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8 मार्च को PM वाराणसी को देंगे करोड़ों की सौगात, ये होगा खास
मंदिर कॉरिडोर में आने वाले दो पुराने पुस्तकालयों को संवारने का कार्य भी चल रहा है। इस पर कुल 24 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह कार्य प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर किया जा रहा है।
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनावों के पूर्व 08 मार्च को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आयेंगे। लगभग शहर में ढ़ाई घंटे के प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का भूमि पूजन करेंगे। माना जा रहा हैं कि सुबह ही काशी विश्वनाथ मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना के बाद प्रधानमंत्री कॉरिडोर का भूमि पूजन करेंगे।
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भूमि पूजन के बाद प्रधानमंत्री बड़ालालपुर स्थित पं.दीन दयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में प्रदेश भर की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं से संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम जारी होते ही यहां प्रशासनिक अधिकारी तैयारियों में जुट गये हैं। महाशिवरात्रि बीतने के बाद अफसर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को अन्तिम रूप देने के लिए युद्ध स्तर पर जुट जायेंगे। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए ध्वस्तीकरण अभियान को बंद कर मलबे को हटाने के साथ वहां की जमीन का समतलीकरण कार्य प्रारम्भ हो गया है। वाराणसी परिक्षेत्र के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल और जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह मंदिर परिसर का निरीक्षण करने के बाद मंदिर प्रशासन से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक भी लगातार कर रहे हैं।
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बताते चले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वप्निल परियोजना (ड्रीम प्रोजक्ट)में काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण के साथ दर्शनार्थियों के सुगम दर्शन के लिए गंगा घाट से लेकर मंदिर तक कॉरिडोर बनाया जा रहा है। अब तक खरीदे गए भवनों के ध्वस्तीकरण के बाद मंदिर के प्रवेश द्वार को चौड़ा किया गया है।
विस्तारीकरण के लिए चिह्नित किए गए 296 भवनों में से तमाम विरोधों अवरोधों के बावजूद 115 से अधिक भवनों की रजिस्ट्री हो चुकी है। बाकी बचे भवनों का अधिग्रहण के लिए मंदिर प्रबंधन और न्यास परिषद प्रयास कर रहा है। सेवइत संपत्तियों के सेवइतों की आजीविका का प्रबंध करने का दावा भी किया गया हैं। प्रस्तावित काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का नक्शा अहमदाबाद की कंसलटेंट कंपनी ने बनाया है।
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कुल कुल चार चरणों में विस्तारी करण कार्य होना है। प्रथम और तीसरे चरण का काम पहले शुरू हुआ है। पहले चरण में मंदिर और आस-पास का इलाका, जबकि तीसरे चरण में गंगा घाट के किनारा शामिल है। तीसरे चरण के काम से गंगा की ओर से कॉरिडोर दिखने भी लगा है। योजना की ब्लूप्रिंट से कॉरिडोर काफी हद तक साफ दिखने लगा हैं।
मंदिर कॉरिडोर में आने वाले दो पुराने पुस्तकालयों को संवारने का कार्य भी चल रहा है। इस पर कुल 24 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह कार्य प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर किया जा रहा है। ये दोनों पुस्ताकालय परिसर से सटे हुए हैं। इसमें से एक लाइब्रेरी डिजिटल बनेगी।
मंदिर कॉरिडोर की योजना
- 25 हजार वर्ग मीटर में रहेगा कॉरिडोर
- 296 भवनों को खरीदना है
- 227 निजी संपत्तियां हैं
- 168 की हो चुकी रजिस्ट्री
- 31 सेवइत के भवन
- 11 का हुआ राजीनामा
- 13 मंदिर का होना है अधिग्रहण
- 5 परिसंपत्तियां नगर निगम की
- 21 परिसंपत्तियां ट्रस्टों की हैं
- 90 भवनों का चल रहा ध्वस्तीकरण