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पुलिस ने दो ट्रकों से किया अवैध शराब का जखीरा बरामद ,तीन गिरफ्तार

कानपुर देहात पुलिस ने हरियाणा से आने वाली अवैध शराब का जखीरा बरामद किया है। पुलिस ने 4 करोड़ 14 लाख की अवैध अंग्रेजी शराब के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। दो ट्रकों में 1725 पेटी शराब बरामद हुयी है। सबसे बड़ी बात यह है कि बिहार में शराब बंदी है इसके बाद भी इतनी बड़ी मात्रा में बिहार और गुजरात शराब भेजी जा रही थी। मंगलपुर पुलिस ने घेरा बंदी कर दो ट्रकों की तलाशी लेने पर शराब का जखीरा बरामद किया है।

Anoop Ojha
Published on: 23 Nov 2018 2:11 PM GMT
पुलिस ने दो ट्रकों से किया अवैध शराब का जखीरा बरामद ,तीन गिरफ्तार
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कानपुर: कानपुर देहात पुलिस ने हरियाणा से आने वाली अवैध शराब का जखीरा बरामद किया है। पुलिस ने 4 करोड़ 14 लाख की अवैध अंग्रेजी शराब के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। दो ट्रकों में 1725 पेटी शराब बरामद हुयी है। सबसे बड़ी बात यह है कि बिहार में शराब बंदी है इसके बाद भी इतनी बड़ी मात्रा में बिहार और गुजरात शराब भेजी जा रही थी। मंगलपुर पुलिस ने घेरा बंदी कर दो ट्रकों की तलाशी लेने पर शराब का जखीरा बरामद किया है। इन ट्रकों में ब्रांडेड शराब की पेटिया लदी हुयी थी।

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कानपुर देहात से होकर गुजरने वाले एनएच-2 से होकर ट्रक बिहार और गुजरात के लिए निकलते है।बिहार में शराब बंदी है इसके बाद बिहार में शराब की बड़ी खेप पहुंचायी जाती है। यह अंग्रेजी अवैध शराब हरियाणा से आती है,शराब तस्करी का अंतर्राज्यीय गिरोह सक्रिय है। कानपुर देहात् पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर दो ट्रकों से 1725 पेटी शराब के साथ ध्रुव कुमार ,अजब सिंह और राम कुमार को गिरफ्तार किया है।

एसपी राधे श्याम के मुताबिक डेरापुर क्षेत्राधिकारी और मंगलपुर इन्स्पेक्टर के नेतृत्व में पुलिस टीम को लगाया गया था।सूचना के आधार पर पुलिस ने घेराबंदी की थी जैसे ही ट्रक आये उनको बैरिकेंटिंग लगाकर रोक लिया गया। जब उनकी तलाशी ली गयी तो बड़ी मात्रा में ब्रांडेड शराब लदी हुयी थी। पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जब उनके पूछताछ की गयी तो कई चौकाने वाले तथ्य निकल कर सामने आये।

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उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य बीते कई वर्षो से अवैध शराब का गढ़ रहा है। यहाँ से भारत के कई राज्यों में बड़ी मात्रा में शराब सप्लाई की जाती है लेकिन इस गिरोह का नेटवर्क इतना ध्वस्त नही किया जा सका है। इसका मुख्य कारण है कि इस गिरोह के मुखिया का कम्युनिकेशन इतना मजबूत है कि निचले हिस्से के सदस्यों को पकड़े जाने के बाद सरगना तक पहुंच पाना मुश्किल है। जो लोग ट्रकों पर शराब लोड करने और ट्रकों को चला कर ले जाने का काम करते है वो सबसे निचले सदस्य होते हैं।

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इस तरह करतें है काम

जो ट्रक का ड्राइवर होता है उसे एक सिम और मोबाइल उपलब्ध कराया जाता है। जब शराब अपने ठिकाने पर पहुंच जाती है तो उस मोबाइल और सिम को तोड़ कर फेक दिया जाता है। ट्रक के पायलट को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि यह शराब कहां से आई है और किसे देना है। जब पायलट अपने टारगेट पर पहुंच जाता है तब उसे पता चलता है कि कि शराब कहां उतरना है।

इस कार्य के लिए ट्रक चालक को 40 से 50 हजार रुपये प्रति खेप दिया जाता है। पकड़ा गया ड्राइवर ध्रुव ने बताया कि जब वो पकड़ा गया था तो इस नेटवर्क से जुड़े लोग पैरवी कर जेल से छुडवाने का भी काम करते है। पूछताछ में पता चला है कि इस कार्य कई बड़े-बड़े ट्रांसपोर्टर भी जुड़े है। उत्तर प्रदेश के दर्जनों जनपदों में अंग्रेजी शराब का कारोबार चलता है। गुजरात और बिहार में अंग्रेजी शराब की बड़ी डिमांड है।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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