×

घरौरा के पुलिस और ग्रामीण संघर्ष में आरोपियों को राहत नहीं, सरेंडर करने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया में बांसडीह तहसील के घरौरा गांव में हुए पुलिस-ग्रमीण संघर्ष के आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 45 दिन के भीतर अदालत में सरेंडर करके जमानत अर्जी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

Dharmendra kumar
Published on: 19 Jun 2019 4:07 PM GMT
घरौरा के पुलिस और ग्रामीण संघर्ष में आरोपियों को राहत नहीं, सरेंडर करने का निर्देश
X

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया में बांसडीह तहसील के घरौरा गांव में हुए पुलिस-ग्रमीण संघर्ष के आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 45 दिन के भीतर अदालत में सरेंडर करके जमानत अर्जी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इस दौरान पुलिस उनकी गिरफ्तारी नहीं करेगी, लेकिन 45 दिन में सरेंडर नहीं करने पर पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकेगी।

यह भी पढ़ें...सलमान खान कर रहे थे एक्सरसाइज और आ गया डॉगी

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर एवं न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने मनोज बिंद व 57 अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने इस प्रकरण में दर्ज एफआईआर रद्द करने से भी इंकार कर दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार घरौरा ग्रामसभा की जमीन पर कब्जे की शिकायत पर गांव पहुंची पुलिस फोर्स व राजस्व टीम पर उत्तेजित गांव वालों ने हमला कर दिया था। पुलिस व ग्रीमण सघर्ष में तहसीलदार सहित कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

यह भी पढ़ें...जहरीली गैस की चपेट में आने से दो कर्मचारियों की हुई मौत

बाद में पुलिस ने बांसडीह थाने में 57 ग्रामीणों के विरुद्ध विधिविरुद्ध जमाव, बलवा, जानलेवा हमला, सरकारी कर्मचारियों पर हमला, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने आदि के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। याचियों का कहना था कि उन्हें राजनीतिक विद्वेष में झूठा फंसाया गया है। याचिका में उन्होंने एफआईआर रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story