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#KumbhMela2019: प्रयागराज की जनता ने चरितार्थ किया "अतिथि देवो भव:'
प्रयागराज अगर तीर्थों का राजा है तो यहां की आम जनता भी इस तथ्य को पूरी तरह से चरितार्थ करते हुए कुंभ में देश के कोने कोने से आए श्रद्धालुओं का आतिथ्य करने के लिए पूरी सिद्दत से प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है। जिसका उदाहरण मौनी अमावस्या पर शहर में पहुंचे करोंड़ों श्रद्धालुओं का आतिथ्य करते हुए शहरियों ने बयां किया।
आशीष पाण्डेय
कुंभ नगर: प्रयागराज अगर तीर्थों का राजा है तो यहां की आम जनता भी इस तथ्य को पूरी तरह से चरितार्थ करते हुए कुंभ में देश के कोने कोने से आए श्रद्धालुओं का आतिथ्य करने के लिए पूरी सिद्दत से प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है। जिसका उदाहरण मौनी अमावस्या पर शहर में पहुंचे करोंड़ों श्रद्धालुओं का आतिथ्य करते हुए शहरियों ने बयां किया।
मातृ देवो भव।
पितृ देवो भव।
आचार्य देवो भव।
अतिथि देवो भव॥
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उक्त पंक्तियां देश एवं दुनिया में प्रचलित होंगी लेकिन प्रयागवासी इन पंक्तियों को चरितार्थ कर रहे हैं। यहां माता को दीवी, पिता को देव तो गुरू और अतिथि को भी देव तुल्य मानकर उनका आदर सत्कार किया जाता है। दिव्य कुंभ भव्य कुंभ में मौनी अमाव्सया के अदभुत संयोग में पुण्य की डुबकी लगाने को जब प्रयागराज के कुंभ नगरी में जनसमुद्र का रेला उमड़ा तो प्रशासनिक अमले की नींद उड़ गई। प्रशासन के हाथ पैर फूल गए लेकिन तब तक शहरियों ने अपने शहर, अपनी संस्कृति का मान और सम्मान बढ़ाने के लिए और अतिथि देवो भव: को चरितार्थ करने के लिए शहर के चप्पे चप्पे पर डट गए।
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पूरा शहर बंद था तो वहीं शहरी प्रमुख चौराहों, बाजारों एवं कुंभ नगर से आने व जाने वाले हर मार्ग पर भव्य तरीके से श्रद्धालुओं की आव भगत करने में डट गए। शहरी श्रद्धालुओं को चाय, नाश्ता, भोजन, पानी और मीठे की सुविधाएं मुहैया कराते उन्हें सुस्ताने के लिए बैठाते और फिर यदि कोई उनका बिछड़ गया तो उसके लिए अपने भण्डारों के पास रखे बड़े बड़े स्पीकरों के माध्यम से उन्हें ढूढने के लिए आवाज लगाते। इसका सैकड़ों श्रद्धालुओं को लाभ भी मिला और शहरियों की इस पहल पर उन्हें प्रयागराज की जमकर सराहना की।
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वैसे तो मेला क्षेत्र में भी जगह जगह भण्डारे चल रहे थे लेकिन मेला क्षेत्र में भारी भीड़ के चलते भीड़ को एक ही मार्ग पर आवागमन कराया जा रहा था। कई स्नानार्थियों के साथ वृद्ध महिलाओं के थकने पर शहरी उन्हें विश्राम करने का भी आश्रय देते थे और हर संभव मदद कर अपने शहर का मान बढ़ाने का प्रयास करते दिखे।
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देशी घी के हलवे से पूड़ी सब्जी तक हर व्यवस्था के लिए मुस्तैद रहे शहरी
प्रशासन ने भले ही हर संभव तैयारी का डंका पीटा हो लेकिन प्रशासन के लाख तैयारियों के बावजूद शहरियों ने अपने शहर के गौरव और सम्मान के लिए शनिवार की रात ही प्रयागराज जंक्शन से रामबाग लेबर चौराहा तक, जंक्शन से कोठापार्चा तक, बैरहना, सोहबतियाबाग, कीटगंज, गरूघाट समेत शहर के हर हिस्से में श्रद्धालुओं के लिए शुद्ध पेयजल, चाय, बिस्केट, पूड़ी सब्जी, कढ़ी चावल, हलवा, चूड़ा मटर, छोला भटूरा, छोला चावल, सहित भारी मात्रा में खान पान की व्यवस्था भण्डारे के रूप में की और किसी को अव्यवस्था न हो इसके लिए खुद दिन भर डटे रहे और प्रत्येक श्रद्धालु की मदद को आतुर दिखे।