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Jhansi: यहां तो राम ही रावण है, लिखकर फार्मासिस्ट ने दी थी जान, अब चिकित्साधिकारी गायब

Jhansi News: गुरसरांय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात फार्मासिस्ट आत्महत्या के मामले में अब नया मोड़ आ गया है।

B.K Kushwaha
Published on: 6 April 2022 10:11 PM IST
Jhansi Crime News
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झांसी में महिला फार्मासिस्ट के आत्महत्या का मामला

Jhansi News: गुरसरांय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Gursarai CHC) में तैनात फार्मासिस्ट द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। बताते हैं कि 23 मार्च को फार्मासिस्ट द्रोपदी ने सुसाइड नोट लिखने के बाद आत्महत्या की। इसके दूसरे दिन यानि 25 मार्च से चिरगांव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का अधीक्षक गायब हो गया। हालांकि गुरसरांय थाने की पुलिस ने उक्त अधीक्षक के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरु की। कई दिन बीत जाने के बाद अधीक्षक का अब तक पता नहीं चला है। उधर, जिला मुख्यालय में बैठे चिकित्सा विभाग के अफसरों ने उक्त मामले में चुप्पी साद रखी हैं। इस मामले में जानकारी लेने का प्रयास किया मगर अफसर जवाब देने को तैयार नहीं है।

यहां तो राम ही रावण है.. लिखकर फार्मासिस्ट ने दी थी जान

मालूम हो कि गुरसरांय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Gursarai CHC) में तैनात फार्मासिस्ट द्रोपदी वर्मा का शव 23 मार्च को कमरे में फांसी के फंदे पर लटका मिला था। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला था। वहीं, जालौन के चुर्खी स्थित ग्राम बावई में रहने वाले मृतका के पिता विजय शंकर वर्मा ने बताया था कि एक युवक उसकी लड़की से जबरन शादी करने का दबाव बना रहा था। कइयों पर धमकी भी दी गई थी। धमकी दी जा रही थी कि अगर ऐसा नहीं किया तो फोटो- वीडियो वायरल कर देगा।

यह है लिखा था सुसाइड नोट में

सुसाइड में लिखा था कि बहुत सोचा मगर किसी ने हौसला नहीं बढ़ाया था। सीता को भी राम के सामने अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी, जबकि सीता रावण के यहां सुरक्षित थी, लेकिन यहां तो राम ही रावण है। इतना लिखकर उसने जान दे दी थी।

25 मार्च से गायब है कि चिरगांव का चिकित्साधिकारी

चिरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Chirgaon CHC) में अधीक्षक के पद पर डॉ. रविन्द्र कुमार सिंह तैनात थे। 23 मार्च को जब गुरसरांय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Gursarai CHC) की फार्मासिस्ट द्रोपदी ने आत्महत्या की थी, उसके दूसरे दिन अधीक्षक गायब हो गए। इस मामले में स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों ने बताया कि अधीक्षक महोदय गाय है। मार्च माह का भी वेतन नहीं मिला है। उधर, सूत्र बताते हैं कि गुरसरांय थाने (Gursarai Police Station) की पुलिस ने डॉ रविन्द्र सिंह के खिलाफ धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि डॉ रविन्द्र सिंह चिरगांव से पहले गुरसरांय थाने में चिकित्साधिकारी के पद पर कार्यरत थे। महिला द्वारा उक्त चिकित्सक के खिलाफ शिकायत की तो उसे तत्काल प्रभाव से तत्कालीन डीएम आन्द्रा वामसी (DM Andra Vamsi) ने गुरसरांय प्रभारी पद से हटाकर जिला चिकित्सालय अटैच कर दिया था। इसके अलावा उक्त चिकित्साधिकारी मऊरानीपुर में विवादित रहा है। वहां पर छेड़छाड़ की वारदातें की गई थी।

विवादित चिकित्साधिकारी को क्यों बनाया चिरगांव का अधीक्षक

जिला मुख्यालय में तैनात चिकित्साधिकारियों को उक्त चिकित्सक के बारे में सब कुछ मालूम हैं। इसके बावजूद उसको प्रभारी बनाया गया है। मऊरानीपुर, फिर गुरसरांय और चिरगांव में भी विवादित रहा है। इस चिकित्सक के खिलाफ शिकायती पत्र भी दिए गए मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया है। इन शिकायती पत्रों पर अगर ध्यान दिया होता तो फार्मासिस्ट द्रोपदी सुसाइड नहीं कर सकती?।

पत्नी से चल रहा हैं तलाक का मामला

उक्त चिकित्सक की पत्नी भी है। पत्नी से अदालत में तलाक का मामला विचाराधीन है। इसकी जानकारी स्टॉफ व अफसरों भी है मगर अब तक उक्त चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई है।

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Deepak Kumar

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