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Labour Day 2022: पेंशन विहीन शिक्षक एसोसिएशन ने रखा 'पेंशन व्रत', पुरानी व्यवस्था बहाली की मांग

Labour Day 2022: पेंशन विहीन शिक्षक एसोसिएशन ने मजदूर दिवस पर व्रत रखकर पुरानी पेंशन बहाली की प्रार्थना की। प्रदेश महामंत्री आनन्द कुमार सिंह बोले सतत प्रयास ही सफलता की कुंजी है।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 1 May 2022 3:16 PM IST
Pensionless Teachers Association kept pension fast on Labor Day, raised demand for restoration of old system
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फोटो: पेंशन विहीन शिक्षक एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री आनन्द कुमार सिंह

Lucknow: आज 1 मई को 'मजदूर दिवस' (Labour Day 2022) के मौके पर पेंशन विहीन शिक्षक एसोसिएशन (Pensionless Teachers Association) उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रवि कुमार सोनी (Ravi Kumar Soni) के आव्हान पर शिक्षक कर्मचारियों ने पेंशन व्रत रखकर अपने आराध्य देव से प्रार्थना किया कि 'कोरोना हारे-भारत जीते' व सांसद विधायक की ही तरह शिक्षक कर्मचारी को भी पुरानी पेंशन सुविधा पुनः बहाल हो।

बता दें कि पेंशन विहीन शिक्षक एसोसिएशन (Pensionless Teachers Association) उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री आनन्द कुमार सिंह ने बताया कि आज 1 मई को शिक्षक कर्मचारियों ने पेंशन व्रत रखकर 'कोरोना हारे-भारत जीते- व बुढ़ापे में सम्मान से जीने के लिए पुरानी पेंशन बहाल हो।

नई पेंशन व्यवस्था में पेंशन की गारंटी नही

उन्होंने ने बताया कि नई पेंशन व्यवस्था में 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नही है। हमारे बुढ़ापे की लाठी भविष्य की सुरक्षा रूपी पेंशन की गारंटी उन कंपनियों पर निर्भर है जो शेयर बाजार में विश्वास करते हुए ,देश के शिक्षक कर्मचारियो की मेहनत की कमाई को शेयर बाजार में लगाते है,जिसका हश्न सबके सामने है।

नई पेंशन नीति

शेयर बाजार से आय की कोई निश्चित गारंटी नही है। पुरानी पेंशन में समय समय पर लगने वाले डी ए व वेतन आयोग का फायदा है। वहीं नई पेंशन नीति में इसका कोई जिक्र नही है। नई पेंशन नीति में शिक्षक या कर्मचारी जिस दिन रिटायर होता है,उस दिन जैसा शेयर मार्केट होगा, उसी हिसाब से उसे 60 प्रतिशत राशि मिलेगी। बाकी के 40 प्रतिशत उसे पेंशन प्लान शेयर आधारित उसे मिलेगी जो ठीक नही है। प्रदेश महामन्त्री आनन्द कुमार सिंह ने बताया कि नई पेंशन व्यवस्था में जीपीएफ खाता बन्द कर दिया गया है जिससे शिक्षक कर्मचारी मुसीबत में पैसा निकालकर अपना काम करता था।

1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक कर्मचारी अपने आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा (economic and social security) के प्रति बेहद चिंतित है। कर्मचारी के वेतन से काटी गई राशि की जिम्मेदारी सरकार अपने ऊपर न लेकर अपने द्वारा नियुक्त फंड मैनेजर को दी है जो किसी भी दशा में ठीक नही है।नई पेंशन व्यवस्था में अगर अच्छी होती तो देश के जनप्रतिनिधि सबसे पहले पुरानी व्यवस्था को छोड़कर नई व्यवस्था अपनाते।

भिक्षा नही अधिकार चाहिए, पुरानी पेंशन बहाल चाहिए

आज सरकार एक देश एक विधान की बात कर रही है तो अपने पुरानी व शिक्षक कर्मचारी को नई पेंशन क्यो दे रही है। पुरानी पेंशन व्यवस्था को हासिल करने के लिए सभी शिक्षक कर्मचारियों को एकजूट होकर सतत प्रयास की जरूरत है। भिक्षा नही अधिकार चाहिए, पुरानी पेंशन बहाल चाहिए। एक देश एक विधान, फिर क्यों पेंशन नही समान।

1 मई मजदूर दिवस

पेंशन विहीन शिक्षक एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री आनन्द कुमार सिंह ने बताया कि 1 मई मजदूर दिवस को संगठन के आव्हान पर शिक्षक कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के निमित्त आत्मबल प्राप्त करने के लिए "पेंशन व्रत" पर रहे व अपने आराध्य से कोरोना हारे भारत जीते व पेंशन बहाली के लिए सरकार को सद्बुद्धि मिले इस निमित्त प्रार्थना की।शिक्षक कर्मचारी को पेंशन उसके त्याग,सेवा,समर्पण के कारण मिलता है और मिलना चाहिए भी।पेंशन पाना कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है।

आज पेंशन व्रत रखने वालो में प्रमुख रूप से अजय प्रताप सिंह सुनील कुमार प्रमोद पटेल राकेश कुमार सिंह,आनन्द दुबे साधना देवी रक्षा गुप्ता अरुण सिंह लवकुश शर्मा रहे।




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