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तुमसे न हो पाएगा! नामामि गंगे के बजट का आधा पैसा भी नहीं हो सका खर्च

Rishi
Published on: 5 Jun 2017 8:12 PM IST
तुमसे न हो पाएगा! नामामि गंगे के बजट का आधा पैसा भी नहीं हो सका खर्च
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लखनऊ: केंद्र की वर्तमान मोदी सरकार ने गंगा की साफ-सफाई के लिए नामामि गंगे योजना शुरू की है। इसके लिए हजारों करोड़ रुपये के बजट तैयार किए गए हैं। लेकिन, एक आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक इस बजट का आधा पैसा भी खर्च नहीं हो सका है।

आरटीआई के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार, इस योजना में वित्तीय वर्ष 2014-15 में गंगा सफाई के लिए 2053 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया, जिसमें से महज 326 करोड़ रुपये जारी किए गए। इसमें से केवल 170 करोड़ 99 लाख रुपये ही खर्च हो पाए। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2015-16 में 1650 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया, जिसमें से 1632 करोड़ रुपये जारी किए गए और केवल 602 करोड़ 60 लाख रुपये ही खर्च हो पाए। वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1675 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया, लेकिन केवल 1062 करोड़ 81 लाख रुपये ही खर्च किए जा सके हैं।

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आरटीआई कार्यकर्ता ऐश्वर्या द्वारा हासिल जानकारी ने केंद्र सरकार के गंगा साफ-सफाई पर किए गए बड़े-बड़े वादों की हवा निकाल दी है। ऐश्वर्या ने बीते अप्रैल माह की 15 तारीख को प्रधानमंत्री कार्यालय में एक आरटीआई दायर कर साल 2014 से 2017 तक के समय में नमामि गंगे योजना पर किए गए खर्च और गंगा सफाई योजनाओं के संबंध में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठकों की जानकारी मांगी थी। प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव एवं केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी प्रवीण कुमार ने ऐश्वर्या का आरटीआई आवेदन बीते 12 मई को भारत सरकार के जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय को स्थानांतरित कर दिया गया।

ऐश्वर्या का कहना है कि मोदी सरकार द्वारा बीते तीन सालों में 12 हजार करोड़ रुपये का बजट देने की बात कही गई, जिसमें से केवल 5378 करोड़ रुपये ही बजट में दिए गए। बजट में जारी 5378 रुपये में से केवल 3633 करोड़ रुपये खर्च के लिए निकाले गए और इसमें से केवल 1836 करोड़ 40 लाख रुपये ही वास्तव में खर्च किए गए। हालात यह है कि गंगा की सफाई पर खर्च के जारी धनराशि का आधा भी खर्च नहीं हो पाया है।

आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, नमामि गंगे योजना की शुरुआत जून, 2014 में हुई थी और उस समय गंगा सफाई के इस कार्यक्रम को पांच वर्षो में 20 हजार करोड़ रुपये का बजट देने की बात कही गई थी।

राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की अब तक छह बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें से तीन की अध्यक्षता पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की है। एक की अध्यक्षता वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है और दो की अध्यक्षता जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने की है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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