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यूपी: जलाइए बल्ब दूर हो जाएगी डायबिटीज की बिमारी, युवा वैज्ञानिक ने की खोज

पीलीभीत के युवा वैज्ञानिक ने एक ऐसी डिवाइस बल्ब का आविष्कार किया है। जिसे जलाने से डायबिटीज की बिमारी खत्म हो जाएगी।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 6 Jun 2021 11:07 AM GMT (Updated on: 6 Jun 2021 11:16 AM GMT)
यूपी: जलेगा बल्ब तो दूर हो जाएगी डायबिटीज की बीमारी
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डिवाइस बल्ब बनाने वाले धर्मेद्र कुमार, साभार- सोशल मीडिया

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक युवा वैज्ञानिक ने ऐसी खोज की है, जिसकी गूंज फ्रांस तक पहुंच गई है। अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की संस्था लिरिक्स इंटरनेशनल कम्युनिटी ने प्रस्तुतीकरण के लिए उन्हें फ्रांस बुलाया है, लेकिन कोरोना की बंदिशों के चलते वह अभी तक फ्रांस नहीं जा सके हैं। इस युवा वैज्ञानिक ने मां की बीमारी से परेशान होकर 10 साल की कड़ी मेहनत के बाद ये सफलता हासिल की है।

पीलीभीत के पूरनपुर कस्बे के गोपालपुर गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार की मां को डायबिटीज की बीमारी थी। मां की बीमारी से परेशान होकर बीटेक कर चुके धर्मेंद्र इससे निजात पाने की ठान लिया और रिसर्ज करना शुरू कर दिया। 10 साल की मेहनत के बाद धर्मेंद्र ने एक ऐसी डिवाइस बल्ब का आविष्कार किया जिसे जलाकर डायबिटीज की बीमारी को समाप्त किया जा सकता है। यही नहीं इस डिवाइस बल्ब से ब्लड प्रेशर भी संतुलित हो जाएगा। धर्मेंद्र की खोज फ्रांस तक धूम मचा रही है। उन्हें वहां से ऑफर भी मिला है लेकिन लॉकडाउन ने उनके कदम फ्रांस जाने से रोक दिए है। अब उन्हें इंतजार है लॉकडाउन खुलने का जब वे विदेश जाकर अपनी खोज को अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। धर्मेंद्र के मुताबिक यह डिवाइस सिर्फ 2300 रुपए में बनकर तैयार हो जाएगी।

कानपुर एआईटी से किया बीटेक

धर्मेंद्र के पिता का नाम विश्राम सागर है जो बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर अपना परिवार चलाते हैं। धर्मेंद्र दो भाई और एक बहन में सबसे बड़े हैं। उन्होंने गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में शुरुआती पढ़ाई की इसके बाद इंटर तक पढ़ाई सरकारी स्कूल से की। इंटर करने के बाद एआईटी कानपुर से बीटेक किया और बाद में डीएमई डायविटीज का डिप्लोमा हासिल किया।

मां की बीमारी से परेशान होकर बनाई डिवाइस बल्ब

धर्मेन्द्र की माता विमला देवी डायबिटीज की मरीज थी। मां की दिक्कत से तंग आकर उन्होंने डायबिटीज को जड़ से समाप्त करने के बारे में सोचना शुरू कर दिया। बता दें धर्मेंद्र ने पढ़ाई डायबिटीज के बारे में की थी लिहाजा अपना दिमाग डायबिटीज को दूर करने के लिए कुछ ना कुछ नया करने के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। 10 साल की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने इस डिवाइस को तैयार कर लिया। सबसे पहले धर्मेंद्र ने अपनी मां पर ही इसका प्रयोग कर डाला जिसमें उनको पूर्णतः सफलता हासिल हुई।

डिवाइस बल्ब से कैसे दूर होगी डायबिटीज?

युवा वैज्ञानिक धर्मेंद्र कुमार के मुताबिक डायबिटीज के मरीज को अपने कमरे में रात को यह बल्ब जलाकर सोना है। बाकी काम डिवाइस करेगी और 90 से 120 दिनों तक यह प्रक्रिया अपनाने पर डायबिटीज अपने-आप खत्म हो जाएगी। धर्मेंद्र के मुताबिक तरंगे हमारे शरीर में स्टेम सेल के जरिए प्रवेश करती हैं और धीरे-धीरे हमारे अमीनो एसिड्स के स्तर को बढ़ाती हैं व मजबूत बनाती हैं जिससे न्यूरोट्रांसमीटर्स व रिसिवर्स पूरी तरह से काम करने लगते हैं। जिससे हमारे शरीर के अंदर के बीटा सेल्स मजबूत हो जाते हैं और पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन बनाने लगते हैं। जिससे डायबिटीज समाप्त होती है।

डायबिटीज (मधुमेह) कैसे होता है?

जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।

मधुमेह के प्रकार

मधुमेह के तीन मुख्य प्रकार हैं: टाइप 1, टाइप 2 और गर्भावधि मधुमेह।

मधुमेह के लक्षण

-ज्यादा प्यास लगना

-बार-बार पेशाब का आना

-आंखों की रौशनी कम होना

-कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना

-हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म

-बार-बर फोड़े-फुंसियां निकलना

-चक्कर आना

-चिड़चिड़ापन

Rahul Singh Rajpoot

Rahul Singh Rajpoot

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