×

किसान विरोधी भाजपा सरकार, उद्योगपतियों के मुनाफे को प्राथमिकता में रखकर बनाती है नीतियां: अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा कृषि की स्वतंत्रता को खत्म कर उसे उद्योग बनाने के षड्यंत्रों में लगी है।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 23 May 2021 10:38 PM IST
akhilesh-yadav
X

पत्रकारों को संबोधित करते पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने है कहा कि भाजपा कृषि की स्वतंत्रता को खत्म कर उसे उद्योग बनाने के षड्यंत्रों में लगी है। इसलिए वह किसान हितों की निरंतर उपेक्षा करती नजर आती है। कृृषि में प्रयोग होने वाले डीजल के दाम बढ़ाकर भाजपा ने परिवहन महंगा कर दिया। किसानों को फसल की लागत मिलना भी दुर्लभ हो गया। सरकार किसानों को पूरी तरह बर्बाद करने पर तुल गई है। भाजपा पूरी तरह बडे़ उद्योगपतियों और सेठ साहूकारों के मुनाफे को प्राथमिकता में रखकर नीतियां बनाती है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों और प्रशासकीय अव्यवस्था के चलते किसानों की जिंदगी दिन प्रतिदिन दूभर होती जा रही है। डीएपी की कीमत दो बार बढ़ाकर सब्सिडी का ड्रामा करने वाली भाजपा की डबल इंजन सरकार में यूरिया की कालाबाजारी जारी है। वर्षा की चेतावनी के बावजूद क्रय केंद्रों में जमा टनो गेहूं लापरवाही के चलते भीग कर खराब हो गया। भाजपा की इन किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ तो दल के अन्दर भी विरोध के स्वर उठने लगे है।

उन्होंने कहा कि किसानों से छल कपट की भाजपाई राजनीति के काले पन्ने खुलते जा रहे हैं। अब महंगी खाद पर सब्सिडी बढ़ाने का छलावा किया जा रहा है। अखिलेश ने कहा कि उर्वरक, बीज, कीटनाशक के साथ सिंचाई की सुविधाएं बढ़ाने का काम समाजवादी सरकार ने किया था। पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार पहले बिजली दरें बढ़ा चुकी थी। अभी फिर बिजली दरों में 12 प्रतिशत वृृद्धि के लिए उसने बिजली कंपनियों के मालिकों से सांठगांठ की। खुद भाजपा के एक केन्द्रीय मंत्री ने किसानों के साथ हो रही लूट पर चिंता जतायी है।

उन्होंने कहा कि किसान पर असमय बरसात का कहर भी टूट पड़ा है। खलिहान में और क्रय केंद्रों में खुले में रखा गेहूं भीग गया है। बरेली, मोहम्मदी खीरी, गोला गोकर्णनाथ, जालौन, हरदोई, फतेहपुर आदि जनपदों में अव्यवस्थाओं के चलते कई टन गेहूं बर्बाद हो गया। अधिकारियों की यह घोर लापरवाही है क्योंकि वर्षा की उन्हें पूर्व चेतावनी मिल चुकी थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पूरी तरह बडे़ उद्योगपतियों और सेठ साहूकारों के मुनाफे को प्राथमिकता में रखकर नीतियां बनाती है। गन्ना किसानों को आज भी मिल मालिकों की दया पर छोड़ दिया गया है, उनका अभी भी 40 प्रतिशत से ज्यादा बकाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा किसानों का शोषण और अपमान किया है। किसान भाजपा से बुरी तरह आक्रोशित है और पिछले छह माह से आंदोलन कर रहा है, फिर भी कोई किसानों से वार्ता को तैयार नही है। अगले वर्ष होने वाले चुनावों में किसान भाजपा को सत्ता से बेदखल कर सबक सिखाएंगे। तभी 2022 में समाजवादी सरकार बनने पर किसानों को न्याय मिलेगा।



Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

Next Story