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Hospitals in Prayagraj: योगी सरकार ने बदली सरकारी अस्पतालों की तस्वीर, संगम नगरी में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा
Prayagraj News: यूपी में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है। चिकित्सा सुविधा हर आम आदमी की पकड़ में हो इसलिए योगी सरकार रोजाना नए-नए कदम उठा रही है।
Hospitals in Prayagraj: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है। प्रदेश में चिकित्सा सुविधा (medical facility) हर आम आदमी की पकड़ में हो इसलिए योगी सरकार (Yogi Sarkar) रोजाना नए-नए कदम उठा रही है। यूपी के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को न केवल अपडेट किया जा रहा है, बल्कि मरीजों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार कुछ कड़े कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा चुनाव के दौरान भी लगातार अस्पतालों के दौरे करते रहे। यह सिलसिला अब भी चल रहा है। अब उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अस्पतालों के निरीक्षण और शिकायतों पर जांच और कार्रवाई का सिलसिला शुरू कर दिया है। सर्वाधिक जोर डॉक्टरों और स्टाफ के समय से अस्पताल पहुंचने और पूरे समय उपलब्ध रहने पर है। ताकि मरीजों को असुविधा न हो।
एसआरएन अस्पताल में सुपर स्पेशियल्टी विंग की शुरुआत
प्रदेश सरकार के प्रयासों को चलते संगम नगरी प्रयागराज के सरकारी अस्पतालों की तस्वीर बदल गई है। एसआरएन अस्पताल में सुपर स्पेशियल्टी विंग की शुरुआत हुई है। इस विभाग में न्यूरो सर्जरी, कार्डियक, कैंसर, नेफ्रो समेत कई तरह की सुविधाएं प्रदान की जाती है। अस्पताल में कैथ लैब को भी बनाया गया है जिसमें एंजियोप्लास्टी होती है। इस सुविधा के शुरू हो जाने से उन मरीजों को काफी लाभ पहुंच रहा है जो मरीज दूसरे जिले जाकर के अपना इलाज करवाते थे। कुछ ही महीनों में एक भव्य चिल्ड्रन हॉस्पिटल की भी यहां शुरुआत हो रही है। जिसमें मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। एसआरएन अस्पताल की बात करें तो 1000 से अधिक बेड का यह अस्पताल है। इस अस्पताल में सभी बीमारी का इलाज किया जाता है। अस्पताल में आधुनिक सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन भी लगाई गई है।
प्रयागराज का दूसरा सरकारी अस्पताल मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय ( कॉल्विन) है। वहीं कॉल्विन अस्पताल 156 बेड का है। जहां पर 30 बेड डेंगू के लिए अरक्षित किए गए है। अस्पताल मे बीते 5 सालों में मरीजों को काफी सुविधाएं मिल रही है। अस्पताल परिसर में साफ-सफाई बेहतर हुई है। कायाकल्प पीएम योजना की टीम भी समय-समय पर अस्पताल भ्रमण करती है और अस्पताल मे कोई कमी न रहे इसके लिए निरीक्षण भी होता रहता है। अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र का भी संचालन किया जा रहा है। जहां हर रोज भारी संख्या में लोग नशा मुक्त हो रहे हैं। अस्पताल में एक्सरे मशीन भी लगाई गई है। आयुष्मान कार्ड योजना के तहत गरीब लोगों का भी मुफ्त में इलाज किया जा रहा है। अस्पताल परिसर में ही आंखों का अलग से विभाग भी है। जहां मरीजों की आँखों का बेहतर इलाज हो रहा है।
आयुष्मान योजना के तहत फ्री में इलाज
प्रयागराज का तेज बहादुर सप्रू अस्पताल भी सरकारी अस्पताल है। यहां पर 199 बेड की सुविधा है इस अस्पताल में इमरजेंसी, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, सीटी स्कैन इन्वेस्टिगेशन की सुविधा मरीजों को मिलती है। जबकि ओपीडी सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुला रहता है। इस अस्पताल में डेंगू के लिए अलग से 30 बेड की व्यवस्था की भी की गई है और गरीब मरीजों के लिए आयुष्मान योजना के तहत फ्री में इलाज भी किया जाता है। बेली अस्पताल में 41 डॉक्टर मरीजों का इलाज करते हैं। इस अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट को भी लगाया गया है ताकि भविष्य में कोई भी समस्या आए तो उसका निदान जल्द से जल्द हो सके। साथ ही अस्पताल के मरीजों को मुफ्त में खून भी उपलब्ध कराया जाता है।
अस्पताल में हर दिन डॉग बाइट इंजेक्शन भी लगाया जाता है और रोजाना लोगों के लिए कोरोना टीकाकरण भी किया जाता है। बच्चों के लिए शनिवार और रविवार 2 दिन आरक्षित किए गए हैं। इसके साथ ही जिला महिला चिकित्सालय में ओपीडी, इमरजेंसी वार्ड, लेबर रूम, मेटरनिटी ओटी, मेटरनिटी वार्ड, लैब समेत अस्पताल के अलग-अलग 12 विभाग है। जिला महिला चिकित्सालय में उपलब्ध स्वास्थ सुविधाओं के बेहतर इंतजाम है। जिसके चलते प्रयागराज के जिला महिला अस्पताल को केंद्र सरकार की तरफ से एनक्यूएएस प्रमाण पत्र भी दिया गया है। अस्पताल में बेहतर और गुणवत्ता पूर्वक स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से यह प्रमाण पत्र दिया गया है।
सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सुविधा बढ़ी
इसी क्रम में संगम नगरी प्रयागराज के सरकारी अस्पतालों की तस्वीर बदली हुई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) से लेकर जिला स्तरीय अस्पतालों के हालात सुधारने की कवायद शुरू की गई है। जिले के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सुविधा का खासा ध्यान रखा जा रहा है। अस्पताल में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के साथ-साथ साफ सफाई का भी ध्यान रखा जा रहा है। जिससे की मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सीएमओ और सीएमएस को इसकी नियमित निगरानी रखने को कहा गया है। स्वरूप रानी चिकित्सालय की बात करें तो अस्पताल में भी मरीजों को काफी सहूलियत मिलती है।