×

हवा में घुला प्रदूषण और ज्यादा जहरीला, पीएम-10 का स्तर पहुंचा 576

Shivakant Shukla
Published on: 11 Nov 2018 6:37 PM IST
हवा में घुला प्रदूषण और ज्यादा जहरीला, पीएम-10 का स्तर पहुंचा 576
X

नोएडा: शहर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। रविवार को उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के आकड़ों के मुताबिक शहर आपातकाल की श्रेणी में पहुंच गया। शहर में सुबह आठ बजे पीएम-2.5 का स्तर 307 व पीएम-10 का स्तर 480 रिकार्ड किया गया।

वहीं, सेक्टर-125 में पीएम-2.5 का स्तर 366 और पीएम-10 का स्तर 576 रिकार्ड किया गया। यह स्तर अब तक जारी किए गए आकड़ों में सर्वाधिक है। बताया जा रहा है कि एक पश्चिमी की तरफ से एक विक्षोभ सक्रिय है। इसका असर शहर पर पड़ेगा। ऐसे में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी होगी। जाहिर है यहा रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ सकता है।

ये भी पढ़ें— आतंकवाद पर जवाबदेही को लेकर UN पर बरसा भारत, कहा कुछ ऐसा

नौ करोड़ रुपए के चलान के बाद भी नहीं सुधर रही शहर में प्रदूषण की सेहत

वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आकड़ों को देखे तो सोमवार शाम चार बजे पीएम-2.5 का स्तर 445 रिकार्ड किया गया। यह स्तर सांस संबंधित बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए जानलेवा स्तर है। समस्या यह है कि इतना होने के बाद भी प्राधिकरण व जिला प्रशासन बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने में विफल है। सिर्फ नोएडा में प्रदूषण स्तर कम करने के लिए नवंबर-2016 से अब तक कुल 150 से ज्यादा बैठक हो चुकी है।

यह बैठक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, प्राधिकरण व जिला प्रशासन के साथ हुई। जिसमे रणनिति तय की गई। लेकिन प्रदूषण के स्तर में हर बार बढ़ोतरी ही दर्ज होती दिख रही है। दीवाली के बाद से ही शहर के वातावरण में सफेद रंग और रात में हल्की गुलाबी रंग की परत दिखाई देने लगती है। यह और कुछ नहीं बल्कि प्रदूषण की एक परत है। अधिकारियों ने बताया कि सिर्फ बारिश ही बढ़ते प्रदूषण को रोक सकती है। जाहिर है यदि यही स्थिति रही तो विगत वर्ष की तरह प्राधिकरण क़तिम बारिश करा सकता है।

ये भी पढ़ें— मध्य प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आई तो आरएसएस पर लगेगा प्रतिबंध

नौ करोड़ के किए गए चालान

नवंबर 2016 में जब से एनजीटी का आदेश लागू हुआ है तब से सिटी मैजिस्ट्रेट की ओर से 590 लोगों पर करीब 4.90 करोड़ तक जुमार्ना लगाया गया है। इनमें जमा केवल 80 लाख तक हो पाया है। करीब 4 करोड़ से भी ज्यादा जुमार्ना जिला प्रशासन वसूल नहीं पा रहा। नोएडा प्राधिकरण ने एनजीटी का आदेश लागू होने के बाद दो साल में 4.57 करोड़ का जुमार्ना लगाया गया है। इसमें से करीब 2.2 करोड़ रुपये ही से जमा करा पाए हैं। ईपीसीए के चेयरमैन भूभरेलाल ने हाल ही में शहर का निरीक्षण किया। किए जा रहे कार्यो की तरीफ भी की। साथ ही दिशा निर्देश भी दिए। लेकिन अब तक इसका असर महज 10 प्रतिशत ही हो सका है।

नोएडा दिल्ली बार्डर पर ट्रको की लगी कतार

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर देखते हुए वहां ट्रको के प्रवेश पर प्रतिबंध है। सिर्फ जरूरी सामान लेकर जाने वाले ट्रको को ही प्रवेश दिया जा रहा है। ऐसे में दिल्ली से सटे नोएडा में इसका असर साफ देखने को मिल रहा है। यहा डीएनडी पर ट्रको की कतार लगी है। उन्हें दिल्ली में प्रवेश नहीं मिल रहा है। ऐसे यहा से जाने वाले वाहनों को जाम की समस्या हो रही है।

ये भी पढ़ें— शर्मनाक: ये है मंत्री जी के स्वच्छ भारत कार्यक्रम में गंदगी की तस्वीरें

पब्लिक ट्रांसपोर्ट में की जाए बढ़ोतरी

ईपीसीए के अध्यक्ष भूरेलाल ने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा प्रयोग करना पड़ेगा। इसके लिए बसों, मेट्रो में कोचेस की संख्या में इजाफा किया जाए। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इनमे सफर करे। निजि वाहनों के प्रयोग करने से बचे। एक विकल्प पार्किंग की दरों में इजाफा भी है। दरसअल, नोएडा में पार्किंग विवाद पहले से ही चरम पर है। हालांकि यही स्थिति रही तो पार्किंग शुल्क में एनजीटी के नियमा नुमासार पार्किंग शुल्क में तीन से चार गुना तक बढ़ोतरी की जा सकती है। ऐसे में लोग अपने निजि वाहनों का कम प्रयोग करेंगे। साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करेंगे।



Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story