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पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति की तानाशाही के खिलाफ शोधार्थी छात्रों ने चराया गधा

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पीएचडी परीक्षा परिणाम को लेकर छात्रों द्वारा विगत लगभग एक माह चलाए जा रहे आन्दोलन के तहत आज पीएचडी संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने पुर्वांचल कुलपति के विरोध में गधा चराकर अपना विरोध दर्ज कराया।

Roshni Khan
Published on: 3 Nov 2019 12:00 PM GMT
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति की तानाशाही के खिलाफ शोधार्थी छात्रों ने चराया गधा
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जौनपुर: पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पीएचडी परीक्षा परिणाम को लेकर छात्रों द्वारा विगत लगभग एक माह चलाए जा रहे आन्दोलन के तहत आज पीएचडी संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने पुर्वांचल कुलपति के विरोध में गधा चराकर अपना विरोध दर्ज कराया। पीएचडी संघर्ष मोर्चा के सदस्यों व सहयोगियों की उपस्थिति में प्रतिनिधित्वकर्ता दिव्यप्रकाश सिंह के नेतृत्व में आज शहर के सिपाह स्थित चारागाह पर गधा चराकर सामूहिक विरोध दर्ज कराया।

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प्रतिनिधित्वकर्ता दिव्यप्रकाश सिंह ने कही ये बात

उक्त अवसर पर प्रतिनिधित्वकर्ता दिव्यप्रकाश सिंह ने कहा कि हम प्रतिभावान छात्र काबिलियत होते हुए भी आज इस कृत्य पर मजबूर है। हम उत्तीर्ण छात्रों को अकारण अनुत्तीर्ण किया गया जिसे लेकर हम सभी मोर्चा के सदस्यों ने लगातार गांधीवादी शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराकर न्याय की मांग कर रहा हूँ पर तानाशाही की पराकाष्ठा लांघ चुके कुलपति मनमानी पर उतारू है। उन्होंने कहा कि हम लोगो ने गांधीवादी तरीका अपनाया लेकिन अब भगत सिंह व चंद्रशेखर आज़ाद के पदचिन्हों पर चलकर अपने हक और हुक़ूक़ की लड़ाई लड़ने हेतु बिगुल फूंकने का समय नजदीक आ गया है उन्होंने मोर्चा के सदस्यों से कमर कस तैयार रहने को कहा है।

छात्रों के समर्थन में उतरे ये लोग

छात्रों के समर्थन में उतरे अधिवक्ता विकास तिवारी व सपा नेता अतुल सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि वीर बहादुर सिंह पुर्वांचल विश्विद्यालय में आयोजित की गई कार्यपरिषद की बैठक में राज्यपाल द्वारा नामित द्वय सदस्यों द्वारा पुर्वांचल विश्विद्यालय के कुलपति द्वारा नियुक्ति में घोर अनियमितता पर सवाल उठाए गए और उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर दिया। ऐसे में राज्य सरकार की तरफ से महामहिम राज्यपाल द्वारा नामित सदस्यों की अनुपस्थिति में फर्जी नियुक्तियों को सार्वजनिक करना सत्ता के नशे में मदान्त कुलपति महोदय की तानाशाही रवैया का जीवन्त उदाहरण है। उन्होंने कहा कि महाभारत में एक प्रसंग है जब द्रोपदी का चीरहरण हो रहा था तो वहां उपस्थित तमाम महारथी कौरवों के प्रबल प्रताप से मौन थे ठीक उसी तरह विद्वानों का मरकज कहे जाने वाले वीर बहादुर सिंह पुर्वांचल विश्विद्यालय की गरिमा का चीरहरण कर महाभारत के प्रसंग को दोहराया जा रहा है।

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पीएचडी अभ्यर्थी शशांक मिश्र ने कहा कि समस्त पत्रावली के साथ अब उच्च न्यायालय में वाद दाखिल कर अपनी न्यायिक मांग को लेकर लड़ाई लड़ी जाएगी। इस अवसर पर प्रमुख रूप से चंद्रपाल सिंह, विजय, नीरज यादव, संजय सोनकर गोपाल,रुद्रेश त्रिपाठी रुद्र,अभय सिंह, कुलदीप यादव,सोनू यादव, अभिषेक यादव, अमन सिंह, सोनू रजक समेत तमाम अभ्यर्थी व सहयोगी गण उपस्थित रहे।

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