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UP Election 2022: सपा ने चुनाव आयोग से लगाई गुहार, रैलियों में धार्मिक भाषणों पर लगे रोक
UP Election 2022: आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए पार्टियों द्वारा किए जा रहे चुनावी रैलियों में धार्मिक भाषणों पर रोक लगाने के लिए समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग से गुहार लगाई है।
Moradabad News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने निर्वाचन आयोग (Election Commission) से चुनावी रैलियों (election rallies) में भाजपा नेताओं (BJP leaders) की धार्मिक भाषणों पर रोक (ban on religious speeches) लगाने की मांग की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court order) के आदेश का हवाला देते केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister) की बीते दिनों हुई रैली पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि भाजपाई धार्मिक आधार पर समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। सपाइयों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना को रोकने की मांग तथा अवहेलना करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है।
सपा महानगर अध्यक्ष शाने अली शानू के नेतृत्व में सपा कार्यकर्ताओं (sp workers) ने शनिवार को शाम जिला निर्वाचन अधिकारी डीएम शैलेंद्र सिंह मुलाकात की। मुख्य चुनाव आयुक्त को संबोधित ज्ञापन देकर कहा ह कि 30 दिसंबर को महानगर में गृह मंत्री अमित शाह की रैली हुई थी। आरोप लगाया है कि भाषण में धार्मिक आधार पर समाज को बांटने की बात करके लोगों से वोटों की अपील की।
राजनैतिक दलों से धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था
अवगत कराया कि सर्वोच्च न्यायालय ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिनांक 02 जनवरी17 को आदेश पारित किया था जिसमें राजनैतिक दलों से धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि रैली के दौराना गृह मंत्री द्वारा तुष्टीकरण और धुर्वीकरण की नीयत से मंदिर-मस्जिद विवाद पर दिए गए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का जिक्र धर्म के आधार पर राजनैतिक लाभ लेने की चेष्टा है। उन्होंने कहा ह कि सर्वोच्च न्यायालय की हो रही अवमानना पर रोक सुनिश्चित की जाए।
रैली के दौरान सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विरूद्ध गलत प्रचार किया गया- सपा
सपा नेताओं ने कहा कि रैली के दौरान सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विरूद्ध निहायत ही भ्रामक और गलत प्रचार कर निजी हमले किये गए। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने लोकतांत्रिक मूल्यों को तार तार कर चुनाव की पारदर्शिता और गरिमा को भंग किया है। इसी तरह रैली के दौरान सांसद, राष्ट्रीय महासचिव आजम खान और उनके पुत्र का मामला कोर्ट में लंबित होने के बावजूद संवैधानिक पदों पर बैठे बीजेपी नेता उनके तथा उनके परिवार के सदस्यों पर व्यक्तिगत लांछन लगाकर जनता को बरगलाने का कृत्य कर रहे हैं। उन्होंने इस पर भी तत्काल प्रभाव से रोक सुनिश्चित की जानी चाहिए।
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