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प्रधानमंत्री ऋण योजना: मैनेजर के रिश्वत मांगने पर पीएम से शिकायत
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले का हलियापुर क्षेत्र, अमेठी लोकसभा क्षेत्र से जुड़ा है। यहां प्रधानमंत्री ऋण योजना के नाम पर एक बैंक मैनजेर की ओर से रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। जिसकी शिकायत अब पीएम से की है। मामले के सामने आने के बाद से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।
अमेठी/सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले का हलियापुर क्षेत्र, अमेठी लोकसभा क्षेत्र से जुड़ा है। यहां प्रधानमंत्री ऋण योजना के नाम पर एक बैंक मैनजेर की ओर से रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। जिसकी शिकायत अब पीएम से की है। मामले के सामने आने के बाद से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।
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आगे पढ़े पूरा मामला
हलियापुर निवासी धनंजय सिंह ने पीएमओ की ट्विटर आईडी पर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने अपनी एप्लीकेशन में लिखा है कि बैंक आफ बड़ौदा रनमूसेपुर सुल्तानपुर ब्रांच में उनकी फर्म का एकाउंट है। लगभग दो माह पहले बैंक मैनेजर उमेश यादव से लोन के लिए उन्होंने अप्लाई किया था।
सारी डिटेल लेने के बाद मैनेजर ने रीजनल आफिस से परमीशन के बाद लोन पास करने की बात कही थी। लगभग महीने भर के बाद रीजनल आफिस से अथारिटी मिलने के बाद डाक्यूमेंट्स, 100 रुपए के 7 स्टाम्प पेपर, एक दस रुपए का स्टाप पेपर व सिक्योरिटी मांगा गया। फुल डाक्यूमेंट्स के साथ 2 लाख की एफडी बतौर सिक्योरिटी 20 फरवरी को जमा भी कर दिया। ठीक एक दिन बाद ही मैनेजर ने बताया कि 2 लाख की सीसी और 1.5 लाख का टर्म लोन रीजनल आफिस ने सेन्क्शन कर दिया है।
उसी दिन शाम को उनके मोबाइल पर सीसी एकाउंट पर बैंक द्वारा 2 लाख क्रेडिट का मैसेज भी आ गया। इसके बाद जानकारी करने जाने पर बैंक मैनेजर ने कहा सुबह समस्त जानकारी और 1.5 लाख टर्म लोन की डीडी भी दे दी जायेगी। अगले दिन बैंक जाने पर मैनेजर ने बताया कि आपका टर्म लोन भी पास हो गया है।
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लेकिन 20 हजार का अरेंजमेंट कीजिए तब इसका लाभ ले पाएंगे। इस पर धनंजय ने सवाल किया किस मद का 20 हजार? तो मैनेजर ने मुस्कुरा कहा समझिए, हम सब भी तो हैं। उन्होंने सवाल किया आप रिश्वत मांग रहे, तो सर हिलाकर जवाब मिला हां। जिसको देने से मना किया तो उसके सीसी एकाउंट से 2 लाख डेबिट होने का मैसेज एकाउंट से जुड़े मोबाइल नम्बर पर आया। जब उसनें पड़ताल की तो बताया गया कि आपका सिविल स्कोर सही नही है इसलिए लोन कैंसिल कर दिया गया है।
मैनेजर ने आरोपों को बताया निराधार
फिलहाल इस मामले पर मैनेजर उमेश यादव से जब फोन पर बात की गई तो उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने अपने बचाव में यही कहा कि सिविल स्कोर कम होने के कारण लोन कैंसिल हुआ है। बड़ा सवाल ये है के अगर सिविल स्कोर कम था तो सीसी एकाउंट पर पैसे क्रेडिट कैसे हो गए?
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