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जीवन से खिलवाड़: नए डिब्बे में बेच रहे थे इस्तेमाल सर्जिकल दस्ताना, तीन गिरफ्तार

ट्रोनिका सिटी पुलिस ने एक फैक्ट्री पर छापा मारकर भारी मात्रा में सर्जिकल दस्ताने बरामद किए हैं। यह सभी दस्ताने अस्पतालों में इस्तेमाल हो चुके थे।

Bobby Goswami
Reporter Bobby GoswamiPublished By Shweta
Published on: 5 May 2021 9:33 AM GMT
पकड़े गए आरोपी
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पकड़े गए आरोपी

गाजियाबादः ट्रोनिका सिटी पुलिस ने एक फैक्ट्री पर छापा मारकर भारी मात्रा में सर्जिकल दस्ताने बरामद किए हैं। यह सभी दस्ताने अस्पतालों में इस्तेमाल हो चुके थे। जिन्हें नए डिब्बे में पैक करके बाजार में बेचने की तैयारी चल रही थी। मामले में 3 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है।

बता दें कि पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि ये वे दस्ताने हैं, जो प्राइवेट अस्पतालों में इस्तेमाल होते थे। पुलिस अब ये पता लगाने में जुटी है, कि इतनी भारी मात्रा में इस्तेमाल हो चुके दस्ताने ये आरोपी कहां से लेकर आए थे। ये भी पता लगाया जा रहा है कि अभी तक इस माल की सप्लाई कहां-कहां की गई है।

पकड़े गए तीनों आरोपी दिल्ली के रहने वाले हैं। पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी,जिसके बाद फैक्ट्री पर छापा मारा गया। छापा मारते ही पुलिस की आंखें भी खुली की खुली रह गई। क्योंकि माल इतनी ज्यादा संख्या में था,जिससे अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था,कि लॉकडाउन में इतना माल यहां लाया जा सकता है। माना जा रहा है कि आरोपियों के तार दिल्ली और अन्य हिस्सों से भी जुड़े हुए होंगे। जहां पर यह सप्लाई करने जा रहे थे। पुलिस का कहना है कि जैसे ही पता लग पाएगा कि कहां पर सप्लाई होनी थी उन लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी।यही नहीं जहां से यह सप्लाई आ रही थी वहां पर भी शिकंजा कसा जाएगा।


ऐसे तो संक्रमण बढ़ने का खतरा

आमतौर पर सर्जिकल ग्लव्स ऑपरेशन में इस्तेमाल होते हैं। लेकिन कोरोना काल में ग्लव्स की मांग बढ़ी है। लोग एक बार इस्तेमाल करके सर्जिकल ग्लव्स को डस्टबिन में फेंक देते हैं। शायद वही से इन आरोपियों ने ग्लव्स एकत्रित किए होंगे।इससे यह साफ है कि यह एक अस्पताल से जुड़ा हुआ मामला नहीं हो सकता है। इसमें कई अस्पतालों के डस्टबिन और उसमें मौजूद कूड़े के निस्तारण संबंधी लोगो की लापरवाही है। यह आरोपियों की अस्पतालों से मिलीभगत का मामला भी हो सकता है। तमाम चीजें जांच का विषय है। इस तरह के सर्जिकल सामान के इस्तेमाल के बाद जिस डस्टबिन में उन्हें फेंका जाता है, उसके निस्तारण का पूरा जिम्मा भी अस्पताल के पास होता है। यह सुनिश्चित किया जाता है, कि इस तरह का सामान दोबारा इस्तेमाल योग्य ना बचे।क्योंकि उससे संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ता है।

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Shweta

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