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UP Politics: उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या और मंत्री नंदगोपाल नंदी के बीच सियासी रार!
UP Politics: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल नंदी अपनी पत्नी अभिलाषा गुप्ता नंदी के लिए मेयर का टिकट चाहते थे। उन्हें टिकट तो नहीं मिला, अलबत्ता धुर विरोधी को पार्टी में शामिल कराकर उन्हें साइडलाइन करने के संकेत दे दिये गये। अब वह काफी नाराज बताये जा रहे हैं।
UP Politics: राजनीति में कभी कुछ भी स्थिर व फाइनल नहीं होता। शतरंज की बिसात की तरह यहां भी मोहरे और उनकी चाल बदलती रहती है। शह और मात के इस खेल में कब एक प्यादा वजीर को मात दे, बड़े-बड़े खिलाड़ियों को भी इसका अंदाजा नहीं होता। इन दिनों ऐसा ही कुछ यूपी के प्रयागराज में हो रहा है। यहां, इतिहास खुद को दोहराता हुआ नजर आ रहा है। निकाय चुनाव में प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल नंदी की एक नहीं चल रही है। एक तो उनकी पत्नी का टिकट काट दिया, दूसरे उनके विरोधी नेता को बीजेपी में शामिल कराया गया है।
इसी के साथ यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या नंद गोपाल नंदी का राजनीतिक अवसान शुरू हो गया है? क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही वह बीजेपी में शामिल हुए थे, तब उन्हें तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ही पार्टी में लेकर आये थे। उस वक्त भाजपा नेता केशरीनाथ त्रिपाठी ने उनकी ज्वॉइनिंग का विरोध किया था जो 2007 में बसपा नेता नंदी से चुनाव हार गये थे। अब फिर से कुछ वैसी ही स्थिति बनती दिख रही है। फिर दूसरे दल के नेता को पार्टी में लाने वाले केशव प्रसाद मौर्या ही हैं, बस मोहरा बदल गया है। तब आने वाले नंदगोपाल नंदी थे और अब रईस शुक्ला हैं। उस वक्त दर्द केशरीनाथ त्रिपाठी को हुआ था और अब नंदी को हो रहा है।
नंदी हो रहे साइडलाइन?
यूपी के कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल नंदी अपनी पत्नी अभिलाषा नंदी के लिए मेयर का टिकट चाहते थे। उन्हें टिकट तो नहीं मिला, अलबत्ता धुर विरोधी को पार्टी में शामिल कराकर उन्हें साइडलाइन करने के संकेत दे दिये गये। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने शनिवार को रईश शुक्ला को पार्टी में शामिल कराया। सूत्रों का कहना है कि डिप्टी सीएम केशव के इशारे पर ही नंदी की पत्नी का टिकट काटकर महानगर अध्यक्ष गणेश केसवरवानी को मेयर कैंडिडेट घोषित किया गया है।
नंदी के निशाने पर डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जैसे ही रईस शुक्ला को पार्टी में शामिल कराया, थोड़ी देर बाद ही नंदी ने केशव का नाम लिये बिना ही उन पर जुबानी हमला बोला। कहा कि कुछ लोग पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चलाना चाहते हैं। अपनी हठधर्मिता से वह पार्टी को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक की अवहेलना करते हुए विपक्षी उम्मीदवार को पार्टी ज्वाइन करवाना बेहद गंभीर प्रकरण और गहरी साजिश है। यह रवैया पार्टी की मूल वैचारिकी और कार्य पद्धित के पूर्णत: विपरीत है। इस मामले में केशव प्रसाद मौर्या ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
नंदी और रईस में छत्तीस का आंकड़ा
मंत्री नंदी और रईस शुक्ला के बीच छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है। 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रयागराज दक्षिण विधानसभा सीट से नंदगोपाल नंदी ने सपा प्रत्याशी रईस शुक्ला को हरा दिया था। दोनों के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। रईस शुक्ला इससे पहले बीजेपी में ही थे। 2015 में भाजपा से ही उन्होंने एमएलसी का चुनाव लड़ा था, लेकिन सपा प्रत्याशी वासुदेव यादव से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वह सपा में शामिल हो गये। मेयर टिकट को लेकर सपा से नाराजगी के चलते वह बीजेपी में शामिल हो गये।
भाजपा की नजर ब्राह्मण वोटों पर
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी अब प्रयागराज दक्षिण विधानसभा की जिम्मेदारी रईस शुक्ला को सौंपना चाहती है। ब्राह्मण चेहरे के तौर पर 2024 के आम चुनाव में उन्हें पार्टी की तरफ से कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। मंत्री नंदगोपाल नंदी के पहले भी उनसे मंत्रीपद छिनने की चर्चा थी। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी इस पर रईस शुक्ला को यहां से टिकट दे सकती है। 2022 में रईस शुक्ला, नंदी से करीब 26 हजार वोटों से ही चुनाव हारे थे।