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Moradabad News: बच्चों की जान जोखिम में, इनके लिए ये सिर्फ एक कला है, खामोश है पुलिस

Moradabad: उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद (Moradabad News) के सिविल लाइंस और नागफनी थाना क्षेत्र का है जहां पर एक शख्स स्कूटी पर सवार बच्चों की जान जोखिम में डालता हुआ नमूदार हुआ है।

Sudhir Goyal
Report Sudhir GoyalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 28 Dec 2021 8:08 PM IST
man on scooty
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स्कूटी पर बैठा हुआ शख्स बच्चों की जिंदगी से करता खिलवाड़ 

Moradabad: मुरादाबाद में यूं तो जगह जगह ट्रैफिक पुलिस (traffic police) के सिपाही से ले कर अधिकारी खड़े मिलेंगे या थानों की पुलिस की पिकेट मिलेंगी और हर आने जाने वालों पर निगाह चौकस रखने का दावा भी किया जाता है। हालांकि ये तेज रफ्तार ट्रैफिक पुलिस (traffic police) कुछ को तो वेबजह रोक लेती है या फिर चेकिंग के नाम पर रोक लिया जाता है या फिर वसूली के नाम पर लोगों को रोका जाता है। परंतु आज हम एक अलग तस्वीर आपके सामने पेश कर रहे हैं जिसे देख कर आप दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर हो जाएंगे।

हम आपको बता दें पूरा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद (Moradabad News) के सिविल लाइंस और नागफनी थाना क्षेत्र का है जहां पर एक शख्स स्कूटी पर सवार बच्चों की जान जोखिम में डालता हुआ नमूदार हुआ है। और उसकी इस हरकत का वीडियो भी बन गया है।

सुनिए ये वाकया

अब इस वीडियो में देखा जा सकता है कि स्कूटी पर बैठा हुआ शख्स 4 स्कूली बच्चों को लादकर किसी सामान की तरह ले जा रहा है। स्कूटी पर सवार दो बच्चे इस शख्स ने अपने पीछे की ओर एडजस्ट किये हैं तो वहीं दो बच्चों को अपने आगे हैंडिल और सीट के बीच की खाली जगह में लटकाया हुआ है।

हो सकता है कि इस शख्स को अपने दमखम के ऊपर कुछ ज्यादा ही भरोसा हो लेकिन ऐसे में एक चूक और स्कूटी का बैलेंस बिगड़ा तो इस व्यक्ति के साथ इन मासूमों का क्या हाल होगा सोचकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

इसका जिम्मेदार कौन होगा, जबकि स्कूटी पर सवार होकर 4 बच्चों की जान जोखिम में डालने वाले इस शख्स को किसी ने भी रोकने का प्रयास नहीं किया। जबकि नियमानुसार स्कूटर पर सवार दोनों सवारियों को हेलमेट लगाना चाहिए इसके बावजूद बच्चों की कौन कहे इस शख्स ने तो खुद भी हेलमेट नहीं लगाया है।

सवाल ये है कि पुलिस क्यों तमाशा देख रही है या आंखें मूंदे हैं इस पर कुछ लोगों का कहना था कि मुरादाबाद पुलिस की यह खूबी है कि जहां से कुछ प्राप्त हो उसे ही रोका जाए वरना सब को छोड़ दिया जाए।

स्कूटी सवार इन साहब से जब पूछा गया तो ये पहले भड़के कैमरा आफ करने के बाद इन्होंने बताया कि हम तो पिछले एक वर्ष से यूं ही चल रहे हैं न तो कोई हादसा हुआ और ना ही कोई किसी ने रोका। ये हिनुस्थान है भैया। हमारी तो यही कला है।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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