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CM के शहर में प्राइमरी स्कूलों की ये हालत: जर्जर बिल्डिंग, बिजली गुल

कहने को तो ये सीएम का शहर है। लेकिन, यहां के प्राइमरी स्कूलों की हालत ऐसी है कि बच्चों का भविष्य भी अब अँधेरे में नजर आने लगा है। ऐसे शिक्षा व्‍यवस्‍था में सुधार कैसे होगा? जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर बच्‍चों के सिर पर मौत का खतरा उन्हें ना पढ़ने देता है ना चैन

tiwarishalini
Published on: 11 Aug 2017 5:46 PM IST
CM के शहर में प्राइमरी स्कूलों की ये हालत: जर्जर बिल्डिंग, बिजली गुल
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गोरखपुर: कहने को तो ये सीएम का शहर है। लेकिन, यहां के प्राइमरी स्कूलों की हालत ऐसी है कि बच्चों का भविष्य भी अब अँधेरे में नजर आने लगा है। ऐसे शिक्षा व्‍यवस्‍था में सुधार कैसे होगा? जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर बच्‍चों के सिर पर मौत का खतरा उन्हें ना पढ़ने देता है ना चैन की सांस लेने देता है। योगी सरकार जहां गांव में 18 घंटे बिजली देने का लोक-लुभावन वादा कर रही है, वहीं इस विद्यालय में पिछले दो सालों से बिजली ही नहीं है। ऐसे में इस अंधकार में पढ़ रहे बच्‍चों के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की कामना कैसे की जा सकती है?

कहा का मामला?

- गोरखपुर के खोराबार ब्‍लाक में स्थित प्राथमिक विद्यालय तक जाने के लिए ढंग का रास्ता भी नहीं है।

- वहां बिजली भी पिछले दो साल से नहीं है। और तो और स्कूल की बिल्डिंग भी एकदम सड़ चुकी है।

- इस विद्यालय में पढ़ाने वाली प्रधानाध्‍यापिका विजय लक्ष्‍मी मिश्रा खुद यहां की बदहाली बयां करती हैं।

- उनका कहना है कि प्रधान से लेकर एसडीएम व जनता दरबार तक हम लोगों ने विद्यालय की समस्‍या से संबंधित अधिकारी को अवगत कराया। लेकिन, अध्रिकारियों के कान पर जूं तक रेंगने का नाम नहीं ले रहा है।

- हम लोगों की मजबूरी है कि बच्‍चों को हम इस जर्जर भवन में शिक्षा दे रहे हैं।

- इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्‍चे भी काफी खौफजदा हैं। छात्रा गायत्री, किशन, प्रिया बताती हैं कि आए दिन यहां जहरीले कीड़े निकलते रहते हैं। वहीं बरसात में छत के तमाम हिस्सों से रिसाव होता रहता है।

- पढ़ना तो दूर, बैठना भी मुश्किल हो जाता है। बारिश के समय में हमलोग एक कमरे में पढ़ने को मजबूर रहते हैं।

- वहीं गर्मी के समय बिजली नहीं रहने से पढ़ने का मन नहीं होता है।

- हम लोगों को यहां पर तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

जब मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के शहर में प्राथमिक विद्यालयों का यह हाल है तो प्रदेश के अन्‍य 75 जिलों का क्‍या हाल होगा यह आसानी से समझा जा सकता है।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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