगे।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव में दो दिन पहले एक चुनावी रैली में कहा है, 10 मार्च के बाद छुट्टा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए नई व्यवस्था बनाई जाएगी। 10 मार्च को वोटों की गिनती होगी। मोदी ने कहा, मेरे ये शब्द लिखकर रखिए, ये मोदी बोल रहा है और आपके आशीर्वाद के साथ बोल रहा है। जो पशु दूध नहीं देता है, उसके गोबर से भी आय हो, ऐसी व्यवस्था मैं आपके सामने खड़ी कर दूंगा।

Divyanshu Rao

Divyanshu Rao

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