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यूपी में जहरीली शराब का आतंक: सैकड़ों में है जान गंवाने वालों के आंकड़े, सख्ती रही बेअसर
Poisonous Liquor Death In UP: प्रशासन द्वारा तमाम कोशिशों और सख्ती के बावजूद लगातार ज़हरीली शराब बिक्री और सेवन के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
Poisonous Liquor Death In UP: उत्तत प्रदेश में गैरकानूनी रूप से निर्मित होकर धड़ल्ले से बेची जा रही ज़हरीली शराब (Poisonous Liquor) पीने से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते समय में कई ज़िलों में ऐसे मामले दर्ज हुए हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा तमाम कोशिशों और सख्ती के बावजूद लगातार ज़हरीली शराब बिक्री और सेवन के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। विशेषतौर से चुनावों और अन्य कार्यक्रमों के दौरान ऐसे मामले तेज़ी से आते हैं।
बीते दिन ही आजमगढ़ ज़िले (Azamgarh) से ऐसी ही एक भयावह घटना की जानकरी सामने आई है जिसमें ज़हरीली शराब (Zehrili Sharab) सेवन के चलते कुल 10 लोगों की मौत (Zehrili Sharab Se Maut) हो गई है तथा साथ ही करीब 10 से अधिक लोगों की हालत गम्भीर बनी हुई है और वह चिकित्सा हेतु अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्यवाही दिखाते हुए ज़हरीली शराब बेचने वाले विक्रेता को गिरफ्तार कर लिया है तथा साथ ही उससे आगे पूछताछ की जा रही है।
आजमगढ़ में जहरीली शराब पीने से 10 को मौत
आजमगढ़ जिले के अहरौला क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से दस लोगों की मौत की घटना नई नहीं है। इससे पहले भी चार बार हुए शराब कांड में कई लोगों की जान जा चुकी है। वर्ष 2002 में इरनी में हुई घटना में 11, वर्ष 2013 में मुबारकपुर में 53, वर्ष 2017 में सगड़ी क्षेत्र में 36 और 2021 में पवई में हुई घटना में जहरीली शराब पीने से 22 लोगों की मौत हो चुकी है। इन घटनाओं में कुल 122 लोगों की जान जा चुकी है। अगर अहरौला क्षेत्र में हुई घटना में दस लोगों की मौत का आंकड़ा जोड़ दिया जाए तो मृतकों की संख्या 132 हो जाएगी। जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की हर घटना के बाद पुलिस प्रशासन और आबकारी विभाग ने कुछ दिनों के लिए अभियान चलाया जाता है, लेकिन स्थिति फिर यथावत हो जाती है।
जिला प्रशासन अगर पिछली घटनाओं से सबक लेते हुए पुलिस के साथ आबकारी विभाग भी सक्रिय रहता तो शायद अवैध शराब के धंधे पर रोक लगाई जा सकती थी। अहरौला क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से मौत की घटना की जानकारी आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सोमवार की सुबह तब हुई, जब क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में सात लोगों की मौत हो चुकी थी। जहरीली शराब पीने से बीमार 24 से अधिक लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। जिले में अब तक जितनी भी बड़ी शराब की बरामदगी या गिरफ्तारी हुई है, वह सभी नागरिक पुलिस के खाते में दर्ज है। देवारांचल क्षेत्र में कुटीर उद्योग का रूप धारण कर चुका कच्ची शराब का धंधा संबंधित विभाग और राजनैतिक संरक्षण के चलते फल-फूल रहा है।
पूर्व सांसद रमाकांत यादव के रिश्तेदार के नाम शराब की दुकान
रविवार को माहुल स्थित जिस दुकान से जानलेवा शराब की बिक्री की गई थी। उसे प्रशासन ने सीज कर दिया है। यह दुकान पूर्व सांसद रमाकांत यादव के नजदीकी रिश्तेदार रंजेश यादव के नाम से आवंटित हैं। पुलिस ने शराब का सैंपल जांच के लिए भेज दिया हैं। वहीं दुकान पर काम करने वाले दो सेल्समैन को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।
2021 में हुई करीब 100 लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों का आंकड़ा साल-दर-साल तेजी से बढ़ता जा रहा है। ऐसे में यदि बीते साल 2021 की बात करें तो अकेले उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब के सेवन से तकरीबन 100 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे ही ज़हरीली शराब अबतक सैकड़ों परिवारों को निगल चुकी है। प्रशासन की कोई भी सख्ती, कोई भी नियम इस अवैध शराब निर्माण और बिक्री से जुड़े लोगों पर लगाम लगाती नज़र नहीं आ रही है।
रायबरेली में जहरीली शराब का कहर
बीते जनवरी माह में जहरीली शराब पीने के चलते करीब 10 लोगों की मौत हो गई थी तथा करीब 15 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। इस मामले में संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने जिला आबकारी अधिकारी को निलंबित करने के साथ अवैध ज़हरीली शराब बेचने वाले विक्रेता और ठेकेदार को हिरासत में लेते हुए उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
अलीगढ़ में 25 की मौत
बीते साल 2021 के मई महीने में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले में ज़हरीली शराब के सेवन से करीब 36 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी तथा साथ ही और अधिक अधिक लोगों द्वारा शराब पीने का मामला सामने आया था।
बाराबंकी में 16 लोगों की मौत
2019 के मई महीने में बाराबंकी ज़िले में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो गयी थी। इस मामले के सामने आते ही प्रशासन एक्शन मोड में नजर आया था और मामले में प्राथमिकी दर्ज करते हुए ज़हरीली शराब विक्रेता को गिरफ्तार कर लिया गया था।
क्या कहती है विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) रिपोर्ट की मानें तो भारत में प्रति वर्ष करीब 2.6 लाख तो वहीं विश्व में करीब 30 लाख मौतें शराब सेवन के चलते होती हैं। कई बार तो ऐसे मामले भी सामने आते हैं जिसमें ज़हरीली शराब सेवन का मामला ज्ञात ही नहीं हो पाता। ऐसे में प्रशासन द्वारा सही दिशा और दशा में लागू पाबंदियां ही इन मामलों पर लगाम कस सकती हैं।
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