×

अजब गजब होली 2018: 'लाट साहब' को भैंस पर बैठाकर मारते है जूता, जानें क्यों

 देश मे रंगो का त्योहार होली करीब आ रहा है। देश मे कुछ जगहें ऐसी है जहां होली मनाने का अंदाज सबसे अलग होता है। लेकिन यूपी केे शाहजहांपुर मे होली मनाने का अंदाज सबसे निराला है। यहां जूतामार होली खेली जाती है। जूता मार होली खेलने की परंपरा वर्षों पुरानी है। इस अंदाज मे होली खेलने के पीछे की एक और कहानी है जो सबसे जुदा है।

priyankajoshi
Published on: 27 Feb 2018 6:45 AM GMT
अजब गजब होली 2018: लाट साहब को भैंस पर बैठाकर मारते है जूता, जानें क्यों
X

शाहजहांपुर: देश मे रंगो का त्योहार होली करीब आ रहा है। देश मे कुछ जगहें ऐसी है जहां होली मनाने का अंदाज सबसे अलग होता है। लेकिन यूपी केे शाहजहांपुर मे होली मनाने का अंदाज सबसे निराला है। यहां जूतामार होली खेली जाती है। जूता मार होली खेलने की परंपरा वर्षों पुरानी है। इस अंदाज मे होली खेलने के पीछे की एक और कहानी है जो सबसे जुदा है।

यहां हर साल होली पर अंग्रेजो का प्रतीक बनाकर एक युवक को भैंसा गाड़ी पर बैठाते है। युवक के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं होता है उसके बाद उस भैंसा गाड़ी पर बैठे युवक को पूरे शहर मे घुमाया जाता है। इस जुलूस का नाम है 'लाट साहब' का जुलूस। बताया जाता है ये जुलूस अंग्रेजों द्वारा ढहाए गए जुल्म के विरोध मे अपना आक्रोश दिखाना होता है।

वर्षों पुरानी है परंपरा

शाहजहांपुर में हुड़दंगियों का ये रेला 'लाट साहब' के जुलूस का है। भैंसा गाड़ी पर बैठाकर जिस व्यक्ति को जूते से पीटा जा रहा है। दरअसल, इस व्यक्ति को होली के दिन 'लाट साहब' कहा जाता है। यहां लाट साहब का जुलूस निकालने की ये परम्परा बरसों पुरानी है। चूंकि अंग्रेजो ने जो जुल्म हिन्दुस्तानियों पर किए है वो दुख आज भी हर किसी के दिल मे मौजूद है। यहां के लोग अंग्रेजों के प्रति अपना दर्द और आक्रोश बेहद अनूठे ढंग से प्रदर्शित करते है। 'लाट साहब' के जुलूस में अंग्रेज के रूप में एक व्यक्ति को भैंसा गाड़ी पर बिठाते हैं और उसे जूते और झाड़ू से पीटते हुए पूरे शहर में घुमाया जाता है। यहां खास बात ये है कि इस लाट साहब के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं होता है लेकिन जब ये जुलूस मेन रोड पर आता है तो 'लाट साहब' को एक पन्नी की चादर से ढक दिया जाता है। इस जुलूस में हजारों की संख्या में हुड़दंगी जमकर हुड़दंग मचाते है। यहां हर कोई 'लाट साहब' के सिर पर जूता मारकर अनोखी परंपरा में शामिल होना चाहता है, क्योंकि ये शाहजहांपुर की वर्षो पुरानी परम्परा है।

पुलिस पर भी कसते है फब्तियां

'लाट साहब' के सबसे बड़े जुलूस शहर में दो स्थानों से निकाला जाता है। पहला बड़े चौक से और दूसरा सराय काईया से, जिसमें हुड़दंगी हर साल कोई न कोई वलवा जरूर खड़ा कर देते हैं। ये हुड़दंगी अंग्रेजों के लिए तो गंदी-गंदी फब्तियां कसते है। साथ ही पुलिस पर भी फब्तियां कसते नजर आते है। हालात ये होते हैं कि पुलिस ये सब नजारा और फब्तियां सुनने को मजबूर होते हैं। वैसे तो किसी को सरेआम पीटना गैर कानूनी होता है, लेकिन यहां किसी को जूतों और झाड़ू से पीटने का ये पूरा खेल पुलिस की निगरानी में ही होता है।

वैसे तो पूरे साल लोग अलग अलग तरीके से अपना विरोध प्रकट करते है, लेकिन शाहजहांपुर में अंग्रेजों के प्रति अपना विरोध प्रकट करने का ये तरीका बेहद निराला है। जहां होली पर अंग्रेज बने 'लाट साहब' को जूते मारकर अपना विरोध प्रकट किया जाता है।

priyankajoshi

priyankajoshi

इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

Next Story