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स्कूल-मकान सब बाढ़ में समाया, ग्रामीणों ने पानी में ही बनाया आशियाना
जहां घाघरा नदी का बाढ़ से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दूसरी ओर इस बाढ़ ने बच्चों के सरकारी स्कूल को भी अपने आगोश में ले लिया है। ग्रामीण गांव छोड़कर बांधों पर अपना आशियाना बनाकर बाढ़ के गुजर जाने का इंतजार कर रहे है।
बाराबंकी : घाघरा नदी के बाढ़ से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ़ ने बच्चों के सरकारी स्कूल को भी अपने आगोश में ले लिया है। ग्रामीण गांव छोड़कर बांधों पर अपना आशियाना बनाकर बाढ़ के गुजर जाने का इंतजार कर रहे है।
वहीं गांव का स्कूल भी पानी उतर जाने के बाद पढ़ने के लिए बच्चों का इंतजार कर रहा है। ग्रामीणों की अगर मानें तो ऐसी बाढ़ उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखी।
क्या था मामला?
यह मामला बाराबंकी के सिरौलीगौसपुर तहसील के तेलवारी गांव का है। जहां के ग्रामीण नदी का पानी गांव में घुस जाने से खौफ के साये में जी रहे है। दिन तो किसी तरह लोगों की आवाजाही से कट जाता है मगर रात आते ही उनका डर बढ़ जाता है कि बाढ़ की वजह से कहीं कोई सांप, कीड़ा उनको नुकसान न पहुंचा दे। डर के साये में किसी तरह उनकी रात कटती है।
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नहीं है पक्का मकान
गांवों में घुसा पानी लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है । ग्रामीणों ने या तो अपने घर की छतों पर अपना आशियाना बनाया है या फिर गांव छोड़कर नदी के बांध पर अपना गुजर-बसर कर रहे है।
बच्चों की पढ़ाई का बुरा हाल
इस गांव के जिस सरकारी स्कूल में बच्चे पढ़ने जाने थे उसमें भी बाढ़ ने अपने आगोश में ले लिया है। हाल यह है कि अब यहां पढ़ने वाले बच्चे ही नहीं बल्कि अध्यापकों का भी आना-जाना बंद हो चुका है।
सरकार से है आस
ग्रामीणों की अगर मानें तो उन्होंने ऐसी बाढ़ पहले कभी भी नही देखी। यहां खाने ,पीने और रहने की बड़ी भीषण समस्या है। स्थानीय ग्रामीण यहां से अपनी मजदूरी के लिए भी नही जा पा रहे। गांव में आए लेखपाल ने बताया कि वह यहां आ तो रोज आ रहे है मगर वह बाढ़ पीड़ितों को तभी कुछ राहत सामग्री दे पाएंगे जब तक सरकार से उन्हें कुछ मिलेगा। शायद इसी आस में यहां के ग्रामीण भी सरकारी सहायता की राह देख रहे है।
क्या कहना है बीजेपी सांसद का?
गांव में बाढ़ पीड़ितों का दर्द बांटने आई बाराबंकी से बीजेपी सांसद प्रियंका सिंह रावत से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा कि बाढ़ ने काफी कुछ तबाह कर दिया है। उनको राहत पहुंचाने का काम किया जा रहा है। जिनका नुकसान हुआ है उनका सर्वे कराकर नुकसान की भरपाई की जाएगी ।बाढ़ राहत के काम को और तेज किया जाएगा।