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टैक्स डिमांड बगैर याचिका पोषणीय नहीं, याचिका खारिज

याची अधिवक्ता विक्रांत पाण्डेय का कहना था कि इसके क्रेन को केन्द्रीय संस्था द्वारा नान ट्रांसपोर्ट का प्रमाणपत्र दिया गया है। उ.प्र. सरकार इससे टैक्स नहीं ले सकती। वाहन दूसरे प्रदेश का है जबकि सरकारी वकील का कहना था कि प्रदेश में आने के कारण धारा 4 (2) के तहत टैक्स लागू होगा।

Shivakant Shukla
Published on: 11 Feb 2019 3:32 PM GMT
टैक्स डिमांड बगैर याचिका पोषणीय नहीं, याचिका खारिज
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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उ.प्र. मो. यान कराधान अधिनियम के तहत 4 फरवरी 2010 को जारी अधिसूचना की वैधता की चुनौती याचिका खारिज कर दी है।

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कोर्ट ने कहा है कि याची क्रेन मालिक से कर की मांग नहीं की गयी। ऐसे में टैक्स निर्धारण अधिसूचना को चुनौती देने का वाद कारण उत्पन्न नहीं होता। कोर्ट ऐसी याचिका पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती। यह आदेश न्यायमूर्ति भारती सप्रू तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खण्डपीठ ने गाजियाबाद के सुभाष चन्द्र व अन्य की याचिका पर दिया है।

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याचिका पर सरकारी वकील ने आपत्ति की कि याचिका में वाद का खुलासा नहीं किया गया है और याची ने कोई मांग भी नहीं की है। याची अधिवक्ता विक्रांत पाण्डेय का कहना था कि इसके क्रेन को केन्द्रीय संस्था द्वारा नान ट्रांसपोर्ट का प्रमाणपत्र दिया गया है। उ.प्र. सरकार इससे टैक्स नहीं ले सकती। वाहन दूसरे प्रदेश का है जबकि सरकारी वकील का कहना था कि प्रदेश में आने के कारण धारा 4 (2) के तहत टैक्स लागू होगा।

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Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

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