Shahi Idgah Masjid: मथुरा की शाही ईदगाह को सील करने की मांग, कोर्ट ने याचिका स्वीकारी, 1 जुलाई को होगी सुनवाई

Shahi Idgah Masjid: मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही का विवाद मामले में आज सिविल कोर्ट में हुई। सुनवाई कोर्ट ने 1 जुलाई को अगली सुनवाई का तारीख किया।

Nitin Gautam
Report Nitin GautamPublished By Bishwajeet Kumar
Published on: 17 May 2022 8:44 AM GMT
Mathura Krishna Janmabhoomi
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Mathura Krishna Janmabhoomi Case (Image Credit : Social Media)

Shahi Idgah Masjid: काशी ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) मामले में सामने आए तथ्यों के बाद अब श्री कृष्ण जन्मस्थान से जुड़े याचिकाकर्ता महेंद्र प्रताप ने मंगलवार को एक याचिका Civil जज सीनियर डिवीजन में दाखिल करते हुए तीन मांग रखी। जिसमे सबसे पहले विपक्षी गणों के शाही ईदगाह पर आने जाने पर पाबंदी, दूसरा चिन्ह वाले स्थान पर सुरक्षा अधिकारी की नियुक्ति व तीसरा शाही ईदगाह को सील किये जाने की प्रार्थना की गई थी। जिस पर न्यायालय ने सुनवाई के बाद 1 जुलाई की तारीख मुकर्रर कर दी है।

गौरतलब है कि इस याचिका से पूर्व महेंद्र प्रताप ने काशी की तर्ज पर मथुरा शाही ईदगाह के सर्वे किये जाने की मांग वाली याचिका दाखिल की थी जिस पर अदालत ने 1 जुलाई की तारीख दे रखी थी। लिहाजा आज भी तीन मांगो वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने 1 जुलाई की तारीख महेंद्र प्रताप के प्रार्थना पत्र पर दे दी है।

मथुरा कोर्ट में मंगलवार को श्री कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामले को लेकर प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया। सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र में शाही ईदगाह पर सुरक्षा बढ़ाए जाने,आने जाने पर रोक और सुरक्षा अधिकारी नियुक्ति को लेकर मांग की गई। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अगली तारीख 1 जुलाई दी है।

प्रार्थना पत्र में यह लिखा गया

प्रार्थी महेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र में मांग की गई कि ज्ञानवापी मस्जिद बनारस में जिस प्रकार से अवशेष मिले हैं उससे स्थिति स्पस्ट हो गयी है कि प्रतिवादिगण प्रारम्भ से ही इसी कारण विरोध करते रहे। यही स्थिति सम्पत्ति श्री कृष्ण जन्मभूमि की है जो असली गर्भगृह है। वहां पर सभी हिन्दू धार्मिक अवशेष कमल, शेषनाग, ॐ, स्वस्तिक आदि हिन्दू धार्मिक चिन्ह व अवशेष हैं। जिनमें से कुछ को मिटा दिया गया है कुछ को प्रतिवादिगण मिटाने के प्रयास में हैं। इस स्थिति में अगर हिन्दू अवशेषों को मिटा दिया गया तो करेक्टर ऑफ प्रोपर्टी चेंज हो जाएगा। जिससे वाद का उद्देश्य व साख्य समाप्त हो जाएंगे। जिससे वादी गण की अपूरणीय व सख्त हक तल्खी होगी।

शाही ईदगाह में आवाजाही पर रोक व सुरक्षा की मांग की

मथुरा की अदालत में दाखिल किए प्रार्थना पत्र में वादी ने शाही ईदगाह में आवाजाही पर रोक व सुरक्षा की मांग की। इसके अलावा वादी ने अदालत में दाखिल किये प्रार्थना पत्र में लिखा कि मथुरा के एसएसपी, डीएम व सीआरपीएफ के कमाण्डेन्ट को निर्देशित किया जाए कि उक्त मुकद्दमे की प्रश्नगत सम्पत्ति यानी शाही ईदगाह को सील करें व परिसर के लिए सुरक्षा अधिकारी नियुक्त करें।

1 जुलाई को करेगी अदालत सुनवाई

मथुरा की अदालत में सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में मंगलवार को दाखिल किए गए इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए 1 जुलाई की तारीख नियत कर दी।

Bishwajeet Kumar

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