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बरेली में श्मशान घाट बनाने का लोगों ने किया विरोध, जानिए पूरा मामला
यहां नगर निगम 55 मीटर लम्बाई और 4.50 मीटर की चौड़ाई में एक नए श्मशान घाट का निर्माण करा रहा है। इस को लेकर विवाद हो गया।
बरेली: शहर में कोरोना काल( Corona ) मे श्मशान घाट (Graveyard) की बहुतायात के बाद भी मरने के बाद शवों को अंतिम संस्कार की जगह नहीं मिल रही है। हालात यह है कि लोगों ने बन रहे नए श्मशान घाटों का भी विरोध करना शुरू कर दिया है। दुर्गा नगर में नगर निगम नया श्मशान घाट बनवा रहा है। आस-पास के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है और वहां पर अपने मकान और प्लाट बेचने शुरू कर दिए है। अब लोगों ने इस मामले को शासन तक पहुंचाने का मन बना लिया है।
शहर के तीन प्रमुख श्मशान घाटों में से एक संजय नगर में स्थित है। कोरोना के इस काल में यहां पर भी शवों के अंतिम संस्कार के लिए जगह की कमी पड़ रही है। यहां के दुर्गा नगर में हजारों की संख्या में आबादी निवास करती है। यहां पर मेगा सिटी के पीछे एक खाली प्लाट पड़ा है। जिस पर एक हफ्ते से नगर निगम 55 मीटर लम्बाई और 4.50 मीटर की चौड़ाई में एक नए श्मशान घाट का निर्माण करा रहा है। गुरुवार को इसी को लेकर विवाद हो गया।
मजदूरों ने अंतिम संस्कार करने से रोका
तुला शेरपुर निवासी 55 वर्षीय महिला का शव अंतिम संस्कार के लिए आया था। निर्माण कार्य का हवाला देकर पहले वहां पर काम कर रहे मजदूरों ने शव का अंतिम संस्कार करने से रोका। तब साथ में आये परिजनों ने सड़क किनारे शव का अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया। इसी बात को लेकर वहां के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया। विरोध के बीच तुला शेरपुर के लोग शव का अंतिम संस्कार कर चले गए।
वहां के लोगों का कहना है कि इससे यहां पर बदबू फैलेगी और कोरोना का संक्रमण भी फैलेगा। इस श्मशान घाट का निर्माण यहां नहीं होना चाहिए। इसके लिए जन प्रतिनिधियों से लेकर शासन तक पत्राचार किया जाएगा। इस श्मशान घाट का लोगों में इस कदर भय है कि उन्होंने अपने मकान और प्लाट भी बेचने शुरू कर दिए है। स्थानीय निवासी भरत वीर, कृष्ण कुमार दीक्षित, हरीश सागर, रिटार्यड कैप्टन सुखपाल सिंह व अन्य ने बताया कि उन लेागों को यहां पर रहते हुए पंद्रह से बीस साल हो गए। पहले यहां पर कुछ भी नहीं था। सब जंगल था। यहां पर भी खाली प्लाट पड़ा था। जिस पर कई पेड़ लगे थे। पूरे साल में इन्हीं पेड़ों की आड़ में चार या पांच शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था।
एक मई से यहां पर अब तक चार शव जल चुके है। इनमें से एक कोरोना पीड़ित का शव था। उसके बाद में यहां पर पार्षद के प्रस्ताव पर नए श्मशान घाट का निर्माण होना शुरू हुआ है। इसको लेकर वह लेाग विरोध कर रहे है। यहां पर श्मशान घाट बनने से लोगों का रहना दुभर हो जाएगा। यह श्मशान घाट आबादी से दूर बनना चाहिए। जबकि संजय नगर पेट्रोल पंप के सामने से पहले से ही एक श्मशान घाट है। तो इतनी पास में दूसरे श्मशान घाट की जरूरत नहीं है। इसकी जगह पर यहां पर पार्क, दंसवा स्थल या फिर कोई अन्य सार्वजनिक ऐसी चीज बननी चाहिए, जिससे सबको आराम हो। यहां पर तुलाशेरपुर के अलावा अन्य किसी जगह पर या कोलोनी का शव नहीं जलता है। भरत वीर व उनके पड़ोसी महेन्द्र गंगवार अपना मकान व प्लाट बेचना चाहते है। इसके लिए तो महेन्द्र गंगवार ने बकायदा अपने प्लाट के गेट पर बेचने का इश्तेहार भी लगवा दिया है। इस श्मशान घाट के लिए नगर निगम ने यहां पर खड़े कई हरे-भरे पड़ों तक को कटवा दिया है। यह ठीक नहीं हो रहा है। इस श्मशान घाट के बनने से उन लोगों के परिवार में भय और डर का माहौल पैदा होगा।
स्थानीय लोगों ने बताया पार्षद नरेश पटेल ने इसका प्रस्ताव नगर निगम में रखा है। उसके बाद में बिना टेंडर पास हुए इस श्मशान घाट का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। इसका पूरा एक बड़े चबूतरे का निर्माण कर उसी पर शवो का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अभी तक इसका स्टीमेट भी नहीं बना है।
कमला के शव के साथ लोगों ने बताया कि इस जगह पर उनके बड़े बुजर्गो के समय से पूरे तुला शेरपुर के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। इस श्मशान घाट को लगभग 80 साल से ज्यादा हो गया गया है। तुला शेर पुर के शवों के अलावा अन्य कहीं के भी शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता है।
यहां के कुछ श्मशान घाट के नाम
सिटी पर 1, संजय नगर 1, गुलाब बाड़ी 1,वीर सावरकर नगर 4,छोटी बिहार 1, बड़ी बिहार 1, सीबी गंज 3 हरु नगला 1 , जगत पुर 1, महानगर 2, धोरा रोड 1, सुभाष नगर 2, करगैना 1, दोहना 1, बेरियर वन 1, बेरियर 2- 1, वार्ड 51 में 3, भोजीपुरा में 4 है।