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लखनऊ यूनिवर्सिटी पर बोले मोदी, सौ वर्ष सिर्फ आंकड़ा नहीं, कई उपलब्धियों से है भरा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे जब भी यहां से पढ़कर निकले लोगों से बात करने का मौका मिला है, यूनिवर्सिटी की बातें करते हुए उनकी आंखों में चमक आ जाती है। यहां बिताए दिनों की बातें करते करते वो बड़े उत्साहित हो जाते हैं।

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Published on: 25 Nov 2020 8:34 PM IST
लखनऊ यूनिवर्सिटी पर बोले मोदी, सौ वर्ष सिर्फ आंकड़ा नहीं, कई उपलब्धियों से है भरा
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लखनऊ यूनिवर्सिटी पर बोले मोदी, सौ वर्ष सिर्फ आंकड़ा नहीं, कई उपलब्धियों से है भरा

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज इस विश्व विद्यालय के सौ वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह सिर्फ आंकडा नही है बल्कि इसके पीछे कई उपलब्धियां छिपी हुई है। यहां पद देश के जाने माने लोगों ने शिक्षा पाई है। किसी एक का नाम नहीं ले सकता। सबका देश के लिए अमूल्य योगदान रहा है। डिजिटल माध्यम से समारोह को सम्बोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इस विवि ने अपनी सौ साल की यात्रा में अतुलनीय योगदान दिया है।

लखनऊ यूनिवर्सिटी दशकों से बखूबी निभा रही अपनी जिम्मेदारी

मोदी ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि देश के नागरिक कितने संयम के साथ कोरोना की इस मुश्किल चुनौती का सामना कर रहे हैं। देश को प्रेरित और प्रोत्साहित करने वाले नागरिकों का निर्माण शिक्षा के ऐसे संस्थानो में ही होता है। लखनऊ यूनिवर्सिटी दशकों से अपने इस काम को बखूबी निभा रही है।

मोदी ने कहा कि विश्वविद्यालय सिर्फ उच्च शिक्षा का ही केंद्र नहीं होती, ये ऊंचे संकल्पों, ऊंचे लक्ष्यों को साधने की एक बहुत बड़ी ऊर्जा भूमि होती है। ये हमारे भीतर की ताकत को जगाने की प्रेरणा स्थली भी है। हम कई बार अपनी सामर्थ्य का पूरा उपयोग नहीं करते हैं। यही समस्या पहले सरकारी तौर तरीकों में भी थी।

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तभी तो लखनऊ हम पर फिदा है-प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे जब भी यहां से पढ़कर निकले लोगों से बात करने का मौका मिला है, यूनिवर्सिटी की बातें करते हुए उनकी आंखों में चमक आ जाती है। यहां बिताए दिनों की बातें करते करते वो बड़े उत्साहित हो जाते हैं। तभी तो लखनऊ हम पर फिदा है। हम फिदाए लखनऊ का मतलब अच्छे से तभी समझ आता है।

मोदी ने कहा कि नीयत के साथ इच्छा शक्ति का होना भी बहुत जरूरी है। इच्छा शक्ति न हो तो सही नतीजे नहीं मिल पाते। एक जमाने में यूरिया उत्पादन के बहुत से कारखाने थे, फिर भी बाहर से यूरिया आता था। उसका कारण था कि खाद के कारखाने पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाते थे।

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पीएम मोदी ने कवि प्रदीप की पंक्तियां याद की

मोदी ने कवि प्रदीप की पंक्तियां याद करते हुए कहा कि कभी कभी खुद से बात करो, कभी खुद से बोलो, अपनी नजर में तुम क्या हो, ये मन के तराजू पर तोलो....यह पंक्तियां हम सभी के लिए गाइड लाइन हैं। संबोधन से पहले मोदी ने एक विशेष स्मारक डाक टिकट और भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी विशेष कवर भी जारी किया। मोदी ने लखनऊ विश्वविद्यालय के नाम पर 100 रुपए का सिक्का भी जारी किया।

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