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मथुरा के DM नवनीत सिंह चहल को PM मोदी ने किया सम्मानित, 'व्यवहार कुशल' श्रेणी में प्रमुख स्थान पर
Mathura News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज 'सिविल सर्विस डे' (civil service day) के अवसर पर जिलाधिकारी मथुरा नवनीत सिंह चहल को अवार्ड देकर सम्मानित किया है।
Mathura: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज 'सिविल सर्विस डे' (civil service day) के अवसर पर जिलाधिकारी मथुरा नवनीत सिंह चहल (District Magistrate Mathura Navneet Singh Chahal) को अवार्ड देकर सम्मानित किया गया है। आईएएस नवनीत सिंह चहल को यह सम्मान जनपद चंदौली में काले चावल से किसानों की आय को बढ़ाया देने के विशेष प्रयास के लिए दिया गया है ।
इस मौके पर जिलाधिकारी मथुरा ने पीएम को भरोसा दिलाया कि टूरिस्ट फैसिलिटी (tourist facility) के जरिए जनपद मथुरा मैं भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अच्छा कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मथुरा वृन्दावन सहित पूरा जनपद भगवान श्रीकृष्ण की नगरी (City of Lord Krishna) है और यंहा देश विदेश से पर्यटक आते हैं । उनकी सुविधाओ का ध्यान रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा ।
चंदौली की जनता को बहुत-बहुत धन्यवाद
इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिस प्रकार चंदौली (Chandauli) की जनता ने इस कार्य में रुचि लेकर एक अच्छा काम किया है उसे प्रकार मथुरा की जनता को रुचि लेकर अच्छे कार्यों में सहयोग करना होगा। उन्होंने चंदौली की जनता को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया है । इसी प्रकार जनपद मथुरा में भी विशेष कार्य किए जाएंगे जिससे मथुरा जनपद का विकास तथा जनता को रोजगार मिले और उनकी आय बढे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में गुरूवार को आयोजित सिविल सर्विस डे के मौके पर मथुरा के जिला अधिकारी को सम्मानित किया है। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने प्रधानमंत्री से सम्मानित होने पर गर्व महसूस करते हुए कहा कि यह उनके जीवन का अमूल्य पल है। डीएम नवनीत सिंह चहल ने बताया जनपद चंदौली में उन्होंने किसानों के सहयोग से काले चावल की खेती को बढ़ावा दिया था। उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हए कहा कि पीएम से मिला ये सम्मान उनको आगे और मेहनत करने की प्रेरणा देता है, उनको प्रधानमंत्री के सम्बोधन से नई ऊर्जा प्राप्त हुई है।
न्यूयॉर्क में फाइनैंशियल एनालिस्ट रह चुके हैं ये युवा आईएएस अधिकारी
एक ऐसे आईएएस अधिकारी जिन्होंने विदेश की बेहतरीन नौकरी छोड़ कर अपनी मिट्टी के लिए कुछ करने की चाहत में अपने जीवन का लक्ष्य बदल दिया। उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले की उन्होंने कायापलट कर देश के साफ-सुथरे जिलों में शामिल करवा दिया। वे जहां भी रहे, प्रगति और सुव्यवस्था के पर्याय बने रहे।
14 मई 1984 को पानीपत, हरियाणा के एक सुशिक्षित व संपन्न परिवार में नवनीत का जन्म हुआ। पिता सत्यपाल सिंह चहल नैशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड ,पानीपत इकाई में अधिकारी और माता परवीन चहल गर्वनमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल , पानीपत में इतिहास की लेक्चरर थी। शिक्षा के प्रति समर्पण और उच्च संस्कार उन्हें परिवार से ही मिला ।
