×

हड़ताली फार्मासिस्टों के हंगामे के बाद पुलिस कार्रवाई, ताला तोड़ कर हुआ दवा वितरण

ओपीडी खुलते ही फार्मेसिस्टों ने मेडिसिन स्टोर रूम और फार्मेसी पर ताला जड़ दिया। इस पर मरीजों और तीमारदारों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ने पर सीएमएस ने ताला तुड़वा दिया, जिसके बाद फॉर्मासिस्टों ने हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने फार्मासिस्टों को खदेड़ कर हॉस्पिटल के बाहर कर दिया।

zafar
Published on: 20 Sep 2016 8:07 AM GMT
हड़ताली फार्मासिस्टों के हंगामे के बाद पुलिस कार्रवाई, ताला तोड़ कर हुआ दवा वितरण
X

pharmacist strike-police action

नोएडा: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में हड़ताल के दौरान फार्मासिस्टों ने जम कर हंगामा किया और डिस्पेंसरी में ताला जड़ दिया। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने स्टोर रूम का ताला तोड़ दिया और पुलिस को बुला लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने फार्मासिस्टों को खदेड़ कर अस्पताल के बाहर कर दिया। पुलिस निगरानी में दवाएं तो बंटने लगी हैं, लेकिन फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने मांगे पूरी न होने तक आमरण अनशन शुरू कर दिया है।

हॉस्पिटल में हंगामा

-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सुबह 8 बजे ओपीडी खुलते ही हड़ताली फार्मासिस्टों ने मेडिसिन स्टोर रूम और फार्मेसी पर ताला जड़ दिया।

-स्टोर पर ताला देख मरीजों और उनके तीमारदारों ने हंगामा शुरू कर दिया।

-हंगामा बढ़ने पर सीएमएस डॉ. नगेंद्र मोहन माथुर ने स्टोर का ताला तुड़वा दिया, जिसके बाद फॉर्मासिस्टों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी।

-मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की सूचना पर पहुंची पुलिस ने हॉस्पिटल की कमान संभाली और फार्मासिस्टों को खदेड़ कर हॉस्पिटल के बाहर कर दिया।

-इस दौरान कई बार पुलिस और हड़ताली फार्मासिस्टों के बीच झड़प और धक्का मुक्की हुई।

आमरण अनशन

-सीएमएस की पुलिस कार्रवाई और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रांतीय संयुक्त मंत्री कपिल चौधरी और जिला मंत्री संजीव शर्मा आमरण अनशन पर बैठ गए।

-एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि हड़ताल की जानकारी पहले से ही हॉस्पिटल प्रबंधन को दे दी गई थी। ऐसे में, फार्मासिस्टों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को कुचलना मनमानी है।

-फार्मासिस्टों ने सरकार को चेतावनी दी है कि मनमानी की गई तो चुनाव में उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

हड़तालियों की मांगें

-फार्मासिस्टों की मांग है कि संवर्ग में पदों के सृजन का मानक निर्धारित किया जाए और संवर्ग का पुर्नगठन हो।

-पुनर्गठन के बाद किए गए निर्णयों के अनुसार ही उच्च पदों का सृजन किया जाए।

-7 वां वेतन आयोग लागू किया जाए और डिप्लोमा इंजीनियर की तरह ही डिप्लोमा फार्मासिस्टों के वेतन में 4800 ग्रेड पे इग्नोर किया जाए।

-उपकेंद्रों पर फार्मासिस्टों के पद बढ़ाए जाएं और 10 वर्ष की सेवा पर उन्हें राजपत्रित घोषित किया जाए।

आगे देखिए हंगामे से जुड़े कुछ और फोटोज...

pharmacist strike-police action

pharmacist strike-police action

pharmacist strike-police action

pharmacist strike-police action

zafar

zafar

Next Story