TRENDING TAGS :
3 दिन पुरानी मां की लाश से लिपटकर रो रहे बच्चे, अभी भी नहीं मिली प्रशासन की मदद
गरीबी और प्रशासन की उदासीनता के बारे में किसी शायर ने क्या खूब लिखा है -' तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं,
शाहजहांपुर: गरीबी और प्रशासन की उदासीनता के बारे में किसी शायर ने क्या खूब लिखा है -' तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है। तुम्हारी मेज चांदी की, तुम्हारे जाम सोने के, यहां सुनील के घर में फूटी आज भी रकाबी है'।
ये पंक्तियां सटीक बैठतीं हैं मृतक गीता देवी के परिवार पर।
एक तरफ सरकार गरीबों के लिए तमाम योजनाओं को चलाने का वायदा कर रही है। दूसरी तरफ प्रशासन की उदासीनता के चलते गरीबी में मरने के बाद भी गीता का शव 3 दिनों से घर में ही रखा है। बच्चों के पास इतने भी पैसे नहीं हैं कि वो अपनी मां का अंतिम संस्कार करें। मामले की जानकारी होने के बावजूद कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया।
ये भी पढ़ें... खेत में काम कर रहे दो लोगों पर जानलेवा हमला, हालत नाजुक
पैसे की कमी से नहीं हो पाया इलाज
- शाहजहांपुर के जमुका गांव में रहने वाली गीता देवी को चार दिन पहले सांप ने काट लिया था।
- गीता की चार बेटियाँ हैं। उसका पति मानसिक रूप से बीमार रहता है।
- गरीबी में जैसे तैसे उनकी रोजी रोटी चलती है।
- ऐसे में सांप के काटने के बाद उसके घरवालों के पास इतने पैसे नहीं थे कि उसका इलाज करवा सकें।
- वो अस्पताल लेकर तो गए मगर पैसे की कमी के चलते वापस लौट आना पड़ा। और देखते ही देखते गीता ने दम तोड़ दिया।
अंतिम संस्कार को नहीं है पैसे, 3 दिन से घर में लाश
- गीता की चार बेटियां हैं जो अभी छोटी है।
- गीता की मृत्यु के बाद वो बेसहारा हो गई हैं।
- गीता का पति भी उतनी कमाई नहीं करता। ऐसे में उन लोगों के पास अंतिम संस्कार तक के पैसे नहीं है।
- गीता के पति ने मिल मालिक से मदद भी मांगी। मगर खाली हाथ ही लौटना पड़ा।
ये भी पढ़ें... जेल में नहीं सो पाया राम रहीम, बाबा के बाद अब बन गया माली
प्रशासन भी चुप
- इस मामले को 3 दिन हो गए। ऐसा नहीं है कि प्रशासन इससे बेखबर है। मगर फिर भी अबतक चुप है।
- इतना सब कुछ जानने के बावजूद अबतक गीता के परिवार की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया।
बेटी के मुताबिक़-
गीता की बेटी गुंजन कहना है कि वह हाई स्कूल मे पढ़ती है। बाकी छोटी बहने पैसे न होने के चलते पढ़ नही पा रही है। उसका आरोप है कि जब उसने अपनी मां को जिला अस्पताल मे भर्ती कराया तो उससे पैसे मांगे गए थे। उसके पिता ने मिल मालिक सुरेश अग्रवाल से सिर्फ एक हजार रुपये मांगे थे। लेकिन उसने देने से इंकार कर दिया जबकि मिल मालिक के पास पैसे की कमी नहीं है। उसने पापा को इस महिने की पगार भी नही दी है।
एसडीएम ने दी सफाई-
जब इस मामले मे एसडीएम सदर राम जी मिश्रा से बात की तो उनका कहना है कि इस मामले का संज्ञान उनको कुछ देर पहले हुआ है। हमने तहसीलदार और संबंधित थाना अधिकारी को मौके पर भेजा। उस परिवार को अंतिम संस्कार करने के लिए समझाया जा रहा है। अंतिम संस्कार के लिए भी परिवार को मदद की जाएगी। मिल मालिक के खिलाफ गीता के से लिखित शिकायत लेकर उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।