Azamgarh News: जिला अस्पताल में मरीजों को नहीं मिलता स्ट्रेचर और व्हीलचेयर

Azamgarh News: मंडलीय जिला अस्पताल में इमरजेंसी कक्ष के साथ 12 वार्ड हैं, जहां पर लगभग 10 स्ट्रेचर हैं, इनमें से तीन-चार स्ट्रेचर को छोड़ दे तो लगभग सभी स्ट्रेचर टूटे पड़े हुए हैं।

Azamgarh Saurabh Upadhyay
Published on: 17 Nov 2022 6:35 PM GMT
Azamgarh News
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मरीजों को पकड़ कर ले जाते उसके परिजन। 

Azamgarh News: जिला अस्पताल में कागजों पर सुविधाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन धरातल पर सब कुछ नदारद हैं। अस्पताल में वैसे तो स्ट्रेचरों की कमी नहीं है, लेकिन आधे से ज्यादा स्ट्रेचर टूटे पड़े हैं और तीमारदार मरीजों को एक वार्ड से दूसरे वार्ड और अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे कक्ष तक ले जाने के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। आए दिन कर्मचारियों और मरीजों से टुटे स्टेचर को लेकर झडप होती रहती है।

मंडलीय जिला अस्पताल में इमरजेंसी कक्ष के साथ 12 वार्ड

मंडलीय जिला अस्पताल में इमरजेंसी कक्ष के साथ 12 वार्ड हैं, जहां पर लगभग 10 स्ट्रेचर हैं, इनमें से तीन-चार स्ट्रेचर को छोड़ दे तो लगभग सभी स्ट्रेचर टूटे पड़े हुए हैं। स्ट्रेचर न होने के कारण इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को तीमारदार गोद में उठाकर लाते हैं और वार्डों तक भी ऐसे ही ले जाना पड़ता है। वहीं स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के चलते तीमारदारों को ही मरीजों को पकड़ कर वार्ड तक ले जाना पड़ता है।

ये है मामला

मुबारकपुर थाना क्षेत्र के मंझरिया अमिलो गांव की सिब्बू यादव 14 पुत्री सुरेमन यादव मंगलवार की रात जिला अस्पताल के महिला वार्ड में भर्ती हुई जो मारपीट में गंभीर रूप से घायल हैं गंभीर चोट लगने के कारण चल फिर पाने में असमर्थ को शौच जाने के लिए स्टेचर और व्हीलचेयर के लिए घंटों भटकना पड़ा मौजूद स्टाफ ने कहा कि 2:00 बजे के बाद व्हाट इंचार्ज स्टेचर और व्हीलचेयर बंद करके चाबी लेकर चले जाते हैं थक हार कर परिजनों ने गोद में उठाकर शौच कराने के लिए ले गए वही शहर के कुर्मीटोला के रहने वाली सावित्री देवी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती थे उन्हें बुधवार को अस्पताल के दुसरी क्षोर पर अल्ट्रासाउंड कराने के लिए जाना था। स्ट्रेचर न मिलने पर तीमारदार उन्हें पकड़कर ले गए और फिर वापस लाए, इससे उनके पति ज्ञानेंद्र को काफी दिक्कत हुई।

रोगी सहायता केंद्र पर टुटा पड़ा स्ट्रेचर

अस्पताल के गेट पर बने रोगी सहायता केंद्र पर एक स्ट्रेचर खड़ा रहता है जो कि पूरी तरह से टुटा पड़ा है जिससे तीमारदार अपने मरीज को इमरजेंसी कक्ष तक ले लाते थे, लेकिन कई महीनों से मरीजो को तीमरदार अपने कंधो या गोद में लेकर आपातकालीन कक्ष तक पहुंचते है।

स्टेचर प्रभारी अवधेश शर्मा ने कहा कि कई स्टेचर तो बाहर से गायब हो चुके है और जो शेष बचे है वही भी ज्यादातर टुटे पड़े है हमने कई बार एसआइसी से दुरुस्त कराने की मांग किया लेकिन अभी तक कोई स्टेचर ठीक नही हुआ जिससे मरीजों को काफी परेशानी होती है।

स्ट्रेचर न मिलने पर भिड़ जाते तीमारदार

गंभीर हालत में इमरजेंसी कक्ष में आने वाले मरीजों के तीमारदार स्ट्रेचर न मिलने पर स्वास्थ्य कर्मियों से भिड़ जाते हैं और अभद्रता भी करते हैं।

जल्द ही स्ट्रेचर की समस्या दूर की जाएगी: सीएमएस

सीएमएस डा.अनूप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अस्पताल के टूटे हुए सभी स्ट्रेचरों को एकत्र कर ठीक कराया जाएगा। अगर किसी मरीज को परेशानी है तो वह मुझसे शिकायत करें। जल्द ही स्ट्रेचर की समस्या दूर की जाएगी।

Deepak Kumar

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