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प्रवासी भारतीय सम्मेलन मे PM मोदी ने कही ये बड़ी बातें
ऐसा पहली बार होगा, जब यह तीन दिवसीय कार्यक्रम नौ जनवरी के बजाय 21 से 23 जनवरी को आयोजित किया जा रहा है, ताकि इस कार्यक्रम में पहुंचे लोग इलाहाबाद के कुंभ मेले में जा पाएं और उसके बाद दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड भी देख सकें।
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र में 15वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन करने पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी को सुनने के लिए प्रवासियों में अति उत्साह देखने को मिला। पीएम मोदी ने कार्यक्रम के संबोधन में सभी प्रवासी भारतीयों का स्वागत किया| बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 23 जनवरी को समापन कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
कार्यक्रम में PM मोदी ने भारत को जानिए क्विज के सभी अवॉर्ड विनर्स को मेडल पहनाया। पीएम मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ और मंच पर मौजूद सभी अतिथियों के साथ साथ सभी प्रवासी भारतीयों का स्वागत किया। उन्होंने कल प्रवासी भारतीय सम्मांन पाने वालों को अग्रिम बधाई दी और कहा कि मैं यहां का सांसद होने के नाते मेजबान बनकर आया हूं। पीएम ने मंच से सिद्धगंगा मठ के मठाधीश शिवकुमार स्वामी के निधन पर शोक व्यक्त किया।
प्रवासी दिवस सम्मेलन अटल जी की देन है: मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि ये प्रवासी दिवस सम्मेलन अटल जी की देन है इसलिए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। आज हमारे देश वासी दुनिया के कोने कोने में हमारे देश का नाम रौशन कर रहे हैं। आप काशी में हैं, इसलिए मैं काशी और आप सभी में एक समानता देख रहा हूं। बनारस नगरी चिरकाल से भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ज्ञान की परंपरा से दुनिया में देश का परिचय कराती रही है।
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आप अपने दिलों में भारत और भारतीयता को संजोए हुए, इस धरती की ऊर्जा से दुनिया को परिचित करा रहे हैं। आज पूरा विश्वत हमारी बात को सुन रहा है और उन्हें अपना भी रहा है। सबका साथ सबका विकास के विजन पर चलते हुए इस देश ने बहुत कुछ पाया है। आज इकोनॉमिक क्षेत्र में भी हम आगे बढ़े हैं तो खेलों के क्षेत्र में भी आगे बढ़े हैं। आज हमारा युवा मेक इन इंडिया के तहत रिकॉर्ड स्तर पर मोबाइल फोन, कार, बस, ट्रक, ट्रेन बना रहा है, खेतों मे रिकॉर्ड अन्न भी उपज रहा है। आज भारत अनेक मामलों में दुनिया की अगुवाई करने की स्थिति में है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस ऐसा ही एक मंच है। इसके माध्यम से हम दुनिया को वन वर्ल्डं, वन सन, वन ग्रिड की तरफ ले जाना चाहते हैं।
हमने सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे सात करोड़ फर्जी लोगों को पहचानकर हटाया: पीएम मोदी
आगे पीएम ने कहा कि हमारे एक भूतपुर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगर हम दिल्लीे से एक रूपया भेजते हैं तो लाभार्थी को बस 15 पैसा मिल पाता है। उन्होंने सालों से राज कर रही उनकी पार्टी देश को जो व्यवस्था दी थी, उस सच्चाई को उन्होंने स्वीकारा था और इस बारे में खुद ही कहा पर वो इस लीकेज को रोक नहीं पाए। पर आज हमने ये कर दिखाया है। हमने विभिन्न् योजनाओं के तहत लाभार्थियों को सीधे उनके अकाउंट में पैसे भेज रहे हैं। हमने सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे सात करोड़ फर्जी लोगों को पहचानकर हटाया। ये सात करोड़ लोग असल में थे ही नहीं, केवल कागजों में थे।
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पीएम ने आगे कहा कि भारत के गौरवशाली अतीत को फिर स्थापित करने के लिए 130 करोड़ भारतवासियों के संकल्प का ये परिणाम है। और मैं आज बहुत गर्व से कहना चाहता हूं कि इस संकल्प में आप भी शामिल हैं। आपकी सोशल सिक्योरिटी के साथ-साथ पासपोर्ट, वीज़ा, पीआईओ और ओसीआई कार्ड को लेकर भी तमाम प्रक्रियाओं को आसान करने का प्रयास सरकार कर रही है। प्रवासी भारतीयों के लिए कुछ महीने पहले ही एक नया कदम भी उठाया गया है। दुनियाभर में हमारी एंबेसी को पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट से जोड़ा जा रहा है। इससे आप सभी के लिए पासपोर्ट सेवा से जुड़ा एक सेन्ट्रालाइज तैयार हो जाएगा। बल्कि अब तो एक कदम आगे बढ़ते हुए चिप बेस्ड ई पासपोर्ट जारी करने की दिशा में भी काम चल रहा है।
वाराणसी के प्रशासन और अधिकारियों को प्रधानमंत्री ने दी बधाई
पीएम ने इतने बड़े आयोजन- कुंभ और प्रवासी भारतीय सम्मेलन एक साथ सफलतापूर्वक आयोजन करने पर युपी सरकार को विशेष रूप से बधाई दी। उन्हों ने कहा कि उन्होंने हर बार इस सम्मेलन में भाग लिया है पर इस बार का आयोजन विशेष है। काशीवासी और यहां की सरकार ने इस आयोजन को सरकारी आयोजन नहीं बनने दिया। चार पांच सौ लोग तो यहां पर घरों में ठहरे हुए हैं। पीएम ने सुषमा स्वराज को भी इसकेलिए बधाई दी और कहा कि काशी को गौरव मिला तो आज मैं यहां का सांसद होने के नाते गौरवान्वित हूं। पीएम मोदी ने एक बार फिर सबको याद दिलाया कि आने वाली 29 तारीख को वे छात्रों और अभिभावकों के साथ परीक्षा पर चर्चा करने वाले हैं।
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लोग पूछते थे कि क्या ये हॉल भर पाएगा, तो मैं मुस्करा कर कहती थी कि उसी दिन देखिएगा: सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज ने इस कार्यक्रम में कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी, 2004 से 2014 के बीच इस दिवस का महत्व घटता चलता गया और एक रस्म बनकर रह गया। लेकिन मई 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली तो इस दिवस में नई जान फूंक दी। हमारी सरकार ने देश के बाहर बसे भारतीय समुदाय के लोगों से सीधा संवाद किया था। मेडिसन स्क्वायर में जब प्रधानमंत्री ने भाषण दिया तो लोग पूछते थे कि क्या ये हॉल भर पाएगा, तो मैं मुस्करा कर कहती थी कि उसी दिन देखिएगा।
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