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Pilibhit News: राज्यमंत्री के पैतृक गांव में नाली विवाद में शिक्षामित्र ने खाई नींद की गोलियां, मचा हड़कंप
Pilibhit News: पीलीभीत जनपद की सदर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक और प्रदेश सरकार में गन्ना विकास एवं चीनी मिल राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार के पैतृक गांव में एक महिला शिक्षामित्र ने न्याय न मिलने पर नींद की गोलियों का सेवन कर लिया।
BJP State Minister Sanjay Singh Gangwar Shikshamitra consumed sleeping pills due to drain dispute (Photo: Social Media)
Pilibhit News: यूपी के पीलीभीत जनपद की सदर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक और प्रदेश सरकार में गन्ना विकास एवं चीनी मिल राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार के पैतृक गांव में एक महिला शिक्षामित्र ने न्याय न मिलने पर नींद की गोलियों का सेवन कर लिया। घटना जहानाबाद कोतवाली क्षेत्र के कुकरीखेड़ा गांव की है, जहां शिक्षामित्र जया गंगवार, पत्नी मैकूलाल गंगवार, ने बीती रात भारी मात्रा में नींद की गोलियां खा लीं। आज सुबह उसकी तबीयत बिगड़ने लगी, जिसके बाद परिजनों ने आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि गांव में नाली और रास्ते को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इसे लेकर शिक्षामित्र जया गंगवार ने कई बार ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख, अधिकारियों और यहां तक कि राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार तक से शिकायत की, लेकिन किसी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। लगातार हो रही अनदेखी और समाधान न मिलने से परेशान होकर महिला शिक्षामित्र ने यह आत्मघाती कदम उठा लिया।
अधिकारियों में मचा हड़कंप
जैसे ही प्रशासन को इस घटना की जानकारी मिली, पूरा प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया। चूंकि मामला सीधे राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार के पैतृक गांव से जुड़ा था, इसलिए वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। एडीएम ऋतु पुनिया, डीपीआरओ, डीडीओ, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सीओ सदर और थानाध्यक्ष सहित कई अधिकारियों ने गांव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और रिपोर्ट तैयार की।
क्यों नहीं हुआ समाधान?
सूत्रों की मानें तो नाली और रास्ते को लेकर यह विवाद काफी समय से चला आ रहा था, लेकिन किसी भी स्तर पर इसका समाधान नहीं हो सका। शिक्षामित्र जया गंगवार ने इस मुद्दे को कई बार उठाया, लेकिन न तो ग्राम प्रधान ने ध्यान दिया, न ही ब्लॉक अधिकारियों ने, और न ही राज्यमंत्री के हस्तक्षेप से कोई हल निकला। यह सवाल उठ रहा है कि जब मंत्री का पैतृक गांव होते हुए भी ऐसी समस्याएं बनी हुई हैं, तो आम जनता का हाल क्या होगा?
फिलहाल क्या स्थिति है?
फिलहाल, महिला शिक्षामित्र का इलाज जिला अस्पताल में जारी है। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है। वहीं, इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए