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ना पीने को पानी, ना बैठने के लिए कुर्सी, ऐसा है यहां का पॉलिटेक्निक कॉलेज
स्किल इंडिया के दौर में जहां हर हाथ को कुशल प्रशिक्षण देने की कवायद पूरे देश मे जारी है वही सोनभद्र जिले के राजकीय पॉलिटेक्निक के करीब 800
सोनभद्र: स्किल इंडिया के दौर में जहां हर हाथ को कुशल प्रशिक्षण देने की कवायद पूरे देश मे जारी है। वही सोनभद्र जिले के राजकीय पॉलिटेक्निक के करीब 800 छात्र टाट पट्टी पर बैठ कर बिना प्रयोगात्मक कार्य के ही भावी इंजीनियर बनने का सपना बुन रहे है। यहां की हालत ऐसी है जिसे देख के उनके भविष्य का डर सताने लगता है।
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क्या है पूरा मामला?
- सोनभद्र जिला मुख्यालय स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक का आलम यह है कि पिछले 4 सालों से संचालित इस करोड़ो की बिल्डिंग में ना तो एक बूंद पानी की व्यवस्था है और ना छात्रों के बैठने के लिए फर्नीचर की।
- इतना ही नही वहां प्रयोगात्मक पढ़ाई की तो बात ही बेमानी है। प्रयोगशाला में लाखों की मशीनें भी धूल फांकती नजर आती है।
प्राचार्य एस के सिंह की माने तो यहां अध्यापकों की बहुत कमी है। पढ़ाई और प्रैक्टिकल में बहुत मुश्किल होती है। पानी न होने की बात पर प्राचार्य सिंह का कहना है कि सारे प्रयास किये जा चुके किन्तु असफलता ही हाथ लगी। अब आगे क्या हो सकता है प्रयास किया जा रहा है।
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