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वाराणसी के संत हुए नाराज, पीएम मोदी के खिलाफ उतारेंगे अपना उम्मीदवार

धर्म नगरी वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ संत समाज ने अपना प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री के खिलाफ अखिल भारतीय राम राज्य परिषद के प्रत्याशी की घोषणा सोमवार को केदार घाट स्थित करपात्री धाम के सम्मुख होगी।

Dhananjay Singh
Published on: 21 April 2019 8:23 PM IST
वाराणसी के संत हुए नाराज, पीएम मोदी के खिलाफ उतारेंगे अपना उम्मीदवार
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लखनऊ: धर्म नगरी वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ संत समाज ने अपना प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री के खिलाफ अखिल भारतीय राम राज्य परिषद के प्रत्याशी की घोषणा सोमवार को केदार घाट स्थित करपात्री धाम के सम्मुख होगी।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कमच्छा स्थित शिक्षा संकाय के चाणक्य प्रेक्षागृह में रविवार को आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन एवं सनातनी सन्त विद्वत सम्मेलन में तय किया गया कि पीएम ​मोदी के खिलाफ रामराज्य परिषद चुनावी मैदान में प्रत्याशी उतारेगा। कार्यक्रम में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने कहा कि जनता का कल्याण हिन्दू राज्य से नही अपितु राम राज्य से संभव हैं।

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उन्होंने कहा कि आज सौ करोड़ हिन्दुओं में से अस्सी करोड़ हिन्दू नेतृत्व विहीन होने की वजह से उपेक्षित है। उन उपेक्षित हिन्दुओं का नेतृत्व करने के लिए धर्म सम्राट स्वामी करपात्री महाराज द्वारा स्थापित राम राज्य परिषद आगे आ रहा है। काशी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरूद्व प्रत्याशी उतारने का निश्चय सन्त समाज के साथ विमर्श कर किया गया हैं।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि काशी में मन्दिर तोड़कर विनाश करने वाले विकास की बातें कर रहे है। विश्वनाथ कारिडोर के नाम पर काशीवासियों को चोर कहा गया।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा कि खुद को चौकीदार कहने वाले यदि चौकन्ने थे तो, हिन्दुस्तान दुनिया में गौमांस का सबसे बड़ा निर्यातक कैसे बन गया ?। सम्मेलन में महामण्डलेश्वर महन्त रामगिरी महाराज ने कहा कि मध्य प्रदेश में पिछली सरकार ने पिछले 15 वर्षो में चार हजार मन्दिरों को तोड़ दिया था। वहीं प्रयागराज में हुए कुम्भ में प्रधानमंत्री ने संतों, महात्माओं और विद्वानों का सत्कार न कर हमारा अपमान किया, जिसका सन्त समाज निन्दा करता है।

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सम्मेलन में पवन सुख दास, अच्युतानन्द महाराज,काशी विद्वत परिषद के संरक्षक प्रो. रामयत्न शुक्ल, प्रो. शिवजी उपाध्याय, डाॅ. श्रीप्रकाश मिश्र,धर्मसंघ के पं. जगजीतन पाण्डेय ने विचार रखा। अधिवेशन में महामण्डलेश्वर बालेश्वर दास, मोहन दास, महन्त घनश्याम दास, प्रेमाचार्य महाराज, धर्मदास, रवीन्द्र दास, वृन्दावन दास रामायणी, हरिहराचार्य, लक्ष्मण दास की मौजूदगी में सन्तों ने परम धर्म घोषणा पत्र भी जारी गया।



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