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Pilibhit News: राष्ट्रीय सम्मेलन में पीलीभीत पालिकाध्यक्ष डॉ आस्था अग्रवाल करेंगी उ.प्र के चेयरमैनों का प्रतिनिधित्व

Pilibhit News: राष्ट्रीय सम्मेलन में "राजकोषीय स्थिरता और दक्षता तथा शासन" पारदर्शिता और जवाबदेही" बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। पालिकाध्यक्ष डॉ आस्था इस राष्ट्रीय सम्मेलन में उत्तर प्रदेश की ओर से संबोधन भी करेगी।

Pranjal Gupata
Published on: 23 Nov 2024 4:26 PM IST (Updated on: 23 Nov 2024 4:28 PM IST)
Pilibhit News ( Pic-News Track )
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Pilibhit News: 16वें वित्त आयोग द्वारा नई दिल्ली में भारत में शहरी स्थानीय सरकारों को मजबूत बनाने संबंधी विषय पर देशभर के पालिकाध्यक्षों और महापौरों के सम्मेलन में पीलीभीत की पालिकाध्यक्ष डॉ आस्था अग्रवाल उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगी।राष्ट्रीय सम्मेलन में "राजकोषीय स्थिरता और दक्षता तथा शासन" पारदर्शिता और जवाबदेही" बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। पालिकाध्यक्ष डॉ आस्था इस राष्ट्रीय सम्मेलन में उत्तर प्रदेश की ओर से संबोधन भी करेगी।

नगर विकास विभाग की विशेष सचिव अरुण प्रकाश द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार 26 नवंबर को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय सेमिनार में प्रदेश की एक अकेली पालिकाध्यक्ष डॉ आस्था अग्रवाल सहारनपुर के मेयर डॉ अजय कुमार और एकमात्र नगर पंचायत कुलपहाड़ महोबा के अध्यक्ष वैभव अरजरिया को इस राष्ट्रीय सेमिनार में आमंत्रित किया गया है।

नगर पालिका अध्यक्ष डॉ आस्था अग्रवाल ने बताया कि सोलहवें वित्त आयोग भारत सरकार के संयुक्त सचिव राहुल जैन द्वारा उक्त सम्मेलन के संबंध में भेजे गए पत्र के अनुसार "राजकोषीय स्थिरता और दक्षता" विषय पर सभी नागरिकों के लिए जीवन की अच्छी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सेवाएं और बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए नगर के पास उपलब्ध धन के विभिन्न स्रोत क्या है। शहर के विकास की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वित्त आयोग और अन्य अनुदानों पर निर्भरता की सीमा क्या है।

शहर में एफसी अनुदान किस तरह के खर्च परियोजनाएं शुरू की है।स्वयं के स्रोत से राजस्व संग्रह, ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए क्या पहल की गई है।और शहरों की वित्तीय स्थिरता पर इसका क्या प्रभाव पड़ा है।आदि बिंदु पर राष्ट्रीय सम्मेलन में चर्चा होगी।इसके अलावा पलायन और गांव की सीमाओं को शहर की सीमा में शामिल करने का क्या प्रस्ताव है।इसके कारण वित्तीय प्रबंधन और सेवा वितरण से जुड़ी चुनौतियां क्या है। परियोजनाओं के निर्णय और उनके क्रियान्वयन में नगर पालिका के निर्वाचित प्रतिनिधि क्या भूमिका निभाते हैं।परियोजना के चयन मंजूरी, स्वीकृति, क्रियान्वयन और निगरानी में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आदि बिंदुओं पर चर्चा होगी।

इसके अतिरिक्त नगर पालिका और नगर निगम की वित्तीय मजबूती के क्षेत्र में सुधार के सुझाव भी मांगे जाएंगे, जिन्हें आवश्यकतानुसार वित्त आयोग लागू कर सके। शासन पारदर्शिता और जवाबदेही विषय में राज्य सरकारों को निधियां कार्यों और पदाधिकारी के हस्तांतरण की स्थिति क्या है।तेजी से हो रहे शहरी विकास को देखते हुए शहरों की योजना को अधिक कुशल कैसे बनाया जा सकता है।इस संबंध में भी इस राष्ट्रीय सम्मेलन में चर्चा की जाएगी।पालिकाध्यक्ष डॉ आस्था द्वारा राष्ट्रीय सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के चैयरमैनों का प्रतिनिधित्व करने के लिए चयनित होने पर सभासदों व पालिका कर्मियों ने उन्हें बधाई दी है।



Shalini Rai

Shalini Rai

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