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'चाय वाले' PM के संसदीय क्षेत्र में लोग तरस रहे हैं चाय के लिए
वाराणसी: गर्मियों के दौरान शादी-ब्याह का मौसम क्या आया, पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोग चाय के लिए तरसने लगे हैं। पीएम के लिए कहा जाता है कि उन्होंने अपने बचपन में चाय बेचकर माता-पिता का हाथ बंटाया था। वहीं आज उनके संसदीय क्षेत्र में लोगों को एक प्याली चाय मिलना दुश्वार हो गया है।
शादी-ब्याह के कारण बढ़ी डिमांड
शहर में दूध की डिमांड हमेशा की तरह है लेकिन अब अधिकतर दूध शादी-ब्याह के लिए ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है, साथ ही गर्मियों के मौसम में दूध की सप्लाई भी पहले की तरह नहीं हो रही है। घरों में इस्तेमाल के साथ-साथ इसका असर चाय की दुकानों पर भी दिखने लगा है जहां काशी की मशहूर अड़ियां (राजनैतिक बैठक) लगा करती थीं।
कुल्हड़ वाली चाय 4 के बजाय 10 रुपए में
दूध की कमी का आलम यह है कि शहर की चाय की दुकानों पर एक कुल्हड़ चाय जो चार रुपए की मिलती थी, वह अब कहीं-कहीं 10 रुपए में बिक रही है। चाय की अड़ियों पर अक्सर बैठक लगाने वाले जगतगंज के रत्नेश कहते हैं कि चाय इतनी महंगी हो गई है कि साथियों को चाय क्या पिलाएं, यहां तो खुद चाय की तलब पूरा करने से पहले सौ बार सोचना पड़ रहा है।
वाराणसी में चाय की एक दुकान का नजारा
दूध का दाम सैकड़ा पार, चाय की दुकानों पर ताला
जहां आम दिनों में बनारस में दूध 50-55 रुपए प्रति लीटर मिल जाया करता था, वहीं अब दूध की कीमत 100-120 रुपए प्रति लीटर हो गई है। इसके चलते कई छोटी चाय की दुकानों पर अब सन्नाटा पसरा है। इन चाय वालों का कहना है कि जो ग्राहक 4-5 रुपए में चाय पा जाता था वो दूध की बढ़ी कीमतों के चलते बढ़ी चाय की कीमत देने में कतरा रहा है। ऐसे में चाय की दुकान खोलकर ग्राहक का इंतजार करना, समय व्यर्थ करना है। इससे बेहतर है कि दुकान बंदकर घर-परिवार को समय दिया जाए।
लोग पूछ रहे हैं पैकेट के दूध की चाय तो नहीं?
दूधियों से दूध लेने वाले दुकानदारों को अपनी दुकान चलाने के लिए पैकेट के दूध का सहारा लेना पड़ रहा है। पैकेट का दूध भी, उन्हें काफी जद्दोजहद के बाद उपलब्ध हो पा रहा है। नई सड़क इलाके में चाय की दुकान चलाने वाले रफीक कहते हैं कि अब तो ओध्री मार पड़ रही है। पहले तो वैसे ही दूध की किल्लत और अब ग्राहक आते ही पूछते हैं कि पैकेट के दूध की चाय तो नहीं? उनका कहना है कि आमतौर पर पैकेट में मिलने वाले दूध की चाय में हलकी गंध आती है, जो अधिकतर लगों को पसंद नहीं है।
कितनी है दूध की डिमांड
-वाराणसी में रोजाना 5 लाख लीटर दूध की खपत है।
-इस डिमांड में से 3 लाख लीटर दूधिये पूरा करते हैं।
-2 लाख लीटर दूध की सप्लाई, पराग, अमूल, ज्ञान और सुधा डेरी जैसी कंपनियां करती हैं।
-इसमें से भी वाराणसी में रोजाना एक लाख 25 हजार पैकेट दूध की खपत होती है।
क्या है दूध, खोवे और पनीर की कीमत
शादी-ब्याह और दूध का प्रोडक्शन कम होने के चलते दूध और उससे बनने वाले पनीर और खोवे की कीमत भी आसमान छू रही है।
-दूध 100-120 रुपए लीटर
-खोवा 500 रुपए प्रति किलोग्राम
-छेना 400 रुपए प्रति किलोग्राम
-पनीर 500 प्रति किलोग्राम