उन्होंने 12वीं में टॉप किया और पीईसी चंडीगढ़ से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। फिर एमडीआई, गुरुग्राम से फाइनेंस और मार्केटिग में एमबीए करने के बाद पेरिस से फाइनेंस मैनेजमेंट की डिग्री भी हासिल की। अमेरिका से चार्टर फाइनेंसियल एनालिस्ट (सीएफए लेवल2) की परीक्षा उत्तीर्ण की व फाइनेंसियल एनालिस्ट के पद पर तीन साल तक न्यूयॉर्क/मुम्बई में कार्यरत रहे, परन्तु दिल में देश के लिए कुछ करने की इच्छा लगातार बनी रही। उन्होंने वापस लौटने का मन बना लिया और वर्ष 2011 में यूपीएससी की परिक्षा पास की। बतौर आईएएस उन्हें यूपी कैडर मिला।
नवनीत सिंह चहल की पहली पोस्टिंग बहराइच जिले में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के तौर पर हुई। वहाँ से मेरठ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और फिर मेरठ में ही चीफ डेवल्पमेंट ऑफिसर बनाये गये। इस दौरान उन्होंने वहां कई तरह के विकास कार्यों जैसे आवास व पेंशन योजनाएं, शौचालयों का निर्माण, सोलर लाइट्स की व्यवस्था आदि पर गंभीरता से कार्य किया, जिसका लाभ गरीबों और जरूरतमंद लोगो को मिला। नवनीत सिंह चहल झांसी में भी मुख्य विकास अधिकारी के पद पर रहे। इस दौरान उन्होंने गांवों में सरकारी योजनाओं को तेजी से लागू करवाया और किसानों का रजिस्ट्रेशन करवा सरकार की योजनाओं से जोड़ा।
2017 में वे अमरोहा के जिलाधिकारी बनाये गये। अमरोहा में उन्होंने खाद्यान वितरण में धोखाधड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। जिले को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के लिए वृक्षारोपण पर जोर देने के साथ ही पेड़ों की अवैध कटाई पर लगाम लगायी। खुले में शौच के विरूद्ध जनजागरण के लिए 'तिगरी मेला' के आयोजन के दौरान 30 हजार से अधिक स्टूडेंट्स का ह्यूमन चेन बनवा रिकॉर्ड कायम किया।
व्यवहार कुशलता पहचान है जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल की
मार्च 2018 में नवनीत सिंह चहल को चंदौली जिले का जिलाधिकारी बनाया गया। जिले की कमान संभालने के साथ ही उन्होंने 'ब्लैक राइस' के जरिये जिले को नयी पहचान दिलायी। 'ब्लैक राइस' एंटी-ऑक्सीडेंट युक्त है और इसके उत्पादन से वहाँ के किसानों की आमदनी में काफी इजाफा हुआ है। उन्होंने चंदौली में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में सुधार के लिए 'शिक्षित एवं सुपोषित चंदौली' योजना की शुरुआत की, जिसके तहत जिले में वालंटियर टीचर के कांसेप्ट को आगे बढ़ाया, जो काफी सफल साबित हुआ।
उन्होंने सामाजिक सहभागिता से लोगों को कुपोषित बच्चों को गोद लेने को प्रेरित किया जिसका बहुत ही शानदार परिणाम सामने आया। व्यवहार कुशल नवनीत सिंह चहल के नेतृत्व में चंदौली ने हेल्थ, पोषण, रोजगार और मनरेगा के क्षेत्र में अहम प्रगति की जिससे इस जिले ने नीति आयोग द्वारा जिलों की होने वाली रैंकिग में बेहतरीन प्रदर्शन किया। इन रैंकिंग के कारण केंद्र सरकार से जिले के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये का इनाम भी मिला। चंदौली को लंबे समय तक कोरोना मुक्त जिला बनाये रखने के लिए नवनीत सिंह चहल की जमकर तारीफ हो रही है।
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल 'व्यवहार कुशल' श्रेणी में प्रमुख स्थान पर
फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किये गए सर्वे में चंदौली के जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल 'व्यवहार कुशल' श्रेणी में प्रमुख स्थान पर हैं।
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