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योगी राज में सरकारी स्कूलों की ऐसी दुर्दशा.....कभी सोचा ना था
मथुरा: प्रदेश में लाख कोशिशों के बावजूद भी ना तो प्रशासन आदेशों का पालन करता है ना ही प्रधान। इससे गांव की समस्याएं बढ़ती जा रही है। पढ़ाई से लेकर गाँव की सड़कों तक सबकी हालत बुरी है। प्रधान को विकास के लिए दी गई धनराशि का वो सही से इस्तेमाल नहीं कर पा रहे। जिस कारण लोगों में आक्रोश नजर आ रहा है।
- हम बात कर रहे हैं मथुरा के पानी गांव की, जहां सड़कों की हालत बेहद खस्ता है।
- गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय तक पहुंचने के लिए बच्चों को भारी मशक्कत करनी पड़ती है।
- सड़कें पूरी तरह बनी भी नहीं है। उसपर अगर कभी बारिश हो जाए तो बच्चों का स्कूल आना किसी जंग से कम नहीं।
- कभी तो ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं कि हर कोई अपने बच्चे के सही सलामत लौटने का इन्तजार करता है।
बिजली भी गायब
- गांव में बिजली का हाल बेहाल है।
- लोगों के घरों में पंखे सिर्फ देखने के लिए रह गए हैं। क्योंकि वहां बिजली तो आने से रही।
- ऐसे में बच्चों का गर्मी में पढ़ना सबसे मुश्किल होता है।
स्कूल में शौचालय नहीं
- इनसब के बाद जैसे तैसे बच्चे अगर स्कूल आ भी जाते हैं तो वहां भी उनके लिए ना शौचालय है और ना पानी का बंदोबस्त।
- ये समस्या पिछले कई सालों से है मगर अभी तक इसका उपचार नहीं निकाला गया।
स्कूल द्वारा इतने लेटर ग्राम प्रधान पप्पू को दिए जा चुके है। तब भी स्कूल में शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई।