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Pilibhit News: निजी अस्पताल में गलत उपचार से युवक का फटा ब्लैडर, बड़े भाई ने डॉक्टर पर लगाए आरोप
Pilibhit News: आरोप है कि हालत बिगड़ते ही चिकित्सक ने हाथ खड़े कर लिए और बाहर ले जाने को कहा। जिसके बाद बड़ा भाई अपने छोटे भाई को लहूलुहान हालत में बरेली के एक निजी अस्पताल में लेकर गया। जहां पर उसका उपचार किया जा रहा है।
Pilibhit News: यूपी के पीलीभीत जनपद के बिलसंडा थाना क्षेत्र में नगर के एक निजी अस्पताल में चिकित्सक द्वारा किए गए गलत इलाज की वजह से एक युवक अब जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। दरअसल पेशाब न आने पर चिकित्सक द्वारा डाली गई मोटी नली से युवक का ब्लैडर ही फट गया। परिजनों ने डीएम से मामले की लिखित शिकायत कर कार्यवाही की गुहार लगाई है।
वहीं सोशल मीडिया पर पीड़ित का वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। थाना क्षेत्र के गांव मलिका निवासी रामेश्वर दयाल ने बताया कि उसका छोटा भाई कृष्ण पाल पेशाब न आने की वजह से परेशान था। जिस पर उसकी मां फूलमती उसे नगर के मेन रोड स्थित एक निजी अस्पताल में ले गई, जहां पर चिकित्सक ने मोटी नली डालकर पेशाब उतरवाने की कोशिश की। लेकिन गलत तरीके से डाली गई नली से ब्लैडर फट गया। जिससे उसकी हालत और भी ज्यादा बिगड़ गई।
हालत बिगड़ते ही चिकित्सक ने हाथ खड़े कर लिए
आरोप है कि हालत बिगड़ते ही चिकित्सक ने हाथ खड़े कर लिए और बाहर ले जाने को कहा। जिसके बाद बड़ा भाई अपने छोटे भाई को लहूलुहान हालत में बरेली के एक निजी अस्पताल में लेकर गया। जहां पर उसका उपचार किया जा रहा है। जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे युवक को बचाने की परिजनों द्वारा हर संभव कोशिश की जा रही है, लेकिन हालत में फिर भी सुधार नहीं हो रहा है।
अब पीड़ित युवक के भाई ने मामले की शिकायत पीलीभीत जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार से की है। जिसमें उसने चिकित्सक पर गलत तरीके से इलाज करने का आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार द्वारा आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही की गुहार करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो रहा है। उधर इसी अस्पताल में नगर से सटे एक गांव के युवक के साथ भी पिछले दिनों पहले इसी तरह की घटना हुई थी, लेकिन उस समय मामले को दबा दिया गया था। लोगों का कहना है कि अगर उस वक्त सही ढंग से कार्रवाई हो जाती तो घटना की पुनरावृत्ति नहीं होती।
डेढ़ महीने पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल में मारा था छापा
आपको बता दें कि नगर के जिस निजी अस्पताल में करीब डेढ़ महीने पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मजिस्ट्रेट के साथ मिलकर संयुक्त रूप से छापा मारा था। उस वक्त भी तमाम अनियमितताएं पाई गई थीं, जबकि सीएमओ ने अस्पताल को सीज करने का फरमान भी जारी किया था। लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीन दिन का नोटिस देकर मामले को टरकाने में रुचि दिखाई। शायद यही वजह रही की नोटिस देने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। लोगों को कहना है कि अगर उस वक्त अस्पताल सीज हो जाता तो आज एक युवक के साथ इस तरह की घटना नहीं होती।