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UP Election 2022: अमित शाह ने फिर दिलाया मुजफ्फरनगर दंगों की याद, जयंत चौधरी को लेकर कही ये बात
UP Election 2022: मुजफ्फरनगर के चुनावी दौर पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने 2013 के दंगों को याद दिला समाजवादी पार्टी पर बड़ा हमला बोला है।
UP Election 2022: विधानसभा चुनाव(UP Election 2022) के दहलीज पर खड़े उत्तर प्रदेश में वार पलटवार की राजनीति जोरों पर है। नेता एक दूसरे पर जमकर हमले बोल रहे हैं। पहले चरण में अधिकांश सीटें पश्चिमी यूपी (Western UP) की है जहां मतदान होना है। लिहाजा वेस्ट यूपी चुनावी हमले का अखाड़ा बन गया है। केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी (BJP) के वेस्ट यूपी के प्रभारी अमित शाह (Amit Shah) इनदिनों धुंआधार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। पश्चिम यूपी के गलियों की खाक छान रहे शाह के निशाने पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सबसे ज्यादा हैं। विपक्षी खेमे में होने के बावजूद शाह रालोद प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) के खिलाफ कड़े शब्द प्रयोग नहीं कर रहे हैं। इसी क्रम में एकबार फिर मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के चुनावी दौर पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने 2013 के दंगों को याद दिला समाजवादी पार्टी (samajwadi party) पर बड़ा हमला बोला है।
मुजफ्फरनगर में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने एकबार फिर 2013 के दंगों का जिक्र किया। शाह ने अपने भाषण में कहा, मैं यहां दंगों की वेदना जानता हूं। आरोप लगाने वाले पीड़ित बन गए और पीडित आरोपी बन गए। आज भी दंगों की पीड़ा को नहीं भुला हूं। शाह ने सवालिया लहजे में कहा, क्या आप दंगों को भूल गए, जवाब में कार्यकर्ताओं ने कहा नहीं। इसके बाद शाह ने चेताते हुए कहा कि यदि उनकी यानि सपा की सरकार आई तो फिर यहां माफियाओं का राज होगा।
सीएम योगी के काम गिनाए
इस दौरान अमित शाह ने सीएम योगी के कार्य़काल में हुए कार्यों का जमकर बखान किया। शाह ने कहा कि आज प्रदेश माफियओं से मुक्त है। लड़कियों और महिलाओं से छेड़खानी नहीं होती, सीएम योगी ने चुन – चुन कर प्रदेश से माफियाओं को साफ किया है। जबकि अखिलेश की सरकार में गुडों का बोलबाला था। अखिलेश यादव की सरकार के दौरान मुजफ्फरनगर में हुए दंगों में वोटबैंक को देखकर कार्रवाई हुई।
जयंत चौधरी को लेकर बोले शाह
28 जनवरी को मुजफ्फरनगर में अखिलेश यादव औऱ जयंत चौधरी के संयुक्त प्रेसवार्ता पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि दोनों कहते हैं हम साथ साथ हैं, लेकिन कब तक। सबको पता है एकबार इनकी सरकार आ गई तो आजम खान जेल से बाहर आएंगे और जयंत भाई बैठ जाएंगे। टिकटों के वितरण से ही स्पष्ट हो गया कि आगे क्या होने वाला है।
दरअसल अमित शाह पश्चिमी यूपी में जाट वोटों के प्रभाव को देखते हुए जयंत चौधरी को अपने साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। जयंत के तीखे पलटवार पर भी शाह कोई सख्त बयान नहीं देते। शाह सपा – रालोद गठबंधन से वेस्ट यूपी में बनी जाट मुस्लिम गठजोड़ को किसी भी कीमत में प्रभावी नहीं होने देना चाहते। यही वजह है कि वो अपने बयानों में बार – बार 2013 के उन दंगों का जिक्र कर जाटों के जेहर में वो स्मृति जिंदा रखना चाहते हैं। अभी तक वेस्ट यूपी में क्लीन स्वीप करने वाली भाजपा इस बार किसान आंदोलन के खिलाफ बेहद मुश्किलों का सामना कर रही है। जाटों की बढ़ी नाराजगी बीजेपी के जीत में सबसे बड़ा रोड़ा बन रहे हैं।