TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

UP Election 2022: चंदौसी सीट पर हर बार बदल जाती है पसंद, मंत्री गुलाब देवी के सामने विपक्ष के अलावा अपनों की भी चुनौती

सपा-रालोद गठबंधन की ओर से इस सीट पर विमलेश कुमारी को उतारा गया है जबकि कांग्रेस ने भी महिला प्रत्याशी मिथिलेश को टिकट दिया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Divyanshu Rao
Published on: 8 Feb 2022 5:02 PM IST
UP Election 2022
X
गुलाब देवी की तस्वीर 

UP Election 2022: संभल जिले की चंदौसी सुरक्षित विधानसभा सीट पर इस बार मंत्री गुलाब देवी कड़े मुकाबले में फंसी हुई हैं। वे चार बार इस सीट पर जीत हासिल कर चुकी हैं और इसी कारण उन्हें योगी सरकार में राज्यमंत्री भी बनाया गया था। हालांकि इस बार पार्टी के भीतर उन्हें टिकट दिए जाने का काफी विरोध हो रहा था। टिकट की घोषणा के बाद भी विरोध सामने आया था। इसलिए गुलाब देवी को इस बार अपनों की चुनौती से भी निपटना होगा।

सपा-रालोद गठबंधन की ओर से इस सीट पर विमलेश कुमारी को उतारा गया है जबकि कांग्रेस ने भी महिला प्रत्याशी मिथिलेश को टिकट दिया है। विमलेश कुमारी पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रही थीं और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर किस्मत आजमाई थी। बसपा से रणविजय सिंह चुनावी बाजी जीतने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

इस सीट पर आजाद समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भी चुनौती देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। वैसे इस सीट पर हर चुनाव में मतदाताओं की पसंद बदलती रही है। इसलिए फिर से कमल खिलाना गुलाब देवी के लिए बड़ी चुनौती होगा।

मतदाताओं ने हर पार्टी को दिलाई जीत

संभल जिले की चंदौसी सीट 1962 के विधानसभा चुनावों में अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर पहले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार कुंवर नरेंद्र सिंह ने बाजी मारी थी। अब तक हुए चुनावों में इस सीट पर भाजपा को पांच बार, कांग्रेस को चार, सपा को दो और बसपा, जनता पार्टी और भारतीय क्रांति दल को एक-एक बार जीत हासिल हुई है। इस तरह क्षेत्र के मतदाताओं ने हर पार्टी को यहां जीत दिलाई है।

यदि क्षेत्र के चुनावी इतिहास को देखा जाए तो क्षेत्र के मतदाताओं ने हर बार बदल-बदल कर पार्टियों में भरोसा जताया है। 2002 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर गुलाब देवी ने जीत हासिल की थी मगर 2007 के चुनाव में मतदाताओं ने बसपा के गिरीशचंद्र को जीत दिलाकर विधानसभा भेजा था। 2012 के चुनाव में सपा के टिकट पर लक्ष्मी गौतम ने जीत हासिल की थी मगर 2017 के चुनाव में एक बार फिर भाजपा की गुलाब देवी को जीत मिली थी।

2017 का जनादेश

चंदौसी सीट पर 2017 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर गुलाब देवी ने कांग्रेस की उम्मीदवार विमलेश कुमारी को हराया था। पिछले चुनाव में सपा और कांग्रेस का गठबंधन था और कांग्रेस की उम्मीदवार विमलेश कुमारी को सपा का भी समर्थन हासिल था। इसके बावजूद गुलाब देवी जीत हासिल करने में कामयाब हुई थीं।

गुलाब देवी की तस्वीर

उन्होंने विमलेश कुमारी को 45 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। विमलेश कुमारी ने इस बार पाला बदल लिया है और वे सपा-रालोद गठबंधन की प्रत्याशी के रूप में गुलाब देवी को चुनौती देने में जुटी हुई हैं। इस कारण इस बार कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है। गुलाब देवी सीट पर 1991,1996, 2002 और 2017 में जीत हासिल कर चुकी हैं। वैसे भाजपा में गुलाब देवी के टिकट का विरोध होने के कारण उन्हें इस बार अपनों की चुनौतियों से भी जूझना पड़ रहा है।

क्षेत्र का जातीय समीकरण

यदि चंदौसी के जातीय समीकरण को देखा जाए तो यहां सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं। क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 88 हजार है जबकि अनुसूचित जाति के करीब 85 हजार मतदाता हैं। वैश्य मतदाताओं की संख्या करीब 40 हजार है। क्षेत्र में ब्राह्मण, ठाकुर, खागी, पाल, सैनी, यादव और प्रजापति समुदाय के मतदाता भी काफी संख्या में हैं और किसी भी उम्मीदवार की जीत-हार का फैसला करने की स्थिति में है।

कमल खिला तो बनेगा रिकॉर्ड

इस सुरक्षित सीट पर आजाद समाज पार्टी से रविंद्र कुमार भी ताल ठोक रहे हैं जबकि आम आदमी पार्टी ने सचिन कुमार को प्रत्याशी बनाया है। विपक्षी दलों की ओर से योगी सरकार में राज्यमंत्री गुलाब देवी की घेराबंदी की जा रही है और उन पर विकास कार्यों की अनदेखी का आरोप लगाया जा रहा है। विपक्ष जनता से जुड़े मुद्दों को उठाकर गुलाब देवी की घेराबंदी में जुटा हुआ है।

अब यह देखने वाली बात होगी कि गुलाब देवी विपक्ष के चक्रव्यूह को तोड़ने में कामयाब हो पाती है या नहीं। यदि वे जीतने में कामयाब रहीं तो लगातार दो बार दिल जीतने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज होगा।



\
Divyanshu Rao

Divyanshu Rao

Next Story