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PK अब क्लासरूम से निकलेंगे बाहर, गांव-गांव जाकर नापेंगे UP की रिएलिटी
लखनऊ: यूपी में कांग्रेस की नैया पार लगाने का बेड़ा उठा रहे पीके ने अब कांगेसियों के मन की बात उन्हीं की जुबानी सुनी। अब बारी है जमीनी हकीकत का जायजा लेने और टिकट के लिए सही लोगों का चुनाव करने की। इसके लिए पीके ने अपनी अगली रणनीति तय कर ली है।
कांग्रेस नेताओं की मानें पीके की तीन टीमें 26 अप्रैल से तीन मई तक पूर्वांचल के तीन मंडलों का दौरा कर यथार्थ के धरातल पर पार्टी की चुनावी संभावनाओं का पता लगाएंगी। यह टीमें इलाहाबाद, गोरखपुर व वाराणसी मंडलों में जाएंगी। इसके अलावा अब पीके का मेन फोकस चुनाव के लिए सही कैंडिडेट का चुनाव होगा जिससे कांग्रेस ज्यादा सीटों के साथ सदन में जा सके।
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मीटिंग लेते प्रशांत किशोर
यह है पीके की रणनीति
कांग्रेसी नेताओं ने बताया कि पीके की तीनों टीम में आठ-आठ सदस्य होंगे। हर टीम खुद को आवंटित मंडल के प्रत्येक जिले में दो दिन रुकेगी। जिले के दौरे के दौरान टीम पूर्व व वर्तमान सांसद व विधायकों के साथ जिला व शहर कमेटी तथा फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारियों से फीडबैक हासिल करेगी। स्थानीय समीकरणों को समझने के लिए पीके की टीमों के सदस्य वरिष्ठ कांग्रेसियों से भी मिलकर सलाह मशविरा करेंगे।
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ग्राउंड लेवल रिपोर्ट के बाद तय होगी अगली रणनीति
जिलों के दौरों से मिली रिपोर्ट व आंकड़ों के आधार पर पीके और उनकी टीम जून से कांग्रेस की चुनावी रणनीति का ताना-बाना बुनना शुरू कर देंगे। इतना ही नहीं पीके और उनकी टीम की निगाहें फील्ड के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय पर भी होगी। मुख्यालय पर पीके की टीम के 30 सदस्य बैठेंगे। कांग्रेस को इस विधानसभा के चुनाव में मजबूती के साथ आगें बढ़ाने के लिए पीके की टीम के एक हजार सदस्य कांग्रेस की चुनावी मुहिम को मजबूत करने में जुट जाएंगे।
कुछ इस तरह तय होंगे टिकट के मानक
कांग्रेस के वरिष्ट नेताओं की मानें तो इस बार टिकट बंटवारे में सबसे ज्यादा पीके के फॉर्मूले ही लागू किए जाएंगे। अभी तक के डिस्कशन के बाद पीके टिकट बंटवारे में इन पैरामीटर्स को फॉलो करेंगे।
-स्थानीय समीकरणों में फिट साबित वाले प्रत्याशी को टिकट मिलेगा।
-अन्य वर्ग और जाति पर पकड़ रखने वाले प्रत्याशियों को वरीयता दी जाएगी।
-क्षेत्र स्तर पर प्रत्याशी की जनता के बीच छवि जुझारू होना जरूरी है।
-40 से 50 की उम्र तक के प्रत्याशियों को टिकट में वरीयता मिलेगी।
-टिकट वितरण की सूची में महिला प्रत्याशियों को वरीयता मिलेगी।
-अपराधिक छवि के बजाय समाजसेवा की छवि वाले प्रत्याशियों को तरजीह दी जाएगी।
-चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों को प्रत्येक बूथ से 250 कार्यकर्ताओं की सूची देनी होगी।
-सूची में कार्यकर्ताओं के नाम, एड्रेस और फोन नंबर होंगे, ताकि वेरीफिकेशन किया जा सके।
-पैराशूट कैंडीडेट वाले प्रत्याशी टिकट सूची से बाहर होंगे।