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कानपुर: स्मृति ईरानी के दौरे से पहले इस इंटक नेता को किया गया नजरबंद

इंटक नेता आशीष पाण्डेय बीते कई वर्षो से लाल इमली मिल के मजदूरों की लड़ाई लड़ रहे है। दरसल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कद्दावर नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी शहर के मजदूरों से वादा किया था कि लाल ईमली मिल को दोबारा शुरू कराया जाएगा।

Aditya Mishra
Published on: 24 March 2019 4:17 PM IST
कानपुर: स्मृति ईरानी के दौरे से पहले इस इंटक नेता को किया गया नजरबंद
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कानपुर: मजदूरों की लड़ाई लड़ रहे इंटक नेता आशीष पाण्डेय को परिवार समेत पुलिस ने नजरबंद कर दिया है। दरसल कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी चुनावी बिगुल फूकने के लिए आ रही है। मजदूरों की लड़ाई लड़ रहे इंटक नेता ने स्मृति ईरानी को ज्ञापन देने का एलान किया था। रविवार को बड़ी संख्या में पुलिस फ़ोर्स इंटक नेता के घर पहुंची और आशीष पाण्डेय की तलाश करने लगी।

जब पुलिस को इंटक नेता घर पर नही मिले तो पुलिस ने परिवार के साथ बदसलूकी करना शुरू कर दिया। लाल इमली के मजदूरों को 20 माह से वेतन नही मिला है।मजदूरों क परिवार भुखमरी की कगार से गुजर रहे है l बीते 5 साल में 41 मजदूरों की मौत हो चुकी है।

इंटक नेता आशीष पाण्डेय बीते कई वर्षो से लाल इमली मिल के मजदूरों की लड़ाई लड़ रहे है। दरसल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कद्दावर नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी शहर के मजदूरों से वादा किया था कि लाल ईमली मिल को दोबारा शुरू कराया जाएगा। जब केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी तो लाल इमली मिल बंदी की कगार पर पहुँच गई। स्मृति ईरानी को जब कपडा मंत्रालय मिला तो लाल इमली मिल ने पूरी तरह से दम तोड़ दिया।

लाल इमली के मजदूरों को बीते 20 माह से वेतन नही मिला है। जो मजदूर सेवा निवृति हो गए है उन्हें भी फंड और पेंशन नही मिल रही है। मजदूरों के परिवार भुखमरी की कगार से गुजर रहे है l इंटक नेता मजदूरों की समस्याओ के लिए कपड़ा मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुके है। लेकिन मजदूरों की समस्या नही सुनी गई और लिखे गए पत्रों का कोई जवाब नही आया।

इंटक नेता आशीष पाण्डेय ने बताया कि मैंने मजदूरों की समस्याओ को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को ज्ञापन देने के लिए कहा था। लेकिन पुलिस आज मेरे घर पर आई और उस वक्त मै घर पर नही था l पुलिस ने मेरी पत्नी और बच्चो के साथ अभ्रद्रता की l मै कोई अपराधी नही मजदूरों की लड़ाई लड़ना कोई अपराध नही है l जिला प्रशासन मेरे साथ और परिवार के साथ अपराधियों की तरह सलूक कर रहा है। बीजेपी की सरकार में लाल इमली के 41 मजदूरों की जान चली गई l सरकार ने उनके लिए क्या।

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Aditya Mishra

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